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शीतकाल के लिए बंद हुए यमुनोत्री धाम के कपाट, शनिदेव की अगुवाई में खुशीमठ पहुंची डोली

भैयादूज के दिन विधि-विधान से यमुनोत्री धाम के कपाट बंद हो गए. अब 6 महीने तक खरसाली में माता यमुना के दर्शन हो सकेंगे.

उत्तरकाशी
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Published : Oct 29, 2019, 6:49 PM IST

उत्तरकाशी: विश्व प्रसिद्ध यमुनोत्री धाम के कपाट भैयादूज यानी 29 अक्टूबर को दोपहर 12:25 बजे अभिजीत मुहूर्त में विधि-विधान के साथ शीतकाल के लिए बन्द कर दिए गए. जिसके बाद 6 माह तक यमुना जी के दर्शन श्रद्धालु उनके शीतकालीन प्रवास खुशीमठ (खरसाली) में कर सकेंगे. 6 महीने बाद अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर ग्रीष्मकाल के लिए गंगोत्री तथा यमुनोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोले जाएंगे.

यमुनोत्री मंदिर समिति के पूर्व उपाध्यक्ष पवन उनियाल ने बताया है कि यमुना माता के शीतकालीन प्रवास खुशीमठ से शनिदेव की डोली मां यमुना को लेने सुबह यमुनोत्री धाम पहुंची. जहां विधिवत पूजा-अर्चना के बाद यमुनोत्री धाम के कपाट दोपहर 12:25 बजे बंद कर दिए गए. जिसके बाद पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ शनिदेव की डोली की अगुवाई में मां यमुना की उत्सव डोली यमुनोत्री से खुशीमठ के लिए 12.30 पर रवाना हुई.

वैदिक मंत्रोच्चार के बाद बंद हुए यमुनोत्री धाम के कपाट

पढ़ें- दशकों पहले 'खत्म' हो चुकी बासमती को इस किसान ने किया जीवित, बाजार में बढ़ी डिमांड

मंगलवार शाम को मां यमुना जी की उत्सव डोली खुशीमठ पहुंची. जहां मां यमुना जी को अपने शीतकालीन प्रवास यमुना मंदिर में विधि-विधान से विराजमान किया गया. शीतकाल में 6 माह तक देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालु यहीं पर मां यमुना के दर्शन कर सकेंगे. अगले साल अक्षय तृतीया पर फिर से यमुनोत्री धाम के कपाट खोल दिए जाएंगे.

उत्तरकाशी: विश्व प्रसिद्ध यमुनोत्री धाम के कपाट भैयादूज यानी 29 अक्टूबर को दोपहर 12:25 बजे अभिजीत मुहूर्त में विधि-विधान के साथ शीतकाल के लिए बन्द कर दिए गए. जिसके बाद 6 माह तक यमुना जी के दर्शन श्रद्धालु उनके शीतकालीन प्रवास खुशीमठ (खरसाली) में कर सकेंगे. 6 महीने बाद अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर ग्रीष्मकाल के लिए गंगोत्री तथा यमुनोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोले जाएंगे.

यमुनोत्री मंदिर समिति के पूर्व उपाध्यक्ष पवन उनियाल ने बताया है कि यमुना माता के शीतकालीन प्रवास खुशीमठ से शनिदेव की डोली मां यमुना को लेने सुबह यमुनोत्री धाम पहुंची. जहां विधिवत पूजा-अर्चना के बाद यमुनोत्री धाम के कपाट दोपहर 12:25 बजे बंद कर दिए गए. जिसके बाद पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ शनिदेव की डोली की अगुवाई में मां यमुना की उत्सव डोली यमुनोत्री से खुशीमठ के लिए 12.30 पर रवाना हुई.

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मंगलवार शाम को मां यमुना जी की उत्सव डोली खुशीमठ पहुंची. जहां मां यमुना जी को अपने शीतकालीन प्रवास यमुना मंदिर में विधि-विधान से विराजमान किया गया. शीतकाल में 6 माह तक देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालु यहीं पर मां यमुना के दर्शन कर सकेंगे. अगले साल अक्षय तृतीया पर फिर से यमुनोत्री धाम के कपाट खोल दिए जाएंगे.

Intro:उत्तरकाशी। विश्व प्रसिद्ध यमुनोत्री धाम के कपाट मंगलवार को भैया दूज के पावन पर्व पर दोपहर सवा बारह बजे अभिजीत मुहूर्त में पारंपरिक परंपरानुसार विधि विधान के साथ शीतकाल के लिए छह माह के लिए बन्द कर दिए गए। जिसके बाद छह माह तक यमुना जी के दर्शन देश विदेश के श्रद्धालु उनके शीतकालीन प्रवास खुशीमठ (खरसाली) में कर सकेंगे तथा छह महीने बाद अक्षय तृतीया के पावन पर्व के अवसर पर ग्रीष्मकाल के लिए गंगोत्री तथा यमुनोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए दर्शनार्थ खोले जाएंगे।Body:वीओ- 1, यमुनोत्री मंदिर समिति के पूर्व उपाध्यक्ष पवन उनियाल ने बताया है कि भैया दूज को यमुना के शीतकालीन प्रवास खुशीमठ से शनिदेव की डोली मां यमुना को लेने सुबह यमुनोत्री धाम पहुंची। जहां विधिवत पूजा अर्चना के बाद परंपरा अनुसार यमुनोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए अभिजीत मुहूर्त में दोपहर 12:25 बजे बंद कर दिए गए। जिसके बाद पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ शनिदेव की डोली की अगुवाई में मां यमुना की उत्सव डोली यमुनोत्री से खुशीमठ के लिए 12.30 पर रवाना हुई।Conclusion:वीओ-2, मंगलवार शाम को मां यमुना जी की उत्सव डोली खुशीमठ पहुंची। जहां मां यमुना जी को अपने शीतकालीन प्रवास यमुना मंदिर में विधि विधान से विराजमान किया गया। शीतकाल में छह माह तक देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालु यहीं पर मां यमुना के दर्शन कर सकेंगे तथा शीतकाल के छह महीने बाद अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर ग्रीष्मकाल के लिए पूण: यमुनोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए दर्शनार्थ खोल दिए जाएंगे।
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