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گراؤنڈ رپورٹ: جے این یو طلبا کا احتجاج، پولیس پر مبینہ زیادتی کا الزام

جواہر لعل نہرو یونیورسٹی میں فیس میں اضافے کے خلاف احتجاج کر رہے طلبا پر پولیس نے مبینہ طور پر لاٹھی چارج کیا، جس میں متعدد طلبا شدید طور پر زخمی ہو گئے ۔

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Published : Nov 20, 2019, 3:01 PM IST

حتجاج کر رہے طلبا پر لاٹھی چارج

اطلاع کے مطابق پیر کے شام دیر رات اضافی فیس کو لے کر جے این یو کے طلبا وائس چانسلر سے ملاقات کرنے کی کوشش کر رہے تھے تاکہ بڑھی ہوئی فیسوں کے رول بیک پر بات کیا جا سکے۔

حتجاج کر رہے طلبا پر لاٹھی چارج
حتجاج کر رہے طلبا پر لاٹھی چارج

لیکن کافی مشقت کے بعد جب وائس چانسلر کے طرف سے کوئی سنوائی نہیں ہوئی تو جے این یو طلبا نے پارلیمنٹ کے لیے پر امن مارچ کیا، کئی رکاوٹوں کے بعد طلبا جب صفدر جنگ مقبرے کے پاس پہنچے تو پولیس نے بنا انتباہ کے ان پر لاٹھیاں پرسانا شروع کر دی، جس سے کئی طلبا شدید طور پر زخمی ہو گئے۔

احتجاج کر رہے طلبا پر لاٹھی چارج۔ویڈیو

اسی دوران احتجاج کر رہے ایک طالب علم نے بتایا کہ ان میں سے اکثر و بیشتر طلبا ایسے خاندان سے تعلق رکھتے ہیں جو معاشی طور پر بہت ہی تنگ دست ہیں، جس کے وجہ سے بڑھی فیس ادا کرنے میں وہ ناکام ہیں۔
ایسے ہی ایک طالب علم جتیندر سونا نے بتایا کہ اس کا تعلق اڑیسہ کے ایک عام گھرانے سے ہے، وہ جے این یو میں پڑھائی کے لیے، گیس پائپ لائن بچھانے سے لے کر تمام طرح کے مزدوری کرکے جے این یو میں داخلہ لیا ہے۔

حتجاج کر رہے طلبا پر لاٹھی چارج
حتجاج کر رہے طلبا پر لاٹھی چارج
انہوں نے یہ بھی بتایا کہ جے این یو انتظامیہ کے طرف سے جو اسکالرشپ دیا جاتا ہے، وہ صرف 2 سے 5 ہزار کے درمیان ہوتا ہے، جس سے تحقیقی کام کرنے والے طلبا کے لئے فیلڈ ورک، پرنٹ آؤٹ، اور باقی تحقیقی کام کرنا مشکل ہوتا ہے، اس صورتحال میں طلبا کے لیے7 سے 8 ہزار روپے کرایہ ادا کرنا مشکل ہوگا ۔
حتجاج کر رہے طلبا پر لاٹھی چارج
حتجاج کر رہے طلبا پر لاٹھی چارج

دوسری طرف اتراکھنڈ کے ایک طالب علم جو جے این یو میں تعلیم حاصل کرنے کے ساتھ ساتھ وہ سول سروسز کی تیاری کر بھی کر رہے ہیں،انہوں نے کہا کہ دہلی پولیس کے لیے ان کے ذہن میں جو احترام تھا وہ کل پولیس کے ذریعے کئے گئے ظلم نے ختم کر دیا۔

پولیس نے زخمی ساتھیوں کو طبی امداد کے بجائے تحویل میں لیا گیا ہے۔

اطلاع کے مطابق پیر کے شام دیر رات اضافی فیس کو لے کر جے این یو کے طلبا وائس چانسلر سے ملاقات کرنے کی کوشش کر رہے تھے تاکہ بڑھی ہوئی فیسوں کے رول بیک پر بات کیا جا سکے۔

