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अभिजीत मुहूर्त में विधि-विधान से खोले गए यमुनोत्री धाम के कपाट, पीएम मोदी के नाम से पहली पूजा

कोरोना की दूसरी लहर के बीच शुक्रवार 14 मई से चारों धामों के कपाट खुलने की शुरुआत हो गई है. अभिजीत मुहूर्त में 12 बजकर 15 मिनट पर यमुनोत्री धाम के कपाट खुल गए हैं. यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने पर पहली पूजा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से की गई.

Uttarkashi
उत्तरकाशी
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Published : May 14, 2021, 12:43 PM IST

Updated : May 14, 2021, 4:24 PM IST

उत्तरकाशी: कोरोना की दूसरी लहर के बीच आज (14 मई) से चारों धामों के कपाट खुलने की शुरूआत हो गई है. अभिजीत मुहूर्त में 12 बजकर 15 मिनट पर यमुनोत्री धाम के कपाट खुल गए हैं. इतिहास में यह दूसरा मौका है जब बिना श्रद्धालुओं के चारधाम यात्रा शुरू हुई है. आज सुबह श्री यमुनोत्री जी की चलविग्रह डोली ने शीतकालीन गद्दीस्थल खरशाली (खुशीमठ) से प्रस्थान किया. उनको विदा करने छोटे भाई शनिदेव महाराज यमुनोत्री धाम पहुंचे. यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने पर पहली पूजा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से की गई है.

विधि-विधान से खोले गए यमुनोत्री धाम के कपाट.

अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर मां यमुना जी की डोली और भोगमूर्ति ढोल-दमाऊ के साथ विशेष पूजा अर्चना के बाद भाई शनि महाराज की डोली के साथ धाम के लिए शुक्रवार सुबह 9 बजे यमुनोत्री धाम के लिए अपने शीतकालीन प्रवास खरसाली से रवाना हुई. प्रदेश सरकार की एसओपी के अंर्तगत ग्रामीणों ने अपने घरों से ही मां यमुना को विदाई दी. मां यमुना के साथ यमुनोत्री धाम मंदिर समिति के पदाधिकारियों के साथ 25 पुरोहित और प्रशासन की टीम यमुनोत्री धाम पहुंची.

UttarkashiUttarkashi
अभिजीत मुहूर्त में विधि-विधान से खोले गए यमुनोत्री धाम के कपाट

पढ़ें- ओंकारेश्वर मंदिर से केदारनाथ के लिए रवाना हुई बाबा की डोली

विशेष पूजा अर्चना और विधि विधान से अभिजीत मुहूर्त में यमुनोत्री धाम के कपाट दोपहर 12 बजकर 15 मिनट पर 6 महीने (ग्रीष्मकाल) के लिए खोल दिये गए हैं. यमुनोत्री धाम के तीर्थ पुरोहित पवन उनियाल ने बताया कि चारधाम देवस्थानम बोर्ड ने पीएम मोदी की ओर से यमुनोत्री में पहली पूजा के लिए 1101 की धनराशि दी, जिसे यमुनोत्री धाम मंदिर समिति के खाते में ट्रांसफर किया गया. यमुनोत्री धाम में पीएम मोदी के नाम से पहली पूजा की गई.

Uttarkashi
यमुनोत्री धाम में प्रवेश करती मां यमुना की भोगमूर्ति डोली

मुख्यमंत्री का संदेश

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने इस मौके पर बयान जारी कर देश-विदेश के सभी श्रद्धालुओं को यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने पर बधाई दी है. उन्होंने अपील की है कि कोरोना महामारी को देखते हुए लोग घरों में ही पूजा-अर्चना करें. वहीं, पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा है कि कोरोना महामारी के कारण प्रदेश सरकार द्वारा चारधाम यात्रा पर रोक लगायी गयी है. स्थिति सामान्य होते ही चारधाम यात्रा शुरू हो सकेगी. महाराज ने कहा कि जल्द स्थितियां सामान्य होंगी. चारों धामों के श्रद्धालुओं को वर्चुअल दर्शन के लिए देवस्थानम बोर्ड को कहा गया है.

Uttarkashi
कोरोना संक्रमण के मद्देनजर प्रशासन रहा अलर्ट

वहीं, पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने कहा कि श्रद्धालुओं को चारधाम के वर्चुअल दर्शनों के लिए रूपरेखा तय की जा रही है. गढ़वाल आयुक्त एवं उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविनाथ रमन ने कहा कि श्रद्धालुओं को वर्चुअल माध्यम से दर्शन हों, इसके लिए वेबसाइट तथा अन्य माध्यमों को अपडेट किया जा रहा है.

