उत्तरकाशी: यमुनोत्री धाम के पैदल रूट और पड़ावों पर लगातार बढ़ रही अव्यवस्थाओं और जिला पंचायत की लापरवाहियों पर यमुनोत्री विधायक केदार सिंह रावत ने सवाल खड़े किए हैं. विधायक केदार सिंह रावत का कहना है कि जिला पंचायत घोड़ा, डंडी और कंडियों से हर वर्ष करोड़ों का राजस्व कमाता है. लेकिन, इतने सालों में प्रशासन डंडी-कंडियों के लिए समुचित व्यवस्था नहीं कर पाया है, जिससे चारधाम श्रद्धालुओं को आय दिन परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
यमुनोत्री विधायक केदार सिंह रावत ने Etv Bharat को बताया कि जिला पंचायत की लापरवाही के कारण यमुनोत्री धाम में लगातार अव्यवस्थाएं बढ़ रही हैं. उन्होंने बताया कि प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक कर निर्णय लिया गया है कि जिला पंचायत घोड़ा खच्चर पार्किंग के लिए जानकीचट्टी में किसी निजी भूमि को किराये पर लिया जाए. यमुनोत्री धाम में वन विभाग की भूमि पर जिला पंचायत के अधिकारी सभी प्रक्रिया पूरी कर वहां घोड़ा खच्चरों के रुकने की व्यवस्था करें. साथ ही उन्होंने जिला पंचायत के अधिकारियों को निर्देशित किया कि अव्यवस्थाओं को दुरुस्त किया जाए.
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दरअसल, जानकीचट्टी से यमुनोत्री धाम तक 5 किमी का पैदल ट्रैक है. यहां श्रद्धालुओं को यमुनोत्री धाम जाने के लिए उनकी सुविधानुसार घोड़े, डंडी और कंडियां भाड़े पर मिलती हैं. लेकिन, यमुनोत्री धाम सहित जानकीचट्टी और पैदल मार्ग पर घोड़ा-खच्चर सहित डंडी-कंडी के लिए उचित पार्किंग न होने के कारण यात्रियों और स्थानीय लोगों को आय दिन परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
पार्किंग और चारधाम पैदल ट्रैक की सभी व्यवस्थाएं हर साल जिला पंचायत उत्तरकाशी के जिम्मे है. लेकिन, जिला पंचायत के प्रतिनिधियों और अधिकारियों की लापरवाही के चलते हर वर्ष यह समस्या और ज्यादा बढ़ती जा रही है. इसी कारण विगत दिनों में घोड़ा खच्चर और डंडी कंडी चालकों ने जिला पंचायत के यात्रा कार्यालय में तोड़फोड़ की और जानकीचट्टी में घोड़ा, डंडी और कंडी चालकों ने अपना रोष व्यक्त किया था. इस कारण यात्रा के दौरान भी तनाव की स्थिति भी उत्पन्न हो गई थी.