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سکھ نوجوانوں کا مثالی قدم

ایک جانب جہاں سوشل میڈیا سمیت مختلف سیاسی رہنماؤں کی جانب سے کشمیری لڑکیوں سے متعلق نازیبا تبصرے کئے جا رہے ہیں تو دوسری جانب سکھ نوجوانوں نے انسانیت کی مثال قائم کر دی۔

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Published : Aug 18, 2019, 6:39 PM IST

Updated : Sep 27, 2019, 10:25 AM IST

کشمیری لڑکیوں کو بحفاظت سکھ برادری نے گھر پہنچایا

دہلی سے تعلق رکھنے والے چند سکھ نوجوانوں نے جموں و کشمیر سے تعلق رکھنے والی 32 لڑکیوں کو بحفاظت ان کے گھر تک پہنچانے کا مثالی کارنامہ انجام دیا ہے۔

کشمیری لڑکیوں کو بحفاظت سکھ برادری نے گھر پہنچایا

جموں وکشمیر سے آرٹیکل 370 کی منسوخی کے بعد ایک جانب جہاں سوشل میڈیا سمیت سیاسی رہنماؤں کے کشمیری لڑکیوں کے متعلق گندے تبصرے چل رہے ہیں تو دوسری جانب سکھ برادی کو نوجوانوں نے انسانیت کی مثال قائم کی اور 32 کشمیری لڑکیوں کو بحفاظت ان کے گھر پہنچانے کی ذمہ داری بخوبی نبھائی۔

اس صورتحال کے مد نظر ہرمندر سنگھ اہلوالیہ نے انہیں مدد کی یقین دہانی کرائی اور انہوں نے کشمیری لڑکیوں کے ٹکٹ کے لیے سوشل میڈیا پر مدد طلب کی۔جس کے بعد انہیں ٹکٹ کے لیے تقریباً ساڑھے تین لاکھ روپے بطور تعاون حاصل ہوئے۔

ہرمندرسنگھ نے کہا کہ میں نے سنہ 1984 کے فسادات کے بعد محسوس کیا کہ کسی بھی واقعہ کے بعد ایک مخصوص برادری کو نشانہ نہیں بنایا جانا چاہیے اسی لیے ہم نے ان لڑکیوں کی مدد کی۔

دہلی سے تعلق رکھنے والے چند سکھ نوجوانوں نے جموں و کشمیر سے تعلق رکھنے والی 32 لڑکیوں کو بحفاظت ان کے گھر تک پہنچانے کا مثالی کارنامہ انجام دیا ہے۔

کشمیری لڑکیوں کو بحفاظت سکھ برادری نے گھر پہنچایا

جموں وکشمیر سے آرٹیکل 370 کی منسوخی کے بعد ایک جانب جہاں سوشل میڈیا سمیت سیاسی رہنماؤں کے کشمیری لڑکیوں کے متعلق گندے تبصرے چل رہے ہیں تو دوسری جانب سکھ برادی کو نوجوانوں نے انسانیت کی مثال قائم کی اور 32 کشمیری لڑکیوں کو بحفاظت ان کے گھر پہنچانے کی ذمہ داری بخوبی نبھائی۔

اس صورتحال کے مد نظر ہرمندر سنگھ اہلوالیہ نے انہیں مدد کی یقین دہانی کرائی اور انہوں نے کشمیری لڑکیوں کے ٹکٹ کے لیے سوشل میڈیا پر مدد طلب کی۔جس کے بعد انہیں ٹکٹ کے لیے تقریباً ساڑھے تین لاکھ روپے بطور تعاون حاصل ہوئے۔

ہرمندرسنگھ نے کہا کہ میں نے سنہ 1984 کے فسادات کے بعد محسوس کیا کہ کسی بھی واقعہ کے بعد ایک مخصوص برادری کو نشانہ نہیں بنایا جانا چاہیے اسی لیے ہم نے ان لڑکیوں کی مدد کی۔

Intro:लोकेशन--दिल्ली /हरि नगर
स्लग--32 कश्मीरी लड़की को घर पहुंचाया
रिपोर्टर--ओपी शुक्ला