कल खुलेगा मां गंगा का धाम

बता दें कि कल यानी 15 मई को गंगोत्री धाम के कपाट मिथुन लग्न में शुभ बेला पर सुबह 7 बजकर 30 मिनट पर पूरे विधि-विधान से साथ खोले जाएंगे. आज शुक्ल पक्ष के कर्क लग्न की शुभ बेला पर बैशाख द्वितीय को 11 बजकर 45 मिनट पर मां गंगा की डोली शीतकालीन प्रवास मुखबा से गंगोत्री धाम के लिए रवाना होगी. उसके बाद पैदल गंगोत्री धाम की डोली यात्रा रात्रि विश्राम के लिए भैरो घाटी स्थित भैरो मंदिर पहुंचेगी. 15 मई को मां गंगा की डोली सुबह 4 बजे गंगोत्री धाम के लिए रवाना होगी. उसके बाद वैदिक मंत्रोच्चार के साथ ही विशेष पूजा अर्चना के साथ 15 मई को अक्षय तृतीया पर सुबह मिथुन लग्न की शुभ बेला पर 7 बजकर 30 मिनट पर गंगोत्री धाम के कपाट 6 माह के लिए श्रद्धालुओं के लिए खोल दिये जाएंगे.

17 मई को केदार और 18 को बदरीनाथ के खुलेंगे कपाट

देवस्थानम बोर्ड के कार्याधिकारी एनपी जमलोकी ने बताया कि श्री केदारनाथ भगवान की चलविग्रह पंचमुखी डोली आज रात्रि निवास के लिए गौरीकुंड पहुंच गयी है. देवस्थानम बोर्ड के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी बीडी सिंह, उपजिलाधिकारी ऊखीमठ रविन्द्र वर्मा, डोली प्रभारी यदुवीर पुष्पवान भी डोली के साथ चल रहे हैं. कल पंचमुखी डोली केदारनाथ धाम पहुंचेगी और सोमवार 17 मई को सुबह पांच बजे श्री केदारनाथ धाम के कपाट खुलेंगे.

वहीं, श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बैशाख शुक्ल षष्ठी 18 मई मंगलवार को पुष्य नक्षत्र पर प्रात: 4 बजकर 15 मिनट पर खुल रहे हैं. 16 मई को रावल ईश्वरीप्रसाद नंबूदरी. आदिगुरु शंकराचार्य जी की गद्दी, एवं डिमरी पंचायत प्रतिनिधि गाडू घड़ा (तेलकलश) सहित श्री योगध्यान बदरी मंदिर पांडुकेश्वर पहुंचेंगे. 17 शाम को श्री बदरीनाथ धाम पहुंचेंगे.

चारधाम यात्रा

  • यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने पर मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने बधाई दी है.
  • पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने वर्चुअल दर्शन के निर्देश दिये.
  • सादगीपूर्वक यमुनोत्री धाम के कपाट खुले. पूजा-अर्चना चलेगी लेकिन यात्रा स्थगित रहेगी.
  • श्री केदारनाथ भगवान की पंचमुखी डोली गौरीकुंड पहुंची.
  • श्री गंगोत्री जी की चल विग्रह डोली गंगोत्री प्रस्थान हुई.
  • श्री बदरीनाथ धाम के लिए रावल जी एवं आदिगुरू शंकराचार्य जी की गद्दी एवं गाडू घड़ा( तेलकलश) 16 मई को प्रस्थान करेगा.
  • कोरोना महामारी का असर सीमित संख्या में तीर्थ पुरोहित एवं प्रशासन के अधिकारी मौजूद रहे.

देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि कपाट खुलने के कार्यक्रम सांकेतिक रूप से हो रहे हैं. वर्तमान में चारधाम यात्रा स्थगित है. सभी में कोरोना बचाव मानकों का पालन हो रहा है. मास्क लगाना, सोशल डिस्टेंसिंग, सेनिटाइजिंग, थर्मल स्क्रीनिंग और कोरोना जांच को एसओपी के अनुसार अनिवार्य किया गया है. धामों में पूजा पाठ से जुड़े लोगों को ही जाने की प्रशासन द्वारा अनुमति दी गयी है. उन्होंने बताया कि द्वितीय केदार मदमहेश्वर के कपाट 20 मई, तृतीय केदार तुंगनाथ जी के कपाट और, चतुर्थ केदार रुद्रनाथ जी के कपाट 17 मई को खुल रहे हैं.

