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را م مندر کی تعمیر کے لیےدستخط مہم

بعض نام نہاد مسلم تنظیموں کی جانب سے رام مندر کی تعمیر کے لیے شروع کی گئی دستخط مہم کی ہندو مذہبی پیشوا شنکر آچاریہ نے مخالفت کی ہے، تاہم ان کے شاگرد اوی مکتیشور آنند اور بابا رام دیو بابا نے اس مہم کی تعریف کی ہے۔

را م مندر کی تعمیر کے لیےدستخط مہم
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Published : Jun 15, 2019, 11:39 PM IST

ایودھیا جو بابری مسجد تنازع کی وجہ سے اکثر سرخیوں میں رہتا ہے۔ ان دنوں کچھ نام نہاد مسلم تنظیموں کی جانب سے مندر کے تعمیر کے لیے بابری مسجد اراضی ہندؤں کو تحفے کے طور پر زمین سوپنے کے لیے دستخط مہم کی شروعات کی گئی ہے۔

را م مندر کی تعمیر کے لیےدستخط مہم
جہاں بابا رام دیو نے اس دستخط مہم کا خیر مقدم کیا ہے۔وہیں شنکر آچاریہ نے اس کی مخالفت کی ہے۔شنکر آچاریہ کے شاگرد اوی مکتیشور آنند کے حمایت کرنے پر ان کا کہنا کہ وہ اس بھی اس کی مخالفت کریں گے۔اس موضوع کو لیکر بابا رام دیو کا کہنا ہے ہندؤں مسلم کے درمیان بھائی چارگی، اکائی اور فرقہ وانہ ہم آہنگی سے ہی ملک کی ترقی ہوگئی۔وہ مسلم تنظیم کے اس پہل کا خیر مقدم کرتے ہیں ۔بابا رام دیو کا نے دعوا کیا کہ 'مسلم سماج بھی مانتا ہے کہ ایودھیا کی زمین میں رام کی پیدائش ہوئی ہے۔ ایسے میں مسلم وہاں عبادت کرنا ممکن نہیں ہے۔مکہ، مدینہ مسلمانوں کی عبادت گاہ ہیں اور بھارت میں رام جنم بھومی اور کرشن جنم بھومی اور کاشی وشوناتھ تیرتھ ہے'۔شنکر آچاریہ کا کہنا ہے کہ اس طرح کی مہم کی کوئی ضرورت ہی نہیں ہے۔جن مسلم لوگوں نے ایودھیا معاملے مین سپریم کورٹ میں عرضی دائر کی ہے وہ عرضی واپس نہیں لیتے ہیں ، تب تک اس طرح کی مہم کاریگر ثابت نہیں ہوسکتی ہے۔

ایودھیا جو بابری مسجد تنازع کی وجہ سے اکثر سرخیوں میں رہتا ہے۔ ان دنوں کچھ نام نہاد مسلم تنظیموں کی جانب سے مندر کے تعمیر کے لیے بابری مسجد اراضی ہندؤں کو تحفے کے طور پر زمین سوپنے کے لیے دستخط مہم کی شروعات کی گئی ہے۔

را م مندر کی تعمیر کے لیےدستخط مہم
جہاں بابا رام دیو نے اس دستخط مہم کا خیر مقدم کیا ہے۔وہیں شنکر آچاریہ نے اس کی مخالفت کی ہے۔شنکر آچاریہ کے شاگرد اوی مکتیشور آنند کے حمایت کرنے پر ان کا کہنا کہ وہ اس بھی اس کی مخالفت کریں گے۔اس موضوع کو لیکر بابا رام دیو کا کہنا ہے ہندؤں مسلم کے درمیان بھائی چارگی، اکائی اور فرقہ وانہ ہم آہنگی سے ہی ملک کی ترقی ہوگئی۔وہ مسلم تنظیم کے اس پہل کا خیر مقدم کرتے ہیں ۔بابا رام دیو کا نے دعوا کیا کہ 'مسلم سماج بھی مانتا ہے کہ ایودھیا کی زمین میں رام کی پیدائش ہوئی ہے۔ ایسے میں مسلم وہاں عبادت کرنا ممکن نہیں ہے۔مکہ، مدینہ مسلمانوں کی عبادت گاہ ہیں اور بھارت میں رام جنم بھومی اور کرشن جنم بھومی اور کاشی وشوناتھ تیرتھ ہے'۔شنکر آچاریہ کا کہنا ہے کہ اس طرح کی مہم کی کوئی ضرورت ہی نہیں ہے۔جن مسلم لوگوں نے ایودھیا معاملے مین سپریم کورٹ میں عرضی دائر کی ہے وہ عرضی واپس نہیں لیتے ہیں ، تب تک اس طرح کی مہم کاریگر ثابت نہیں ہوسکتی ہے۔
Intro:एक मुस्लिम संगठन द्वारा अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर के निर्माण के लिए मुसलमानों द्वारा हिंदुओं को सौगात पूर्वक जमीन सौंपने के लिए मुसलमानो द्वारा हस्ताक्षर अभियान चलाकर राम जन्मभूमि हिंदुओं को देने की बात कही है मगर इस अभियान के समर्थन और विरोध में भी लोग उतर आए हैं इस अभियान का जहां बाबा रामदेव ने स्वागत किया तो वही शारदा द्वारका पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती इस अभियान से सहमत नहीं है


