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कम उम्र में शारीरिक संबंध लड़कियों के लिए है बड़ा खतरा, बस छोटा-सा ये काम बचाएगा आपकी जान - कम उम्र में शारीरिक संबंध

कई युवतियां कम उम्र में ही सर्वाइकल कैंसर की जद में आ रही है. मगर थोड़ी सी जानकारी और सही उपचार से इस बीमारी को जीता जा सकता है. मुख्यतः जो लड़कियां पहली बार सेक्सुअल रिलेशनशिप ( कम उम्र में शारीरिक संबंध ) में आ रही हैं. वो वैक्सीनेशन के जरिये जीवनभर के लिए इस बीमारी के डर को समाप्त कर सकती है. cervical cancer vaccination . cervical cancer prevention . cervical cancer cause

cervical cancer vaccination . cervical cancer prevention . cervical cancer cause
सांकेतिक फोटो
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Published : Dec 23, 2022, 9:07 PM IST

Updated : Dec 24, 2022, 9:33 AM IST

वैक्सीनेशन - सर्वाइकल कैंसर

आज की युवा पीढ़ी मल्टीपल रिलेशनशिप या Live in relationships से ज्यादा प्रभावित है. साफ शब्दों में कहा जाए तो कम उम्र में sexual debut ( कम उम्र में शारीरिक संबंध की शुरुआत ) आम बात है. लेकिन क्या आपको पता है कि, कम उम्र में लिया हुआ ये फैसला घातक भी साबित हो रहा है. यह महिलाओं-युवतियों में सर्वाइकल कैंसर ( cervical cancer ) के खतरे को बढ़ा रहा है. cervical cancer vaccination . cervical cancer prevention . cervical cancer cause .

cervical cancer vaccination . cervical cancer prevention . cervical cancer cause
सांकेतिक फोटो

मल्टीपल पार्टनर का होना सर्वाइकल कैंसर का खतरा
डॉक्टर नेहा शर्मा ने बताया कि वर्तमान में ये बहुत साधारण बात है कि शादी से पहले ही लड़कियां सेक्सुअली ऐक्टिव हो जाती हैं. ऐसे में वो इस दौरान बहुत सी लापरवाही और गलतियां भी करती है, जो उनके लिए जीवन भर का दर्द बन जाता है. ऐसे में जो लड़कियां सेक्सुअली ऐक्टिव हैं, या जिनका सेक्सुअल डेब्यु हो चुका है. उन्हें शादी उस पार्टनर से नहीं करनी है. यानी वे एक से अधिक पार्टनर के साथ रहेंगी. ऐसे में मल्टिपल पार्टनर का होना एचआईवी और सर्वाइकल कैंसर के खतरे को बढ़ाता है. जो वर्तमान समय में बढ़ता जा रहा है. लेकिन यदि समय के साथ महिलाएं और बच्चियां इस पर ध्यान दें और टीकाकरण करा लें तो वह इस घातक बीमारी से सुरक्षित रह सकती है.

cervical cancer vaccination . cervical cancer prevention . cervical cancer cause
डॉ नेहा शर्मा

वैक्सीन से इसे होने से रोका जा सकता है
सर्वाइकल कैंसर अब सीधे तौर पर वैक्सीन से रोका जा सकता है. डाक्टर नेहा बताती है कि, इस बीमारी से बचने के लिए HPV वैक्सिनेशन होता है. जिसमें 2, 4 और 5 स्ट्रेन्स होती हैं. ये वैक्सीन लड़कियों को सर्वाइकल कैंसर के खतरे से बचा सकती हैं.

cervical cancer vaccination . cervical cancer prevention . cervical cancer cause
सांकेतिक फोटो

कम आय और मल्टीपल पार्टनर वाले मरीज थे अधिक
डॉक्टर शर्मा ने बताया कि पहले यह नजर आता था कि कम आय और निम्न सामाजिक स्थिति में रहने वाली महिलाए ही इसकी शिकार होती थी. इनके मल्टीपल पार्टनर होते थे. मेडिकल में इन्हें हम हाई रिस्क फैक्टर्स बोलते हैं, परंतु अब यह सामान्य और सभी वर्ग के महिलाओ में देखने को मिल रहा है. आंकड़े में बात करें तो अब 7.5 प्रतिशत महिलाओं में यह देखने को मिल रहा है.

9 वर्ष से शुरू होगा टीकाकरण
वहीं, इस बारे में महामना मालवीय कैंसर अनुसंधान केंद्र की डॉ रुचि पाठक बताती हैं कि, इस टीकाकरण के लिए एक निर्धारित उम्र सीमा होती है. जिसमे टीकाकरण कराना चाहिए. इससे सर्वाइकल कैंसर से मुक्ति मिल जाती है. उन्होंने बताया कि, बच्चियों में 9 वर्ष से लेकर के 14 वर्ष की उम्र में वैक्सीन की दो डोज लगती है. जिसे 6 माह के अंतराल पर लगाया जाता है. परंतु यदि इस उम्र में वैक्सीनेशन नहीं हो पाया है तो 15 से 26 वर्ष की उम्र में भी व्यक्ति ने कराया जा सकता है. इसके लिए वैक्सीनेशन की 3 डोज दी जाती है.

