बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी में कुमाऊं रेजीमेंट की शानदार प्रस्तुति
हर साल 29 जनवरी को दिल्ली के विजय चौक पर बीटिंग द रिट्रीट समारोह होता है. इससे गणतंत्र दिवस के समारोह का समापन होता है. वहीं समारोह में कुमाऊं रेजीमेंट के बैंड ने शानदार प्रस्तुति दी. वहीं कुमाऊं रेजीमेंट का इतिहास काफी समृद्ध रहा है. साल 1857 में देश का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम हुआ, 1790 से 1890 तक कुमाऊं गोरखा लड़कों के अंडर में था. गोरखे हारे तो अंग्रेजों ने कुमाऊं में फौज बनाई. 24 अप्रैल 1815 में इस फौज का नाम कुमाऊंनी बटालियन रखा गया. यह बटालियन बाद में गोरखा राइफल के नाम से जानी गई. अंग्रेजों ने अल्मोड़ा के सिटौली के पास 23 अक्टूबर 1917 को पहली बटालियन खड़ी की. बाद में यह बटालियन हैदराबाद रेजीमेंट के साथ लड़ी और 15 मार्च 1923 को हैदराबाद के साथ शामिल हो गई. हैदराबाद में कुमाऊं के लोगों का दबदबा बढने लगा. ऐसे में 27 अक्टूबर 1945 को हैदराबाद रेजीमेेंट का नाम बदलकर कुमाऊं रेजीमेंट रख दिया गया.
Last Updated : Jan 29, 2022, 10:11 PM IST