ETV Bharat / state

उत्तरकाशी: शवयात्रा के दौरान बाजगियों ने किया पेंसारा नृत्य

प्रदेश के उत्तरकाशी जिले में वयोवृद्ध के मरने पर शव यात्रा निकाली गई. इस दौरान शव यात्रा में शामिल बाजगी लोगों ने पेंसारा नृत्य किया.

procession in Uttarkashi
बाजगियों ने किया पेंसारा नृत्य
author img

By

Published : Dec 17, 2020, 4:46 PM IST

Updated : Dec 17, 2020, 8:20 PM IST

उत्तरकाशी: पहाड़ की विभिन्न संस्कृतियों का एक ऐसा अद्भुत संगम है जो शायद ही विश्व में कहीं देखने को मिले. एक ऐसी ही संस्कृति उत्तरकाशी जनपद में गंगा और यमुना घाटी में देखने को मिलती है, जो विचित्र है, लेकिन सत्य भी है. यहां आज भी किसी बुजुर्ग के मरने पर बाजगी लोगों द्वारा पेंसारा नृत्य किया जाता है.

बाजगियों ने किया पेंसारा नृत्य

आपने शादी समारोह और अन्य खुशियों के मौके पर ढोल दमाऊं की थाप सुनी होगी और उस थाप पर थिरकते लोगों को भी देखा होगा. लेकिन किसी की मृत्यु पर नृत्य शायद ही कहीं देखा होगा. तो आइए हम आपको बताते हैं कि उत्तरकाशी जनपद की यमुना और गंगा घाटी में आज भी किसी वयोवृद्ध के मरने पर शव यात्रा के साथ चल रहे बाजगी लोग पेंसारा नृत्य करते हैं. शव यात्रा के दौरान बाजगी समुदाय के लोग अपने ढोल दमाऊं और रणसिंगे के करतब दिखाते हैं. वहीं, शव यात्रा में मौजूद लोग बाजगियों को इनाम भी देते हैं.

ये भी पढ़ें : छात्रवृत्ति परीक्षा में दो छात्राओं को दे दिया एक ही रोल नंबर, निराश लौटी एक बच्ची

यमुना घाटी में किसी समृद्ध वयोवृद्ध की मृत्यु पर आज भी पेंसारा नृत्य देखने को मिलता है, लेकिन गंगा घाटी में बुधवार को वर्षों बाद साल्ड गांव के पुराने बाजगी सेरदास की मृत्यु के बाद शवयात्रा में पेंसारा नृत्य बाजगी समुदाय के लोगों की. यह नृत्य मृतक के सम्मान में किया गया. हालांकि, अब यह संस्कृति अब विलुप्ति की कगार पर है. क्योंकि, अब बहुत कम लोग ही बाजगी की इस कला और विद्या को जानते हैं.

उत्तरकाशी: पहाड़ की विभिन्न संस्कृतियों का एक ऐसा अद्भुत संगम है जो शायद ही विश्व में कहीं देखने को मिले. एक ऐसी ही संस्कृति उत्तरकाशी जनपद में गंगा और यमुना घाटी में देखने को मिलती है, जो विचित्र है, लेकिन सत्य भी है. यहां आज भी किसी बुजुर्ग के मरने पर बाजगी लोगों द्वारा पेंसारा नृत्य किया जाता है.

बाजगियों ने किया पेंसारा नृत्य

आपने शादी समारोह और अन्य खुशियों के मौके पर ढोल दमाऊं की थाप सुनी होगी और उस थाप पर थिरकते लोगों को भी देखा होगा. लेकिन किसी की मृत्यु पर नृत्य शायद ही कहीं देखा होगा. तो आइए हम आपको बताते हैं कि उत्तरकाशी जनपद की यमुना और गंगा घाटी में आज भी किसी वयोवृद्ध के मरने पर शव यात्रा के साथ चल रहे बाजगी लोग पेंसारा नृत्य करते हैं. शव यात्रा के दौरान बाजगी समुदाय के लोग अपने ढोल दमाऊं और रणसिंगे के करतब दिखाते हैं. वहीं, शव यात्रा में मौजूद लोग बाजगियों को इनाम भी देते हैं.

ये भी पढ़ें : छात्रवृत्ति परीक्षा में दो छात्राओं को दे दिया एक ही रोल नंबर, निराश लौटी एक बच्ची

यमुना घाटी में किसी समृद्ध वयोवृद्ध की मृत्यु पर आज भी पेंसारा नृत्य देखने को मिलता है, लेकिन गंगा घाटी में बुधवार को वर्षों बाद साल्ड गांव के पुराने बाजगी सेरदास की मृत्यु के बाद शवयात्रा में पेंसारा नृत्य बाजगी समुदाय के लोगों की. यह नृत्य मृतक के सम्मान में किया गया. हालांकि, अब यह संस्कृति अब विलुप्ति की कगार पर है. क्योंकि, अब बहुत कम लोग ही बाजगी की इस कला और विद्या को जानते हैं.

Last Updated : Dec 17, 2020, 8:20 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.