حتجاج کر رہے طلبا پر لاٹھی چارج
حتجاج کر رہے طلبا پر لاٹھی چارج

لیکن کافی مشقت کے بعد جب وائس چانسلر کے طرف سے کوئی سنوائی نہیں ہوئی تو جے این یو طلبا نے پارلیمنٹ کے لیے پر امن مارچ کیا، کئی رکاوٹوں کے بعد طلبا جب صفدر جنگ مقبرے کے پاس پہنچے تو پولیس نے بنا انتباہ کے ان پر لاٹھیاں پرسانا شروع کر دی، جس سے کئی طلبا شدید طور پر زخمی ہو گئے۔

احتجاج کر رہے طلبا پر لاٹھی چارج۔ویڈیو

اسی دوران احتجاج کر رہے ایک طالب علم نے بتایا کہ ان میں سے اکثر و بیشتر طلبا ایسے خاندان سے تعلق رکھتے ہیں جو معاشی طور پر بہت ہی تنگ دست ہیں، جس کے وجہ سے بڑھی فیس ادا کرنے میں وہ ناکام ہیں۔
ایسے ہی ایک طالب علم جتیندر سونا نے بتایا کہ اس کا تعلق اڑیسہ کے ایک عام گھرانے سے ہے، وہ جے این یو میں پڑھائی کے لیے، گیس پائپ لائن بچھانے سے لے کر تمام طرح کے مزدوری کرکے جے این یو میں داخلہ لیا ہے۔

حتجاج کر رہے طلبا پر لاٹھی چارج
حتجاج کر رہے طلبا پر لاٹھی چارج
انہوں نے یہ بھی بتایا کہ جے این یو انتظامیہ کے طرف سے جو اسکالرشپ دیا جاتا ہے، وہ صرف 2 سے 5 ہزار کے درمیان ہوتا ہے، جس سے تحقیقی کام کرنے والے طلبا کے لئے فیلڈ ورک، پرنٹ آؤٹ، اور باقی تحقیقی کام کرنا مشکل ہوتا ہے، اس صورتحال میں طلبا کے لیے7 سے 8 ہزار روپے کرایہ ادا کرنا مشکل ہوگا ۔
حتجاج کر رہے طلبا پر لاٹھی چارج
حتجاج کر رہے طلبا پر لاٹھی چارج

دوسری طرف اتراکھنڈ کے ایک طالب علم جو جے این یو میں تعلیم حاصل کرنے کے ساتھ ساتھ وہ سول سروسز کی تیاری کر بھی کر رہے ہیں،انہوں نے کہا کہ دہلی پولیس کے لیے ان کے ذہن میں جو احترام تھا وہ کل پولیس کے ذریعے کئے گئے ظلم نے ختم کر دیا۔

پولیس نے زخمی ساتھیوں کو طبی امداد کے بجائے تحویل میں لیا گیا ہے۔

Intro:नई दिल्ली ।

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में हॉस्टल मैनुअल और बढ़ी हुई फीस के रोलबैक को लेकर प्रदर्शन कर रहे छात्रों का दस्ता जब संसद की ओर कूच कर रहा था तो सोमवार देर शाम सफदरजंग मकबरे के पास प्रदर्शनकारी छात्रों पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज किया गया. इस लाठीचार्ज से पीड़ित कई छात्रों ने अपनी आपबीती बताते हुए कहा कि उन्होंने अपनी मांगों को लेकर शांन्तिपूर्ण मार्च निकाला था जिसे रोकने के लिए पुलिस स्ट्रीट लाइट बंद कर उनपर लाठियां चलानी शुरू कर दी जिसमें कई छात्र गंभीर रूप से घायल हुए हैं.