Body:मुस्लिम संगठनों द्वारा चला के हस्ताक्षर अभियान का बाबा रामदेव ने स्वागत किया है बाबा रामदेव का कहना है कि मुस्लिम समाज भी मानता है की यह भूमि श्री राम की जन्मभूमि है इसलिए ना मुस्लिम तीर्थ का होना तो संभव नहीं है मक्का मदीना और कहीं जगह मुस्लिमों को तीर्थ है और भारत के राम जन्मभूमि कृष्ण जन्मभूमि काशी विश्वनाथ यह भारत की अपने तीर्थ है रामकृष्ण और जितने भी महापुरुष है वह सभी हमारे पूर्वज है अपने पूर्वजों को सम्मान देना यह सभी हिंदुओं का दायित्व है इसमें किसी भी प्रकार का विवाद नहीं होना चाहिए क्योंकि देश विवाद से आगे नहीं पड़ता देश प्रेम सौगात से आगे बढ़ता है मैं इस पहल का स्वागत करता हूं क्योंकि आपसी भाईचारे एकता से ही देश आगे बनता है सदियों से हिंदू मुसलमान एक साथ रहते आए हैं और आगे भी ऐसे ही रहते आएंगे

बाइट--बाबा रामदेव--योग गुरु

शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती इस पहल से सहमत नजर नहीं आए उनका कहना है कि इस तरह के कुछ मुसलमान संतों के अभियान का कोई औचित्य नहीं है क्योंकि जिन मुसलमानों ने अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट में रीट याचिका दायर कर रखी है जब तक यह संगठन रिट याचिका वापस नहीं लेते है तब तक इस तरह के हस्ताक्षर अभियान का कोई सार्थकता नहीं है उन्होंने कहा कि हम किसी भी मुसलमान संगठन की कोई शर्त मानने को तैयार नहीं है क्योंकि अयोध्या में रामलला और उनका मंदिर विराजमान है और हम तो वहां पूजा कर ही रहे हैं शंकराचार्य स्वरूपानंद का कहना है कि मुस्लिम समाज अयोध्या में मस्जिद निर्माण की बात करता है मगर वहां तो पहले ही मस्जिद बनी हुई है तो मुसलमानों को वही नमाज पढ़नी चाहिए हम कहा इस बात पर एतराज कर रहे है जब राम जन्मभूमि पर हमारा कब्जा है तो हम क्यों हस्ताक्षर अभियान करें और क्यों उनका एहसान हम ले अगर मुस्लिम भाई चाहते हैं कि दोनों ही समाज के लोग शांति से रहे तो गौ हत्या को बंद कर दिया जाए तो हमारा हमेशा ही उनसे समझौता हो जाएगा शंकराचार्य के शिष्य अविमुक्तेश्वरानंद मुस्लिम संगठनों के हस्ताक्षर अभियान को अपना समर्थन दे रहे है इस पर शंकराचार्य ने कहा कि उनकी अविमुक्तेश्वरानंद से बातचीत हो चुकी है हमारा और उनका मत एक ही होगा

बाइट--स्वरूपानंद सरस्वती---शंकराचार्य


Conclusion:मुस्लिम संगठनों के हस्ताक्षर अभियान का जहां बाबा रामदेव ने खुलकर समर्थन किया है तो वही शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने हस्ताक्षर अभियान का खुलकर विरोध किया है मगर उनके शिष्य अविमुक्तेश्वरानंद ने मुस्लिम समाज के इस अभियान का समर्थन किया था मगर शंकराचार्य ने साफ कर दिया कि अविमुक्तेश्वरानंद भी वही समर्थन करेगे जिसका स्वरूपानंद सरस्वती शंकराचार्य समर्थन जरेगे अब देखना होगा मुस्लिम समाज द्वारा राम मंदिर निर्माण को लेकर चलाए जा रहे हस्ताक्षर अभियान में कौन-कौन लोग इसका समर्थन करते हैं और कौन इसका विरोध करता है
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