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لڑکی نہیں لکڑی سے شادی!

آپ نے کئی بار شادیوں کو دیکھا ہوگا جس میں ایک لڑکا اور لڑکی رشتہ ازدواج سے منسلک ہوتے ہیں۔ لیکن کیا کبھی آپ نے سنا ہے کہ کسی نے لکڑی سے شادی کی ہے۔

بزرگ نے لکڑی سے شادی کی،متعلقہ تصویر
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Published : Apr 25, 2019, 1:33 PM IST

یہ بات اتر پردیش کے ضلع کوشامبی کی ہے، جہاں ایک 65 برس کے بزرگ نے ہندو رسم و رواج کے تحت یہ شادی کی۔ اس شادی میں سات پھیرے لینے والی کوئی دلہن نہیں بلکہ لکڑی کا ٹکڑا تھا۔ جسے دلہن کی شکل میں تیار کر شادی کی ساری رسمیں ادا کی گئیں۔

بزرگ نے لکڑی سے شادی کی،متعلقہ ویڈیو

مقامی لوگوں نے ایک 65 برس کے بزرگ جھلر کو دولہا بنا کر ان کی بارات کو پورے جشن کے ساتھ نکالی۔ بارات اپنے طے شدہ وقت پر دولہن کے دروازے پر پہنچی اور ہندو رسم و رواج کے تحت دولہے کا استقبال کیا گیا۔

لیکن اس شادی میں دولہن کی جگہ کپاس کی لکڑی کو رکھ کر اسے دولہن کی شکل میں تیار کیا گیاتھا۔ گھر کو پوری طرح سے سجایا بھی گیا تھا۔

یہ بات اتر پردیش کے ضلع کوشامبی کی ہے، جہاں ایک 65 برس کے بزرگ نے ہندو رسم و رواج کے تحت یہ شادی کی۔ اس شادی میں سات پھیرے لینے والی کوئی دلہن نہیں بلکہ لکڑی کا ٹکڑا تھا۔ جسے دلہن کی شکل میں تیار کر شادی کی ساری رسمیں ادا کی گئیں۔

بزرگ نے لکڑی سے شادی کی،متعلقہ ویڈیو

مقامی لوگوں نے ایک 65 برس کے بزرگ جھلر کو دولہا بنا کر ان کی بارات کو پورے جشن کے ساتھ نکالی۔ بارات اپنے طے شدہ وقت پر دولہن کے دروازے پر پہنچی اور ہندو رسم و رواج کے تحت دولہے کا استقبال کیا گیا۔

لیکن اس شادی میں دولہن کی جگہ کپاس کی لکڑی کو رکھ کر اسے دولہن کی شکل میں تیار کیا گیاتھا۔ گھر کو پوری طرح سے سجایا بھی گیا تھا۔

Intro:feed ftp me folder name 23APRIL-UP-KAUSHAMBI-SATYENDRA- ANOKHI SHADI me bhej diya hai यूं तो आपने तरह-तरह की शादियां देखी होंगी लेकिन कौशांबी के बसेड़ी गांव में एक 65 साल के बाद की शादी इन दिनों खासी चर्चा का विषय बनी हुई है । वैसे तो यह शादी हिंदू रीति रिवाज के हिसाब से आम शादियों की तरह ही थी। लेकिन शादी में वृद्धि के साथ सात फेरे लेने वाली दुल्हन कोई इंसान नहीं लकड़ी का एक टुकड़ा था । जिसे दुल्हन की शक्ल में तैयार कर विवाह की सारी रस्में पूरी कराई गई । तो फिर आइए आपको कौशांबी में हुई इस अजब गजब शादी की पूरी कहानी को दिखाते हैं। और आपको बताते हैं कि आखिर 65 साल की उम्र में वृद्ध को शादी रचाने की इस अनोखे तरीके की जरूरत क्यों पड़ी।


Body: सबसे पहले तो हम आपको कौशांबी के बसेड़ी गांव की अजब गजब शादी के कुछ वीडियो दिखाते हैं। जिसमें स्थानीय लोग ने एक 65 साल के बृद्ध झुललर को दूल्हा बना कर उनकी बारात पूरे धूमधाम से निकाली। और नाच गाकर मौज मस्ती की। बरात अपने तय समय पर दुल्हन के दरवाजे पर पहुंची और हिंदू परंपरा के अनुसार दूल्हे का स्वागत किया गया। इसके बाद शादी की सारी रस्में निभाई गई जैसे आम विवाह समारोह में होता है। लेकिन इस शादी में दुल्हन की जगह कपास की लकड़ी को रख उसे दुल्हन रूप में तैयार किया गया था। इतना ही नहीं घर को भी बकायदा पूरा रंगीन झालरों से सजाया गया था । इससे शादी के होने के बाद गांव में ही नहीं पूरे कौशांबी में चर्चा बनी हुई है।


Conclusion: झल्लर की बहू आशा देवी के मुताबिक उनके चचिया ससुर की शादी की जा रही है। 65 साल की उम्र में उनकी शादी की जा रही है । जिस समय उनके मां-बाप शादी कर रहे थे तब उन्होंने शादी नहीं की। पर अब लोगों ने उन्हें सलाह दी यदि वह विवाह संस्कार नहीं करेंगे तो मैं तो उनको मुखाग्नि नहीं दी जा सकेगी। जिसके बाद लेकिन अब शादी कर रहे हैं। शादी में पैपुजी, गठबंधन लावा परछाई अन्य सारी चीजें की जा रही है जैसा कि आप शादियों में होता है। बाइट - आशा देवी दूल्हे की चचेरी बहु बाइट - राजाराम दूल्हे के रिश्तेदार हिंदू मान्यता के अनुसार यदि किसी शख्स की शादी ना हो और उसकी मौत हो जाती है तो उसके मृत शरीर को मुखाग्नि ना दिए जाने की परंपरा है। इसलिए बृद्ध झुललर ने विवाह करके विवाह के संस्कार पूरे करने की ठानी और विवाह संस्कार पूरा किया। जिससे उनके भी मृत शरीर को मुखाग्नि दी जा सके।
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