पिता ने केक पर Happy Periods Ragini लिखवाया, बेटी के पहले पीरियड्स पर मनाया जश्न
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आमतौर पर जब भी महिलाओं को मासिक धर्म यानी पीरियड्स आते हैं, उन्हें कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. नेचुरली दर्द के इतर सामाजिक ताने बाने के साथ उन्हें कई तरह की भ्रांतियों का भी सामना करना पड़ता है. आज भी पीरियड्स आने पर समाज में महिलाओं को अलग थलग कर दिया जाता है, उन्हें चूल्हे चौके से दूर रखा जाता है. इतना ही नहीं महिलाएं भी खुलकर इस पर बात नहीं कर पाती है. जिसके चलते उनके शरीर में बीमारियां घर कर लेती हैं, लेकिन काशीपुर में पीरियड्स को लेकर जश्न मनाया गया.
दरअसल, उधम सिंह नगर के काशीपुर के कचहरी रोड गिरीताल के रहने वाले एक म्यूजिक टीचर जितेंद्र भट्ट ने पीरियड्स को लेकर फैली भ्रांतियों को खत्म करने के लिए ऐसा कदम उठाया, जो चर्चा बन गया. जितेंद्र भट्ट ने बेटी रागिनी के पहली बार मासिक धर्म यानी पीरियड्स आने पर जश्न मनाया. इतना ही नहीं उन्होंने केक काटकर सेलिब्रेशन किया.
जितेंद्र भट्ट का कहना था कि पहले जब बच्ची या महिला को पीरियड्स होती थी, तब उन्हें बड़ी हीन भावना से देखा जाता था. यदि इस दौरान कोई लेडी किसी भी सामान को छू देती थी, तब उसे अशुद्ध मानते थे, लेकिन इन सब फैली भ्रांतियों को दूर करने के लिए जब उनकी बेटी को पहली बार पीरियड्स आए, तब उन्होंने इसे जश्न के रूप में मनाया. क्योंकि ये कोई अशुद्ध या छुआछूत की बीमारी नहीं हैं, बल्कि खुशी का दिन है.
वहीं, महिला रोग विशेषज्ञ डॉक्टर नवप्रीत कौर का कहना है कि आज भी लोग इसे एक छुआछूत मानते हैं. जो गलत है. जब किसी भी महिला या लड़की को पीरियड्स होती है, तब उसके अंदर कोई गंदगी नहीं निकलती, बल्कि यूटरस की अंदर की लेयर सेट होती है. जिसके कारण ब्लीडिंग होती है. जैसे कोई पेशाब या टॉयलेट करता है, वैसे ही पीरियड्स की आम प्रक्रिया है. ये कोई बीमारी नहीं है. हालांकि, इसमें साफ सफाई का ध्यान रखना होता है.