जांबाज भाइयों ने द्रास में पाकिस्तान को चटाई थी धूल, एक को मिली शहादत, दूसरे को यादें
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देहरादून के गढ़ी कैंट क्षेत्र के गल्जवाड़ी में रहने वाले रमेश थापा और शंकर थापा दोनों भाई मां भारती की सेवा के लिए सेना में भर्ती हुए थे. कारगिल की लड़ाई के दौरान गौरखा रेजीमेंट के राइफलमैन शंकर थापा और रमेश थापा जम्मू के द्रास सेक्टर में तैनात थे. ये दोनों भाई एक ही सैनिक शिविर में थे. इसी दौरन 3 जुलाई 1999 की शाम को द्रास सेक्टर में दुश्मनों के कब्जे वाली चौकियों को वापस पाने के लिए लड़ी गई लड़ाई में रमेश थापा शहीद हो गये.भाई के शहीद होने की खबर और दुश्मनों से लड़ते हुए मां भारती की रक्षा करने वाले गोरखा रेजमेंट के राइफलमैन शंकर थापा से विजय दिवस के मौके पर ईटीवी भारत ने खास बातचीत की.