उत्तरकाशी: कोरोना की दूसरी लहर के बीच आज (14 मई) से चारों धामों के कपाट खुलने की शुरूआत हो गई है. अभिजीत मुहूर्त में 12 बजकर 15 मिनट पर यमुनोत्री धाम के कपाट खुल गए हैं. इतिहास में यह दूसरा मौका है जब बिना श्रद्धालुओं के चारधाम यात्रा शुरू हुई है. आज सुबह श्री यमुनोत्री जी की चलविग्रह डोली ने शीतकालीन गद्दीस्थल खरशाली (खुशीमठ) से प्रस्थान किया. उनको विदा करने छोटे भाई शनिदेव महाराज यमुनोत्री धाम पहुंचे. यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने पर पहली पूजा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से की गई है.

विधि-विधान से खोले गए यमुनोत्री धाम के कपाट.

अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर मां यमुना जी की डोली और भोगमूर्ति ढोल-दमाऊ के साथ विशेष पूजा अर्चना के बाद भाई शनि महाराज की डोली के साथ धाम के लिए शुक्रवार सुबह 9 बजे यमुनोत्री धाम के लिए अपने शीतकालीन प्रवास खरसाली से रवाना हुई. प्रदेश सरकार की एसओपी के अंर्तगत ग्रामीणों ने अपने घरों से ही मां यमुना को विदाई दी. मां यमुना के साथ यमुनोत्री धाम मंदिर समिति के पदाधिकारियों के साथ 25 पुरोहित और प्रशासन की टीम यमुनोत्री धाम पहुंची.

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अभिजीत मुहूर्त में विधि-विधान से खोले गए यमुनोत्री धाम के कपाट

पढ़ें- ओंकारेश्वर मंदिर से केदारनाथ के लिए रवाना हुई बाबा की डोली

विशेष पूजा अर्चना और विधि विधान से अभिजीत मुहूर्त में यमुनोत्री धाम के कपाट दोपहर 12 बजकर 15 मिनट पर 6 महीने (ग्रीष्मकाल) के लिए खोल दिये गए हैं. यमुनोत्री धाम के तीर्थ पुरोहित पवन उनियाल ने बताया कि चारधाम देवस्थानम बोर्ड ने पीएम मोदी की ओर से यमुनोत्री में पहली पूजा के लिए 1101 की धनराशि दी, जिसे यमुनोत्री धाम मंदिर समिति के खाते में ट्रांसफर किया गया. यमुनोत्री धाम में पीएम मोदी के नाम से पहली पूजा की गई.

Uttarkashi
यमुनोत्री धाम में प्रवेश करती मां यमुना की भोगमूर्ति डोली

मुख्यमंत्री का संदेश

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने इस मौके पर बयान जारी कर देश-विदेश के सभी श्रद्धालुओं को यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने पर बधाई दी है. उन्होंने अपील की है कि कोरोना महामारी को देखते हुए लोग घरों में ही पूजा-अर्चना करें. वहीं, पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा है कि कोरोना महामारी के कारण प्रदेश सरकार द्वारा चारधाम यात्रा पर रोक लगायी गयी है. स्थिति सामान्य होते ही चारधाम यात्रा शुरू हो सकेगी. महाराज ने कहा कि जल्द स्थितियां सामान्य होंगी. चारों धामों के श्रद्धालुओं को वर्चुअल दर्शन के लिए देवस्थानम बोर्ड को कहा गया है.

Uttarkashi
कोरोना संक्रमण के मद्देनजर प्रशासन रहा अलर्ट

वहीं, पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने कहा कि श्रद्धालुओं को चारधाम के वर्चुअल दर्शनों के लिए रूपरेखा तय की जा रही है. गढ़वाल आयुक्त एवं उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविनाथ रमन ने कहा कि श्रद्धालुओं को वर्चुअल माध्यम से दर्शन हों, इसके लिए वेबसाइट तथा अन्य माध्यमों को अपडेट किया जा रहा है.

