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خواتین ہی نہیں پورا معاشرہ فائدے میں

سابق مرکزی وزیر عارف محمد خان نے کہا ہے کہ اب اس بل سے مسلم خواتین کے خوف و ہراس کا ازالہ ہوگا۔

سابق مرکزی وزیر عارف محمد خان
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Published : Jul 31, 2019, 1:37 PM IST

قومی دارالحکومت دہلی میں راجیو گاندھی حکومت میں مرکزی وزیر رہے عارف محمد خان نے کہا کہ 'تین طلاق بل پاس ہونے سے محض مسلم خواتین کو ہی نہیں، بلکہ پورے سماج کو فائدہ ہوگا۔

سابق مرکزی وزیر عارف محمد خان

تیئس اگست سنہ 1985 کو عارف محمد خان نے لوک سبھا میں ایک تاریخی بیان دیا تھا، جس میں انہوں نے کہا تھا کہ 'تین طلاق کے پیش نظر ایک قانون بنایا جانا ضروری ہے'۔

اس بیان کے 34 برس کے بعد یعنی 30 جولائی سنہ 2019 کو راجیہ سبھا نے اپنی منظوری دے کر تاریخ رقم کردی۔

واضح رہے کہ اس بل کی حمایت میں کل 99 ووٹ پڑے، جبکہ اس بل کے خلاف 84 ووٹ ڈالے گئے، حالانکہ 18 ارکین پارلیمان غیر حاضر رہے۔

قومی دارالحکومت دہلی میں راجیو گاندھی حکومت میں مرکزی وزیر رہے عارف محمد خان نے کہا کہ 'تین طلاق بل پاس ہونے سے محض مسلم خواتین کو ہی نہیں، بلکہ پورے سماج کو فائدہ ہوگا۔

سابق مرکزی وزیر عارف محمد خان

تیئس اگست سنہ 1985 کو عارف محمد خان نے لوک سبھا میں ایک تاریخی بیان دیا تھا، جس میں انہوں نے کہا تھا کہ 'تین طلاق کے پیش نظر ایک قانون بنایا جانا ضروری ہے'۔

اس بیان کے 34 برس کے بعد یعنی 30 جولائی سنہ 2019 کو راجیہ سبھا نے اپنی منظوری دے کر تاریخ رقم کردی۔

واضح رہے کہ اس بل کی حمایت میں کل 99 ووٹ پڑے، جبکہ اس بل کے خلاف 84 ووٹ ڈالے گئے، حالانکہ 18 ارکین پارلیمان غیر حاضر رہے۔

Intro:नई दिल्ली। राजीव गांधी सरकार में 23 अगस्त 1985 को केंद्र केंद्रीय गृह राज्य मंत्री रहे मोहम्मद आरिफ खान द्वारा लोकसभा में दिया गया ऐतिहासिक भाषण था जिसमें उन्होंने बताया था कि क्यों तीन बार तलाक की बात सही नहीं है और इसके लिए एक कानून बनाया जाना जरूरी है। जिसके 34 साल बाद यानी 30 जुलाई 2019 को इस ऐतिहासिक विधेयक को राज्यसभा से मंजूरी मिली।


मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक 2019 बिल के पक्ष में 99 वोट पड़े जबकि विरोध में 84 वोट पड़े। इस बिल को मंजूरी दिलाने के लिये मोहम्मद आरिफ खान को अपना इस्तीफा तक देना पड़ गया था। जब ईटीवी भारत ने उनसे पूछा कि उन्हें आज बिल पास होने पर कैसा महसूस हो रहा है तो उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि मुस्लिम महिलाओं को भारत में सदियों से चली आ रही तीन तलाक़ की प्रथा से आज़ादी मिल गई।


Body:आरिफ़ मोहम्मद खान ने कहा कि इस बिल के पास हो जाने से ना सिर्फ मुस्लिम महिलाओं को फ़ायदा पहुंचेगा बल्कि पूरे मुस्लिम समाज और पूरे हिंदुस्तान को इससे फायदा मिलेगा।

जब आरिफ़ मोहम्मद खान से यह पूछा गया कि वह इस बिल के तहत महिला को तलाक देने वाले पति को 3 साल की सज़ा को कितना सही मानते हैं तो उन्होंने कहा कि यह नियम सही है क्योंकि इस्लाम में इसे गुनाह माना गया है और इस्लाम में कोई ऐसी चीज़ नहीं है जो हराम हो और उसपर उसे सज़ा ना मिले।


Conclusion:ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सचिव जफरयाब जिलानी ने तीन तलाक़ बिल को सदन द्वारा मंजूरी मिलने पर कहा कि वह इस बिल को सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज करेंगे। इसपर अपनी प्रतिक्रिया ज़ाहिर करते हुए आरिफ़ मोहम्मद खान ने कहा कि यह उनका अधिकार है। अगर वह कोर्ट जातें हैं तो हम उनके विपक्ष में जायेंगे।
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