15 से 26 वर्ष के बीच लगेगी 3 डोज
उन्होंने बताया कि 15 से 26 वर्ष की उम्र में टीकाकरण के दौरान दो तरीके के टीके का प्रयोग होता है. दोनों में से कोई भी एक तरीके का टीका लगवाया जा सकता है. यदि इन दोनों टीको के अंतराल की बात की जाए तो पहला टीका 0 -1-6 के फॉर्मूले पर लगता है. दूसरे तरीके का टीका 0-2-6 फार्मूले पर काम करता है. यानी कि पहले डोज के बाद 1 महीने के अंतराल पर दूसरी और 6 महीने के अंतराल पर तीसरी डोज लगती है. दूसरे में पहले डोज के बाद 2 महीने के अंतराल पर दूसरी और फिर 6 महीने के अंतराल पर तीसरी डोज की प्रक्रिया को पूरा करके सर्वाइकल कैंसर से बचा जा सकता है.

विवाहित महिलाएं भी लगवा सकती है वैक्सीन
डॉ. पाठक बताती है कि, यह तो रही बात उन किशोरियों की जिनका सेक्सुअल डेब्यू नहीं हुआ है. परंतु जिनका सेक्सुअल डेब्यू हो चुका है. यदि वह टीकाकरण कराना चाहती है, तो सबसे पहले उन्हें अपना स्क्रीनिंग कराना होगा. इस स्क्रेनिंग में यदि उनमें एचपीवी 16 और 18 का वायरस नहीं है, तो वह टीकाकरण की प्रक्रिया को पूरी कर सकती हैं. लेकिन जिन महिलाओं में एचपीवी 16 और 18 का संक्रमण पाया जाता है. उन महिलाओं को डॉक्टर से परामर्श लेकर के इलाज की आवश्यकता होती है. जिससे कि वह घातक बीमारी से सुरक्षित रहे.

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सांकेतिक फोटो

30 वर्ष के बाद महिलाएं कराए अपनी स्क्रीनिंग
उन्होंने बताया कि महिलाओं की सुरक्षा को देखते हुए ही 30 वर्ष से ज्यादा की महिलाओं के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से गाइडलाइन भी जारी की गई है. जिसमें 3 और 5 साल के अंतराल के बाद सभी महिलाओं को अपनी स्क्रीनिंग करानी चाहिए. इससे यह स्पष्ट हो जाएगा कि उनके संक्रमण की स्थिति क्या है. ऐसे में यदि वह संक्रमित भी होती हैं तो त्वरित उपचार के जरिए उनके समस्या को दूर किया जा सकता है.

पुरुषों की इस शारीरिक क्रिया को बढ़ाती है धूप, 15 प्रकार के कैंसर व इन रोगों से भी बचाती है

वैक्सीनेशन - सर्वाइकल कैंसर

आज की युवा पीढ़ी मल्टीपल रिलेशनशिप या Live in relationships से ज्यादा प्रभावित है. साफ शब्दों में कहा जाए तो कम उम्र में sexual debut ( कम उम्र में शारीरिक संबंध की शुरुआत ) आम बात है. लेकिन क्या आपको पता है कि, कम उम्र में लिया हुआ ये फैसला घातक भी साबित हो रहा है. यह महिलाओं-युवतियों में सर्वाइकल कैंसर ( cervical cancer ) के खतरे को बढ़ा रहा है. cervical cancer vaccination . cervical cancer prevention . cervical cancer cause .

cervical cancer vaccination . cervical cancer prevention . cervical cancer cause
सांकेतिक फोटो

मल्टीपल पार्टनर का होना सर्वाइकल कैंसर का खतरा
डॉक्टर नेहा शर्मा ने बताया कि वर्तमान में ये बहुत साधारण बात है कि शादी से पहले ही लड़कियां सेक्सुअली ऐक्टिव हो जाती हैं. ऐसे में वो इस दौरान बहुत सी लापरवाही और गलतियां भी करती है, जो उनके लिए जीवन भर का दर्द बन जाता है. ऐसे में जो लड़कियां सेक्सुअली ऐक्टिव हैं, या जिनका सेक्सुअल डेब्यु हो चुका है. उन्हें शादी उस पार्टनर से नहीं करनी है. यानी वे एक से अधिक पार्टनर के साथ रहेंगी. ऐसे में मल्टिपल पार्टनर का होना एचआईवी और सर्वाइकल कैंसर के खतरे को बढ़ाता है. जो वर्तमान समय में बढ़ता जा रहा है. लेकिन यदि समय के साथ महिलाएं और बच्चियां इस पर ध्यान दें और टीकाकरण करा लें तो वह इस घातक बीमारी से सुरक्षित रह सकती है.

