निर्भया के डॉक्टर रहे विपुल कंडवाल ने फांसी पर कहा- 'हैवानियत पर इंसानियत की जीत'
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दिल्ली में साल 2012 में हुए निर्भया गैंगरेप और हत्याकांड मामले में सात साल, तीन महीने से ज्यादा समय के बाद आखिर इंसाफ हो गया है. तमाम कानून दांव-पेंच के बाद निर्भया के चारों दोषियों को 20 मार्च को 5.30 बजे तिहाड़ जेल में फांसी पर लटका दिया गया. निर्भया के डॉक्टर रहे विपुल कंडवाल ने ईटीवी भारत ने खास बातचीत कर अपनी प्रतिक्रिया दी है. डॉ. विपुल कंडवाल ने बताया कि सफदरगंज अस्पताल की वो रात उनके जीवन की एक ऐसी रात है, जिसे वो कभी नहीं भुला सकते हैं. जो एक भयावह मंजर जैसा था. उन्होंने कहा कि निर्भया को इलाज के लिए सफदरगंज अस्पताल लाया गया था. उसकी हालत देखकर उनका कलेजा कांप उठा था. निर्भया को देखकर ऐसा नहीं लगता था कि उसके साथ एक घिनौना काम किसी इंसान ने किया हो. ऐसा लग रहा था जैसे किसी जंगली जानवर ने उस पर हमला किया हो.