उत्तरकाशी: विश्व प्रसिद्ध यमुनोत्री धाम के कपाट भैयादूज यानी 29 अक्टूबर को दोपहर 12:25 बजे अभिजीत मुहूर्त में विधि-विधान के साथ शीतकाल के लिए बन्द कर दिए गए. जिसके बाद 6 माह तक यमुना जी के दर्शन श्रद्धालु उनके शीतकालीन प्रवास खुशीमठ (खरसाली) में कर सकेंगे. 6 महीने बाद अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर ग्रीष्मकाल के लिए गंगोत्री तथा यमुनोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोले जाएंगे.
यमुनोत्री मंदिर समिति के पूर्व उपाध्यक्ष पवन उनियाल ने बताया है कि यमुना माता के शीतकालीन प्रवास खुशीमठ से शनिदेव की डोली मां यमुना को लेने सुबह यमुनोत्री धाम पहुंची. जहां विधिवत पूजा-अर्चना के बाद यमुनोत्री धाम के कपाट दोपहर 12:25 बजे बंद कर दिए गए. जिसके बाद पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ शनिदेव की डोली की अगुवाई में मां यमुना की उत्सव डोली यमुनोत्री से खुशीमठ के लिए 12.30 पर रवाना हुई.
पढ़ें- दशकों पहले 'खत्म' हो चुकी बासमती को इस किसान ने किया जीवित, बाजार में बढ़ी डिमांड
मंगलवार शाम को मां यमुना जी की उत्सव डोली खुशीमठ पहुंची. जहां मां यमुना जी को अपने शीतकालीन प्रवास यमुना मंदिर में विधि-विधान से विराजमान किया गया. शीतकाल में 6 माह तक देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालु यहीं पर मां यमुना के दर्शन कर सकेंगे. अगले साल अक्षय तृतीया पर फिर से यमुनोत्री धाम के कपाट खोल दिए जाएंगे.