कारगिल शहीद वो आखिरी चिट्ठी जिस लिखकर उसने सिर पर बांध लिया था कफन...
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कारगिल शहीदों के शौर्य और पराक्रम की अनगिनत कहानियां हैं. जो हमें समय-समय पर उनके बलिदान की याद दिलाती है. एक ऐसी ही कहानी नागा रेजीमेंट के जाबांज शहीद राजेश गुरंग की भी है. जो 6 जुलाई 1999 को अपने साथी जवानों के साथ टाइगर हिल पर पाकिस्तानी सैनिकों से लोहा लेते हुए शहीद हो गए. लेकिन शहादत के 20 साल बाद भी राजेश गुरंग के जब्बे का अंदाजा आप उनकी लिखी एक चिट्ठी से लगा सकते हैं. जो उन्होंने शहीद होने से कुछ रोज पहले अपने परिवार को लिखी थी. देखिए खास रिपोर्ट...