कल खुलेगा मां गंगा का धाम

बता दें कि कल यानी 15 मई को गंगोत्री धाम के कपाट मिथुन लग्न में शुभ बेला पर सुबह 7 बजकर 30 मिनट पर पूरे विधि-विधान से साथ खोले जाएंगे. आज शुक्ल पक्ष के कर्क लग्न की शुभ बेला पर बैशाख द्वितीय को 11 बजकर 45 मिनट पर मां गंगा की डोली शीतकालीन प्रवास मुखबा से गंगोत्री धाम के लिए रवाना होगी. उसके बाद पैदल गंगोत्री धाम की डोली यात्रा रात्रि विश्राम के लिए भैरो घाटी स्थित भैरो मंदिर पहुंचेगी. 15 मई को मां गंगा की डोली सुबह 4 बजे गंगोत्री धाम के लिए रवाना होगी. उसके बाद वैदिक मंत्रोच्चार के साथ ही विशेष पूजा अर्चना के साथ 15 मई को अक्षय तृतीया पर सुबह मिथुन लग्न की शुभ बेला पर 7 बजकर 30 मिनट पर गंगोत्री धाम के कपाट 6 माह के लिए श्रद्धालुओं के लिए खोल दिये जाएंगे.

17 मई को केदार और 18 को बदरीनाथ के खुलेंगे कपाट

देवस्थानम बोर्ड के कार्याधिकारी एनपी जमलोकी ने बताया कि श्री केदारनाथ भगवान की चलविग्रह पंचमुखी डोली आज रात्रि निवास के लिए गौरीकुंड पहुंच गयी है. देवस्थानम बोर्ड के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी बीडी सिंह, उपजिलाधिकारी ऊखीमठ रविन्द्र वर्मा, डोली प्रभारी यदुवीर पुष्पवान भी डोली के साथ चल रहे हैं. कल पंचमुखी डोली केदारनाथ धाम पहुंचेगी और सोमवार 17 मई को सुबह पांच बजे श्री केदारनाथ धाम के कपाट खुलेंगे.

वहीं, श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बैशाख शुक्ल षष्ठी 18 मई मंगलवार को पुष्य नक्षत्र पर प्रात: 4 बजकर 15 मिनट पर खुल रहे हैं. 16 मई को रावल ईश्वरीप्रसाद नंबूदरी. आदिगुरु शंकराचार्य जी की गद्दी, एवं डिमरी पंचायत प्रतिनिधि गाडू घड़ा (तेलकलश) सहित श्री योगध्यान बदरी मंदिर पांडुकेश्वर पहुंचेंगे. 17 शाम को श्री बदरीनाथ धाम पहुंचेंगे.

चारधाम यात्रा

  • यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने पर मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने बधाई दी है.
  • पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने वर्चुअल दर्शन के निर्देश दिये.
  • सादगीपूर्वक यमुनोत्री धाम के कपाट खुले. पूजा-अर्चना चलेगी लेकिन यात्रा स्थगित रहेगी.
  • श्री केदारनाथ भगवान की पंचमुखी डोली गौरीकुंड पहुंची.
  • श्री गंगोत्री जी की चल विग्रह डोली गंगोत्री प्रस्थान हुई.
  • श्री बदरीनाथ धाम के लिए रावल जी एवं आदिगुरू शंकराचार्य जी की गद्दी एवं गाडू घड़ा( तेलकलश) 16 मई को प्रस्थान करेगा.
  • कोरोना महामारी का असर सीमित संख्या में तीर्थ पुरोहित एवं प्रशासन के अधिकारी मौजूद रहे.

देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि कपाट खुलने के कार्यक्रम सांकेतिक रूप से हो रहे हैं. वर्तमान में चारधाम यात्रा स्थगित है. सभी में कोरोना बचाव मानकों का पालन हो रहा है. मास्क लगाना, सोशल डिस्टेंसिंग, सेनिटाइजिंग, थर्मल स्क्रीनिंग और कोरोना जांच को एसओपी के अनुसार अनिवार्य किया गया है. धामों में पूजा पाठ से जुड़े लोगों को ही जाने की प्रशासन द्वारा अनुमति दी गयी है. उन्होंने बताया कि द्वितीय केदार मदमहेश्वर के कपाट 20 मई, तृतीय केदार तुंगनाथ जी के कपाट और, चतुर्थ केदार रुद्रनाथ जी के कपाट 17 मई को खुल रहे हैं.

Last Updated : May 14, 2021, 4:24 PM IST
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