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उत्तरकाशी में गणेशपुर गांव की महिलाओं ने सिंचाई विभाग को दिखाया आईना, खुद बना डाली क्षतिग्रस्त नहर

उत्तरकाशी के गणेशपुर गांव की महिलाओं ने मिसाल कायम की है. बाढ़ के कारण गांव की सिंचाई नहर को नुकसान हुआ था. शिकायत करने के एक सप्ताह बाद तक सिंचाई विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं. ऐसे में गांव की महिलाओं ने खुद की वैकल्पिक नहर बना डाली. इसके बाद काश्तकारों ने धान की रोपाई की.

Uttarkashi canal damaged
उत्तरकाशी समाचार
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Published : Jul 27, 2023, 7:16 AM IST

Updated : Jul 27, 2023, 9:24 AM IST

उत्तरकाशी की महिलाओं ने बना डाली नहर

उत्तरकाशी: जिला मुख्यालय से महज पांच किमी दूरी पर स्थित गणेशपुर गांव में एक सप्ताह पूर्व सिंचाई नहर क्षतिग्रस्त हो गई थी. लेकिन सिंचाई नहर की विभाग ने सुध नहीं ली. ऐसे में गांव की महिलाओं ने खुद ही आगे आकर वो कर दिखाया जो विभाग को अब मुंह चिढ़ा रहा है.

महिलाओं ने बना डाली सिंचाई नहर: गणेशपुर की महिलाएं स्वयं उफान पर बह रहे गदेरे के पास पहुंचीं. महिलाओं ने गांव के पुरुषों के साथ मिलकर अपनी धान की रोपाई के खेतों के लिए करीब 2 किलोमीटर वैकल्पिक सिंचाई नहर का निर्माण किया. महिलाओं का कहना है कि एक सप्ताह से सिंचाई विभाग के अधिकारी महज पांच किमी की दूरी पर सुध लेने नहीं पहुंचे. मानसून सीजन के विभागीय अधिकारी कितने संजीदा हैं, इसकी बानगी जिला मुख्यालय से महज पांच किमी दूरी पर स्थित गणेशपुर गांव में देखने को मिल रही है.

Uttarkashi canal damaged
महिलाओं ने बनाई क्षतिग्रस्त नहर

उत्तरकाशी की महिलाओं ने सिंचाई विभाग को दिखाया आईना: गणेशपुर गांव के निवासी प्रदीप राणा सहित महिला मंगल दल अध्यक्ष मीना राणा, प्रियंका देवी, नंदा देवी, गंगेश्वरी, पूजा, नीलम, अरविंद रावत, जगत नेगी, सब्बल सिंह और लोकेंद्र ने बताया कि एक सप्ताह पूर्व उनके गांव के समीप बहने वाले गदेरे के ऊफान पर आने के कारण उनकी धान के खेती की सिंचाई नहर पूर्णतया क्षतिग्रस्त हो गई थी. इसकी सूचना विभाग को भी दी थी. लेकिन उसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई. ये भी पढ़ें: आसमान से बरस रही आफत की बारिश, चारों ओर त्राहिमाम-त्राहिमाम, बाढ़ की चपेट में आए कई गांव

सिंचाई विभाग के कर्मचारियों ने नहीं सुनी लोगों की शिकायत: इससे ग्रामीणों के सामने धान की रोपाई की समस्या खड़ी हो गई. जिसको देखते हुए ग्रामीण महिलाएं और अन्य ग्रामीण स्वयं मौके पर पहुंचे. उसके बाद श्रमदान से सबने मिलकर करीब 2 किमी लंबी वैकल्पिक नहर का निर्माण किया. इस तरह ग्रामीणों के खेतों में पानी पहुुंचा. काश्तकारों ने अपने खेतों में धान की रोपाई शुरू की. वहीं इस संबध में जानकारी के लिए सिंचाई विभाग के ईई को कॉल करने पर उन्होंने कॉल रिसीव नहीं की.

उत्तरकाशी की महिलाओं ने बना डाली नहर

उत्तरकाशी: जिला मुख्यालय से महज पांच किमी दूरी पर स्थित गणेशपुर गांव में एक सप्ताह पूर्व सिंचाई नहर क्षतिग्रस्त हो गई थी. लेकिन सिंचाई नहर की विभाग ने सुध नहीं ली. ऐसे में गांव की महिलाओं ने खुद ही आगे आकर वो कर दिखाया जो विभाग को अब मुंह चिढ़ा रहा है.

महिलाओं ने बना डाली सिंचाई नहर: गणेशपुर की महिलाएं स्वयं उफान पर बह रहे गदेरे के पास पहुंचीं. महिलाओं ने गांव के पुरुषों के साथ मिलकर अपनी धान की रोपाई के खेतों के लिए करीब 2 किलोमीटर वैकल्पिक सिंचाई नहर का निर्माण किया. महिलाओं का कहना है कि एक सप्ताह से सिंचाई विभाग के अधिकारी महज पांच किमी की दूरी पर सुध लेने नहीं पहुंचे. मानसून सीजन के विभागीय अधिकारी कितने संजीदा हैं, इसकी बानगी जिला मुख्यालय से महज पांच किमी दूरी पर स्थित गणेशपुर गांव में देखने को मिल रही है.

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महिलाओं ने बनाई क्षतिग्रस्त नहर

उत्तरकाशी की महिलाओं ने सिंचाई विभाग को दिखाया आईना: गणेशपुर गांव के निवासी प्रदीप राणा सहित महिला मंगल दल अध्यक्ष मीना राणा, प्रियंका देवी, नंदा देवी, गंगेश्वरी, पूजा, नीलम, अरविंद रावत, जगत नेगी, सब्बल सिंह और लोकेंद्र ने बताया कि एक सप्ताह पूर्व उनके गांव के समीप बहने वाले गदेरे के ऊफान पर आने के कारण उनकी धान के खेती की सिंचाई नहर पूर्णतया क्षतिग्रस्त हो गई थी. इसकी सूचना विभाग को भी दी थी. लेकिन उसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई. ये भी पढ़ें: आसमान से बरस रही आफत की बारिश, चारों ओर त्राहिमाम-त्राहिमाम, बाढ़ की चपेट में आए कई गांव

सिंचाई विभाग के कर्मचारियों ने नहीं सुनी लोगों की शिकायत: इससे ग्रामीणों के सामने धान की रोपाई की समस्या खड़ी हो गई. जिसको देखते हुए ग्रामीण महिलाएं और अन्य ग्रामीण स्वयं मौके पर पहुंचे. उसके बाद श्रमदान से सबने मिलकर करीब 2 किमी लंबी वैकल्पिक नहर का निर्माण किया. इस तरह ग्रामीणों के खेतों में पानी पहुुंचा. काश्तकारों ने अपने खेतों में धान की रोपाई शुरू की. वहीं इस संबध में जानकारी के लिए सिंचाई विभाग के ईई को कॉल करने पर उन्होंने कॉल रिसीव नहीं की.

Last Updated : Jul 27, 2023, 9:24 AM IST
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