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نمازیوں نے مسجد تک جانے کا راستہ خود بنایا - مندر مسجد

دربھنگہ کے چانڈی گاؤں میں سیلاب سے پریشان لوگوں نے مسجد جانے کے لیے فوری طور پر مقامی لوگوں سے مالی تعاون حاصل کر کے ایک چچری پل بنایا۔

نمازیوں نے مسجد تک جانے کا راستہ خود بنایا
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Published : Jul 27, 2019, 3:31 PM IST

Updated : Jul 27, 2019, 3:37 PM IST

بھارت کی کئی ریاستوں میں سیلاب کا قہر اب بھی جاری ہے، آئے دن سیلاب کی خبروں سے ہم روبرو ہو رہے ہیں، آسام سے لے کر بہار تک عام زندگی متأثر ہے۔

ایسے میں لوگ اپنے مالک حقیقی کی بارگاہ کا رخ یقینی طور پر کرتے ہیں، لیکن جب مسجد مندر کے راستے میں بھی سیلاب کا پانی رکاوٹ بننے لگے تو لوگ اس کا حل نکالنے کے لیے تیار ہو جاتے ہیں۔

نمازیوں نے مسجد تک جانے کا راستہ خود بنایا

ریاست بہار کا ضلع دربھنگہ بھی سیلاب سے پوری طرح متأثر ہے، مندر مسجد کے آس پاس بھی سیلاب کا پانی کئی کئی فٹ تک جمع ہے، لیکن دربھنگہ کے لوگوں نے اپنے اور مالک حقیقی کے درمیان سیلاب کو رکاوٹ نہیں سمجھا بلکہ مسجد جانے کے لیے مالی تعاون کرکے فوری طور پر ایک چچری پل بنایا جس کے ذریعہ نمازی مسجد کی چھت پر پہنچ کر پنج وقتہ نماز ادا کر رہے ہیں۔

مقامی لوگوں نے بتایا کہ اکثر و بیشتر مکانات سیلاب کے سبب خستہ ہو گئے ہیں، گزشتہ پانچ دنوں سے سڑک کے کنارے خیمہ لگا کر ہمیں گزر بسر کرنا پڑ رہا ہے، اگر حکومت نے ان راستوں کو اونچا بنوایا ہوتا تو آج ہمیں اتنی مشکلات کا سامنا نہیں کرنا پڑتا۔ اور ابھی تک حکومت کی طرف سے کئی مدد نہیں ملی ہے۔

بھارت کی کئی ریاستوں میں سیلاب کا قہر اب بھی جاری ہے، آئے دن سیلاب کی خبروں سے ہم روبرو ہو رہے ہیں، آسام سے لے کر بہار تک عام زندگی متأثر ہے۔

ایسے میں لوگ اپنے مالک حقیقی کی بارگاہ کا رخ یقینی طور پر کرتے ہیں، لیکن جب مسجد مندر کے راستے میں بھی سیلاب کا پانی رکاوٹ بننے لگے تو لوگ اس کا حل نکالنے کے لیے تیار ہو جاتے ہیں۔

نمازیوں نے مسجد تک جانے کا راستہ خود بنایا

ریاست بہار کا ضلع دربھنگہ بھی سیلاب سے پوری طرح متأثر ہے، مندر مسجد کے آس پاس بھی سیلاب کا پانی کئی کئی فٹ تک جمع ہے، لیکن دربھنگہ کے لوگوں نے اپنے اور مالک حقیقی کے درمیان سیلاب کو رکاوٹ نہیں سمجھا بلکہ مسجد جانے کے لیے مالی تعاون کرکے فوری طور پر ایک چچری پل بنایا جس کے ذریعہ نمازی مسجد کی چھت پر پہنچ کر پنج وقتہ نماز ادا کر رہے ہیں۔

مقامی لوگوں نے بتایا کہ اکثر و بیشتر مکانات سیلاب کے سبب خستہ ہو گئے ہیں، گزشتہ پانچ دنوں سے سڑک کے کنارے خیمہ لگا کر ہمیں گزر بسر کرنا پڑ رہا ہے، اگر حکومت نے ان راستوں کو اونچا بنوایا ہوتا تو آج ہمیں اتنی مشکلات کا سامنا نہیں کرنا پڑتا۔ اور ابھی تک حکومت کی طرف سے کئی مدد نہیں ملی ہے۔