पश्चिमी दिल्ली :- कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद जहां सोशल मीडिया पर कश्मीरी लड़कियों को लेकर भद्दे भद्दे कमेंट आ रहे थे वहीं दिल्ली के एक सिख युवक ने इस दौरान पुणे में फांसी 32 कश्मीरी लड़कियों के सामने मशीहा बनकर आये और शोशल मीडिया से ही मुहिम चलकर इन लड़कियों के एयर टिकट के पैसे इकट्ठा कर उन्हें घर पहुंचाया, इस काम ने उन्हें दिल्ली के 2 और सिख युवकों ने मदद कीBody:पश्चिमी दिल्ली के हरि नगर इलाके में रहनेवाले हरमिन्दर सिंह अहलूवालिया जो पेशे से तो सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं लेकिन इनकी रगों में सेना का जज्बा है क्योंकि इनके दादा सेना में रहते चीन के साथ और पिताजी पाकिस्तान के साथ युद्ध जीत चुके हैं, कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाये जाने के ठीक एकदिन पहले सेना की हलचल बढ़ने पर इन्होंने फेसबुक पर भारत मे कहीं भी परेशानी में फसनेवाले कश्मीरी लोगों को पास के गुरुद्वारे में जाने का वीडियो लाइव किया अगले दिन जब 370 हटा तो इनके फोन पर पुणे में जम्मू के अलग अलग दूर दराज इलाके से नर्सिंग कोर्स के लिए गयी लड़कियों के सुपरवाईजर का फोन आया । वह सभी लड़कियां डरी हुई थी क्योंकि घरवालों से बात नही हो पा रही थी और फेसबुक पर भी भद्दे कमेंट आ रहे थे। ऐसे में हरमिंदर सिंह अहलूवालिया ने तब उन्हें मदद का भरोसा दिलाया और उन्होंने कश्मीरी लड़कियों के टिकट के लिए सिख संगत से शोशल मीडिया पर ही मदद मांगी । और टिकट के लिए लगभग साढ़े तीन लाख रुपये भी इकट्ठे हो गए । जिसमे उनकी मदत फाइनेंसर जगतार सिंह जग्गा ने की । जिसके बाद इन्होंने लड़कियों की पुणे से श्री नगर की टिकट कराई जिसमे दिल्ली के दो और सिख युवक अरमीत सिंह खानपूरी और बलजीत सिंह , बबलू ने मदद की, इतना ही नही ये तीनो युवक उन लड़कियों को उनके घर तक छोड़कर आये । जहां पहुंचना चुनौती थी, इस काम मे सेना की तरफ से कर्नल ए एस मलिक, 2 RR ,सिख रेजीमेंट द्वारा की गई मदद को ये जरूर याद करते हैै । साथ ही इन लड़कियों की सुपरवाईजर रुकैया की भी हिम्मत की दाद दे रहे, हरमिंदर सिंह का कहना है कि 84 दंगे के बाद उन्हें लगा कि कोई भी घटना के बाद कम्युनिटी को टारगेट नही करना चाहिए । पुलवामा के बाद भी कुछ हद तक ऐसे हालात हुए थे । उन्होंने तब भी सोशल मीडिया पर मदद की पोस्ट डाली थी। हालांकि उनके इस कदम को लेकर उनके घरवाले शुरू में कश्मीर का माहौल देख डरे थे । लेकिन हरमिंदर का कहना है उनके साथ उनके वाहेगुरु का आशीर्वाद था और नेक काम के बाद दुआएं, और इसी वजह से वे आगे भी ऐसे काम करते रहेंगेConclusion:वॉक थ्रू -- ओपी शुक्ला

वाकई दिल्ली के इन नेकदिल इंसानों के कारण वे 32 लड़कियां अपने घर पहुंच पाई अब हरमिंदर ये चाहते हैं कि हरेक इंसान को एकदूसरे धर्म और संप्रदाय का सम्मान करने के साथ साथ उस कॉम के लोगों की भी इज्जत करनी चाहिए
Last Updated : Sep 27, 2019, 10:25 AM IST
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