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डॉ नेहा शर्मा

वैक्सीन से इसे होने से रोका जा सकता है
सर्वाइकल कैंसर अब सीधे तौर पर वैक्सीन से रोका जा सकता है. डाक्टर नेहा बताती है कि, इस बीमारी से बचने के लिए HPV वैक्सिनेशन होता है. जिसमें 2, 4 और 5 स्ट्रेन्स होती हैं. ये वैक्सीन लड़कियों को सर्वाइकल कैंसर के खतरे से बचा सकती हैं.

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कम आय और मल्टीपल पार्टनर वाले मरीज थे अधिक
डॉक्टर शर्मा ने बताया कि पहले यह नजर आता था कि कम आय और निम्न सामाजिक स्थिति में रहने वाली महिलाए ही इसकी शिकार होती थी. इनके मल्टीपल पार्टनर होते थे. मेडिकल में इन्हें हम हाई रिस्क फैक्टर्स बोलते हैं, परंतु अब यह सामान्य और सभी वर्ग के महिलाओ में देखने को मिल रहा है. आंकड़े में बात करें तो अब 7.5 प्रतिशत महिलाओं में यह देखने को मिल रहा है.

9 वर्ष से शुरू होगा टीकाकरण
वहीं, इस बारे में महामना मालवीय कैंसर अनुसंधान केंद्र की डॉ रुचि पाठक बताती हैं कि, इस टीकाकरण के लिए एक निर्धारित उम्र सीमा होती है. जिसमे टीकाकरण कराना चाहिए. इससे सर्वाइकल कैंसर से मुक्ति मिल जाती है. उन्होंने बताया कि, बच्चियों में 9 वर्ष से लेकर के 14 वर्ष की उम्र में वैक्सीन की दो डोज लगती है. जिसे 6 माह के अंतराल पर लगाया जाता है. परंतु यदि इस उम्र में वैक्सीनेशन नहीं हो पाया है तो 15 से 26 वर्ष की उम्र में भी व्यक्ति ने कराया जा सकता है. इसके लिए वैक्सीनेशन की 3 डोज दी जाती है.

15 से 26 वर्ष के बीच लगेगी 3 डोज
उन्होंने बताया कि 15 से 26 वर्ष की उम्र में टीकाकरण के दौरान दो तरीके के टीके का प्रयोग होता है. दोनों में से कोई भी एक तरीके का टीका लगवाया जा सकता है. यदि इन दोनों टीको के अंतराल की बात की जाए तो पहला टीका 0 -1-6 के फॉर्मूले पर लगता है. दूसरे तरीके का टीका 0-2-6 फार्मूले पर काम करता है. यानी कि पहले डोज के बाद 1 महीने के अंतराल पर दूसरी और 6 महीने के अंतराल पर तीसरी डोज लगती है. दूसरे में पहले डोज के बाद 2 महीने के अंतराल पर दूसरी और फिर 6 महीने के अंतराल पर तीसरी डोज की प्रक्रिया को पूरा करके सर्वाइकल कैंसर से बचा जा सकता है.

विवाहित महिलाएं भी लगवा सकती है वैक्सीन
डॉ. पाठक बताती है कि, यह तो रही बात उन किशोरियों की जिनका सेक्सुअल डेब्यू नहीं हुआ है. परंतु जिनका सेक्सुअल डेब्यू हो चुका है. यदि वह टीकाकरण कराना चाहती है, तो सबसे पहले उन्हें अपना स्क्रीनिंग कराना होगा. इस स्क्रेनिंग में यदि उनमें एचपीवी 16 और 18 का वायरस नहीं है, तो वह टीकाकरण की प्रक्रिया को पूरी कर सकती हैं. लेकिन जिन महिलाओं में एचपीवी 16 और 18 का संक्रमण पाया जाता है. उन महिलाओं को डॉक्टर से परामर्श लेकर के इलाज की आवश्यकता होती है. जिससे कि वह घातक बीमारी से सुरक्षित रहे.

cervical cancer vaccination . cervical cancer prevention . cervical cancer cause
सांकेतिक फोटो

30 वर्ष के बाद महिलाएं कराए अपनी स्क्रीनिंग
उन्होंने बताया कि महिलाओं की सुरक्षा को देखते हुए ही 30 वर्ष से ज्यादा की महिलाओं के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से गाइडलाइन भी जारी की गई है. जिसमें 3 और 5 साल के अंतराल के बाद सभी महिलाओं को अपनी स्क्रीनिंग करानी चाहिए. इससे यह स्पष्ट हो जाएगा कि उनके संक्रमण की स्थिति क्या है. ऐसे में यदि वह संक्रमित भी होती हैं तो त्वरित उपचार के जरिए उनके समस्या को दूर किया जा सकता है.

पुरुषों की इस शारीरिक क्रिया को बढ़ाती है धूप, 15 प्रकार के कैंसर व इन रोगों से भी बचाती है

Last Updated : Dec 24, 2022, 9:33 AM IST
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