Intro:दरभंगा जिला में लगातार बाढ़ अपना कहर बरपा रही है। नित्य दिन बाढ़ का पानी नए इलाकों में प्रवेश कर लोगों का जनजीवन पूरी तरह से प्रभावित कर रहा है। लोग जैसे-तैसे अपनी जान बचाकर सड़क या फिर ऊंची जगहों पर शरण लेकर अपनी जान तो बचा ली। लेकिन बाढ़ ने अपना विकराल रूप इस प्रकार से फैला रखा है कि बाढ पीड़ित लोग ऊपर वाले से विनती करने के लिए मंदिर और मस्जिद भी नहीं जा सकते हैं। क्योंकि बाढ़ के पानी ने इन रास्तों को भी अपनी चपेट में ले रखा है। ऐसे में जब कई दिनों तक बाढ़ का पानी कम नहीं हुआ, तो चांडी के लोगों ने मस्जिद में आने जाने के लिए अपना हाथ जगन्नाथ की कहावत को चरितार्थ करते हुए गांव के मुख्य सड़क से मस्जिद तक चचरी पुल का निर्माण कर डाला। अब इस गांव के लोग इस चचरी पुल के सहारे मस्जिद के छत पर पांच वक्त का नमाज अदा कर रहे हैं।


Body:दरअसल बहादुरपुर प्रखंड के चांडी गांव में पिछले 5 दिनों से बाढ़ के पानी में अपना डेरा जमा रखा है। जिसके चलते गांव के लोगों को छाती भर बाढ़ की तेज धारा में चलकर नमाज अदा करने में काफी कठिनाइयां हो रही थी। वहीं ग्रामीणों को जब किसी प्रकार का समाधान नहीं दिखा तो उन लोगों ने गांव में एक पंचायत बिठाई और खुद आपस में चंदा एकत्रित किया और खुद के श्रमदान करके सड़क से मस्जिद तक बांस का एक चचरी पूल कुछ ही घंटों की मेहनत में बना डाला। अब नमाजी इस चचरी पुल के सहारे मस्जिद के छत पर चढ़कर नमाज अदा कर रहे हैं।

वही मस्जिद के मौलवी तौकीर रहमान ने कहा कि सैलाब के चलते मस्जिद के अंदर 5 से 6 फीट बाढ़ का पानी लगा हुआ है। उसके चलते यहां के लोग लोगों ने चचरी पुल बनाकर मस्जिद की छत पर खुले आसमान के नीचे पांच वक्त का नमाज पढ़ रहे हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि जब मस्जिद में बाढ़ का पानी घुस गया और नमाज अदा करने में कठिनाइयां होने लगी, तो यहां के लोग आपस में चंदा वगैरह कर के इस चचरी पुल का निर्माण किया है। वही उन्होंने कहा कि इस बार का सैलाब ज्यादा ही खतरनाक महसूस हो रहा है और यहां के सभी लोग खौफ और दहशत में सड़क के किनारे जी रहे हैं।


Conclusion:वही स्थानीय मो आफताब का कहना है कि अभी हम लोग घर देखकर आ रहे हैं, पूरा घर बाढ़ के पानी के चलते टूटने के साथ ही धस गया है। घर जाने आने के रास्ते पर 5 फीट पानी बह रहा है, जिसमें हम लोग अपनी जान को जोखिम में डालकर घर देखने जाते और आते हैं। अगर समय पर प्रशासन ने इस रास्ता को ऊंचा कर बनवा दिया होता तो, आज हम लोगों को घर छोड़कर इतनी कठिनाइयों का सामना नहीं करना पड़ता। साथ ही उन्होंने कहा कि पिछले 5 दिनों से हम लोग सड़क के किनारे पन्नी लगाकर कह रहे हैं लेकिन अभी तक हम लोगों को किसी प्रकार का सरकारी सहायता नहीं मिला है।

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मो अफताब, स्थानीय
तौकीर रहमान, मौलवी
Last Updated : Jul 27, 2019, 3:37 PM IST
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