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100 साल पहले साथ शुरू किया था सफर, तब गेहूं की कीमत पर मिलता था सोना, अब जमीन-आसमान का अंतर - Journey Of Gold And Wheat Price

आज सोना यानि गोल्ड के दाम आसमान छू रहे हैं. जबकि गेहूं के दाम गोल्ड के आगे कुछ भी नहीं है. जबकि 100 साल पहले सोना और गेहूं ने सफर एक साथ शुरू किया था. 100 साल पहले गेहूं 18 रुपए क्विंटल और सोना 18 रुपए तोला होता था. पढ़िए गेहूं और सोना का सफर...

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jul 5, 2024, 8:53 PM IST

Updated : Jul 5, 2024, 11:02 PM IST

Journey Of Gold And Wheat Price
गेहूं और सोना के दाम का सफर (ETV Bharat)

JOURNEY OF GOLD AND WHEAT PRICE: आज 24 कैरेट सोने के दाम 73500 प्रति तोला तक पहुंच गया है. आज से ठीक 100 साल पहले सोना और गेहूं एक रेट थे, लेकिन सोने और गेहूं के दामों की दौड़ में सोना बहुत आगे निकल गया और गेहूं बहुत पीछे रह गया. जबलपुर के समाजसेवी जयंत वर्मा कहते हैं कि 'सोना ही नहीं समाज के दूसरे सामानों के दाम भी बहुत तेजी से बढ़े, लेकिन कृषि उत्पादों के दाम नहीं बढ़े. यही वजह है कि किसान बाकी समाज से धीरे-धीरे गरीब होता चला गया.' जानिए पिछले बीते 100 सालों के सोने और गेहूं के दाम का सफर...

बीते 100 सालों में सोने के दाम

आपको ये सुनने में हैरानी होगी कि, आज से 100 साल पहले यानि की 1925 में भारत में सोना मतलब गोल्ड मात्र 18 रुपया तोला था. सोने की जरूरत और मांग तब भी बहुत अधिक थी. 1947 में जब भारत आजाद हुआ. तब सोने की कीमत 99 रुपए तोला थी. 1975 में जब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने भारत में आपातकाल लागू किया था, तब भारत में सोने की कीमत 540 रुपया प्रति तोला थी. 1980 में पहली बार सोना ₹1000 प्रति तोला पहुंचा. सन 2000 में भारत में सोने की कीमत ₹3970 प्रति तोला थी. जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहली बार 2014 में प्रधानमंत्री बने, तब भारत में सोने की कीमत ₹28000 प्रति तोला थी और ठीक 10 साल बाद आज सोना 74490 प्रति तोला तक बिक रहा है.

सोने और गेहूं के दाम (ETV Bharat)

बीते 100 सालों में गेहूं के दाम

यदि सोने के दाम को गेहूं के दाम से तुलना की जाए तो जबलपुर के समाजसेवी जयंत वर्मा कहते हैं कि 'आज से 100 साल पहले जो सोना गेहूं के एक क्विंटल दाम के बराबर था. आज एक तोला सोने में लगभग 30 क्विंटल गेहूं खरीदा जा सकता है. 1925 में भारत में गेहूं की कीमत ₹16 प्रति क्विंटल थी. जो 1950 तक 65 रुपया प्रति क्विंटल हो गई. भारत में जब से हरित क्रांति तेजी से आई, तब भारत में गेहूं की कीमत 115 रुपया प्रति क्विंटल थी.

1975 में जब देश में आपातकाल लगाया गया था. तब गेहूं की कीमत लगभग 205 रुपए प्रति क्विंटल थी. सोना जहां 1983 में ही हजारी हो गया था. गेहूं को हजारी होते-होते 2007 का साल गया था. 2007-08 में पहली बार गेहूं ₹1000 प्रति क्विंटल था. जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहली बार देश के प्रधानमंत्री बने, तब गेहूं की कीमत 1250 रुपए थी. 10 साल बाद सोना तीन गुना हो गया है, लेकिन गेहूं मात्र ₹2300 प्रति क्विंटल बिक रहा है. गेहूं और सोने के ये दाम यह बताते हैं कि कैसे बीते 100 सालों में किसान गरीब हुआ है.

सोने और गेहूं के दाम (ETV Bharat)

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साथ शुरू हुए सफर में आया जमीन आसमान का अंतर

गेहूं और सोने के दामों की यह तुलना किसान के आर्थिक हालातों को बतलाती है कि किस तरह साल 10 साल सोने के दाम बढ़ते चले गए और गेहूं के दाम घटने जैसे बढ़े. इस तरह कभी कम खेती करके खुशहाल रहने वाला किसान आज ज्यादा उत्पादन करने के बाद भी परेशान है. सोने के अलावा बाकी सामानों के दाम भी खेती के उत्पादों की तुलना में ज्यादा बढ़े हैं. फिलहाल सोना 74000 प्रति तोला है. ऐसा लगता है कि जल्द ही सोने के दाम ₹100000 प्रति दस ग्राम तक पहुंच जाएंगे.

Last Updated : Jul 5, 2024, 11:02 PM IST

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