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विश्व पर्यटन दिवस पर उत्तरकाशी में लॉन्च हुआ V TOP सर्किट, कंडार देवता मंदिर तक शुरू हुई ट्रेकिंग

उत्तरकाशी जिला मुख्यालय के आसपास के गांवों को ट्रेक जोड़ने के लिए जिला प्रशासन और होटल एसोसिएशन सहित पाटा, संग्राली और बगयाल गांव के ग्रामीणों ने ट्रेकिंग की शुरुआत की. इस मौके पर विधायक सुरेश चौहान ने लोगों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया.

Varunavat Top to Kandaar Devta Temple Trekking starts
उत्तरकाशी में मनाया गया विश्व पर्यटन दिवस
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Published : Sep 27, 2022, 4:45 PM IST

Updated : Sep 27, 2022, 7:07 PM IST

उत्तरकाशी: विश्व पर्यटन दिवस (world tourism day) पर उत्तरकाशी जिला मुख्यालय के आसपास के गांवों को ट्रेक के माध्यम से जोड़ने के लिए जिला प्रशासन, होटल एसोसिएशन सहित पाटा, संग्राली और बगयाल गांव के ग्रामीणों ने मिलकर एक नये ट्रेक का सृजन किया. इस मौके पर बाबा काशी विश्वनाथ मंदिर (Baba Kashi Vishwanath Temple) से लेकर वरुणावत पर्वत टॉप (Varunavat mountain top) से कंडार देवता मंदिर तक करीब 4 किमी ट्रेक को विकसित करने के लिए ट्रेकिंग की शुरुआत (start of trekking) की गई. इस ट्रेकिंग दल को गंगोत्री विधायक सुरेश चौहान (Gangotri MLA Suresh Chauhan) ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया.

इस मौके पर उत्तरकाशी डीएम अभिषेक रुहेला (Uttarkashi DM Abhishek Ruhela) सहित करीब 50 स्थानीय लोग और पर्यटक शामिल थे. उसके बाद वी टॉप में उनका स्वागत भी किया गया. उसके बाद पर्यटक दल का ग्राम संग्राली में तीन गांवों के लोगों ने गढ़ भोज सहित लोक नृत्य रासो तांदी (folk dance raso tandi) के साथ भव्य स्वागत किया.

वी टॉप से उत्तरकाशी शहर सहित आसपास की पहाड़ियों और गांव का नजारा और उत्तरकाशी शहर के बीच में बह रही भागीरथी नदी का अद्भुत नजारा (Amazing view of Bhagirathi river) देखने को मिलता है. विश्व पर्यटन दिवस पर गढ़वाल की पुरानी विरासत के सामानों की प्रदर्शनी भी लगाई गई. कार्यक्रम के अंत में संग्राली बैंड से उत्तरकाशी जनपद मुख्यालय तक साइकिलिंग का भी आयोजन किया गया.

उत्तरकाशी में लॉन्च हुआ V TOP सर्किट
ये भी पढ़ें: विश्व पर्यटन दिवस: मसूरी जॉर्ज एवरेस्ट में जल्द शुरू होगी हेली सेवा, पर्यटक कर पाएंगे हिमालय दर्शन

संग्राली ग्राम प्रधान संदीप सेमवाल ने कहा कि गांव में पर्यटक होमस्टे में रह सकते हैं और ट्रेक रूट को पहाड़ की चोटी तक ले जा सकते हैं. वरुणावत कोई और पर्वत नहीं है, यह ऐतिहासिक और धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण है. यह वनस्पतियों और अनेकों जीवों की प्रजातियों से समृद्ध है. इसके शीर्ष से उत्तरकाशी शहर का विहंगम दृश्य देखा जा सकता है.

संदीप सेमवाल ने कहा हम चाहते हैं कि लोग उस स्थल का दौरा करें, जो भूस्खलन से तबाह हो गया था. इस जगह को आपदा प्रबंधन और इको टूरिज्म साइट के रूप में विकसित किया जाना चाहिए. अगर सरकार प्रस्ताव को स्वीकार करती है, तो यह राज्य में इस तरह की पहली पहल हो सकती है.