Body:सोमवार देर शाम जेएनयू छात्रों पर हुए लाठीचार्ज का शिकार हुए प्रदर्शनकारी छात्रों ने कहा कि वह बढ़ी हुई फीस के रोलबैक की मांग को लेकर लगातार कुलपति से मुलाकात करने की कोशिश कर रहे थे लेकिन जब उनकी ओर से कोई सुनवाई नहीं हुई तो संसद तक अपनी बात पहुंचाने के लिए उन्होंने शांतिपूर्ण मार्च निकाला. छात्रों ने आरोप लगाया है कि कई बैरिकेड क्रॉस करने के बाद जब वह सफदरजंग मकबरे के पास पहुंचे तो पुलिस ने बिना किसी चेतावनी के उन पर स्ट्रीट लाइट बंद कर लाठियां बरसाना शुरू कर दिया. वहीं एक ऐसा छात्र जिसकी गर्दन पर काफी चोट आई है ने कहा कि पुलिस वालों ने बहुत बुरी तरह उसकी पिटाई की और उसे कालकाजी पुलिस स्टेशन में जाकर बिठा दिया. छात्र के शिकायत करने पर कि उसे गर्दन में काफी दर्द है और डॉक्टर के पास जाना है पुलिस वालों ने कहा कि हंगामा बंद होने के बाद ही तुम्हें यहां से रिहा किया जाएगा. वहीं छात्र ने कहा कि शाम 7 बजे तक उसी दर्द में कराहते हुए पुलिस स्टेशन पर उसे बिठा कर रखा गया. उसके बाद उसे रिहा किया गया. जब वह कॉलेज के मेडिकल सेंटर आए तो उसे सफदरजंग रेफर कर दिया गया जहां पर बताया गया कि उसकी गर्दन में काफी चोटें आई हैं और स्थिति ऐसी है कि छात्र अपनी गर्दन दाएं बाएं भी नहीं घुमा पा रहा है.

वहीं प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना है कि उनमें से अधिकतर छात्र ऐसे परिवार से आते हैं जो आर्थिक रूप से तंग है और बढ़ी हुई फीस भरने में पूरी तरह असक्षम है. ऐसे ही एक छात्र हैं जितेंद्र सोना जो बीती रात पुलिस लाठीचार्ज का शिकार हुए. बता दें कि जितेंद्र सुना उड़ीसा के एक साधारण परिवार से हैं जिन्होंने कड़े संघर्ष के बाद जेएनयू में दाखिला लिया है. वह बताते हैं कि उन्होंने मनरेगा, घरों में गैस की पाइप लाइन लगाना आदि मजदूरी कर जेएनयू में दाखिला लिया है और जेएनयू में पढ़ाई करने के साथ ही घर खर्च भी देखते हैं. वहीं उन्होंने कहा कि जेएनयू प्रशासन जिस स्कॉलरशिप का दावा कर रहा है उसकी राशि महज़ 2 से 5 हज़ार के बीच होती है. ऐसे में शोध कार्य कर रहे छात्रों के लिए फील्ड वर्क करना, प्रिंट आउट लेना, और शोध कार्य का बाकी सामान जुहाना पहले ही मुश्किल होता था ऐसे में वे 7 से 8 हज़ार रुपए का किराया कहां से दे पाएंगे.

वहीं उत्तराखंड के रहने वाले एक छात्र जो कि जेएनयू में पढ़ने के साथ साथ सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रहे हैं ने कहा कि उसके मन में दिल्ली पुलिस के प्रति जो आदर और सम्मान था पुलिस की बर्बरता ने उसे खत्म कर दिया. छात्र ने कहा कि वह खुद सिविल सर्विस की तैयारी कर रहा था लेकिन अपने रक्षक को इस तरह भक्षक बनते देख उसके मन में यह सवाल खड़े हो गए कि क्या सचमुच उसे सिविल सर्विसेज की तैयारी करनी चाहिए या नहीं. वहीं छात्र ने कहा कि उसे 15 से 20 पुलिस वालों ने पकड़ कर बुरी तरह से मारा. साथ ही महिला छात्राओं को भी पुलिस बेरहमी से पीट रही थी. छात्र ने कहा कि उसके कई साथी छात्र ऐसे भी थे जिन्हें सिर पर गंभीर चोटें आई और उन्हें मेडिकल अटेंशन देने की जगह यूं ही तड़पता छोड़ दिया गया या फिर हिरासत में ले लिया गया. छात्र ने कहा कि उसे बीती रात बहुत गहरा सदमा लगा है जिससे उभरने में उसे काफी वक्त लगेगा.


Conclusion:

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