होटल व्यवसायी दीपेंद्र पंवार ने कहा कि वरुणावत को एक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का मतलब कंक्रीट संरचनाओं का निर्माण या वाहनों के यातायात में वृद्धि करना नहीं है. इसके बजाय, प्रशासन एक ट्रेक रूट, साइकिलिंग ट्रे्क्स, इको-पार्क और एक खुला संग्रहालय विकसित कर सकता है.

उत्तरकाशी: विश्व पर्यटन दिवस (world tourism day) पर उत्तरकाशी जिला मुख्यालय के आसपास के गांवों को ट्रेक के माध्यम से जोड़ने के लिए जिला प्रशासन, होटल एसोसिएशन सहित पाटा, संग्राली और बगयाल गांव के ग्रामीणों ने मिलकर एक नये ट्रेक का सृजन किया. इस मौके पर बाबा काशी विश्वनाथ मंदिर (Baba Kashi Vishwanath Temple) से लेकर वरुणावत पर्वत टॉप (Varunavat mountain top) से कंडार देवता मंदिर तक करीब 4 किमी ट्रेक को विकसित करने के लिए ट्रेकिंग की शुरुआत (start of trekking) की गई. इस ट्रेकिंग दल को गंगोत्री विधायक सुरेश चौहान (Gangotri MLA Suresh Chauhan) ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया.

इस मौके पर उत्तरकाशी डीएम अभिषेक रुहेला (Uttarkashi DM Abhishek Ruhela) सहित करीब 50 स्थानीय लोग और पर्यटक शामिल थे. उसके बाद वी टॉप में उनका स्वागत भी किया गया. उसके बाद पर्यटक दल का ग्राम संग्राली में तीन गांवों के लोगों ने गढ़ भोज सहित लोक नृत्य रासो तांदी (folk dance raso tandi) के साथ भव्य स्वागत किया.

वी टॉप से उत्तरकाशी शहर सहित आसपास की पहाड़ियों और गांव का नजारा और उत्तरकाशी शहर के बीच में बह रही भागीरथी नदी का अद्भुत नजारा (Amazing view of Bhagirathi river) देखने को मिलता है. विश्व पर्यटन दिवस पर गढ़वाल की पुरानी विरासत के सामानों की प्रदर्शनी भी लगाई गई. कार्यक्रम के अंत में संग्राली बैंड से उत्तरकाशी जनपद मुख्यालय तक साइकिलिंग का भी आयोजन किया गया.

उत्तरकाशी में लॉन्च हुआ V TOP सर्किट
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संग्राली ग्राम प्रधान संदीप सेमवाल ने कहा कि गांव में पर्यटक होमस्टे में रह सकते हैं और ट्रेक रूट को पहाड़ की चोटी तक ले जा सकते हैं. वरुणावत कोई और पर्वत नहीं है, यह ऐतिहासिक और धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण है. यह वनस्पतियों और अनेकों जीवों की प्रजातियों से समृद्ध है. इसके शीर्ष से उत्तरकाशी शहर का विहंगम दृश्य देखा जा सकता है.

संदीप सेमवाल ने कहा हम चाहते हैं कि लोग उस स्थल का दौरा करें, जो भूस्खलन से तबाह हो गया था. इस जगह को आपदा प्रबंधन और इको टूरिज्म साइट के रूप में विकसित किया जाना चाहिए. अगर सरकार प्रस्ताव को स्वीकार करती है, तो यह राज्य में इस तरह की पहली पहल हो सकती है.

होटल व्यवसायी दीपेंद्र पंवार ने कहा कि वरुणावत को एक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का मतलब कंक्रीट संरचनाओं का निर्माण या वाहनों के यातायात में वृद्धि करना नहीं है. इसके बजाय, प्रशासन एक ट्रेक रूट, साइकिलिंग ट्रे्क्स, इको-पार्क और एक खुला संग्रहालय विकसित कर सकता है.

Last Updated : Sep 27, 2022, 7:07 PM IST
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