उत्तरकाशी: उत्तराखंड के उच्च हिमालय क्षेत्रों में ट्रैकिंग के लिए जाने वाले ट्रैकर्स के लिए अब शासन-प्रशासन नए नियम लागू करने जा रहा है. उत्तरकाशी डीएम ने जिले के सभी DFO को निर्देश दिया है कि उनके क्षेत्र में ट्रैकिंग रुट और हाई एल्टीट्यूड क्षेत्र में जाने वाले ट्रैकर्स की मानकों के अनुरूप जांच की जाए और साथ ही सभी ट्रैकर्स की मेडिकल जांच की अनिवार्यता का सख्ती से पालन किया जाए.
उत्तरकाशी जिलाधिकारी मयूर दीक्षित में जिले के ट्रैकिंग रुट और हाई एल्टीट्यूड क्षेत्र में जाने वाले ट्रैकर्स के लिए अब नए नियम लागू करने के निर्देश दे दिए हैं. डीएम ने जिले के सभी डीएफओ को निर्देश दिया है उनके सभी क्षेत्र में जाने वाले ट्रैकर्स की मेडिकल जांच अनिवार्यता का सख्ती से पालन किया जाए. इसके अलावा डीएम ने गंगोत्री नेशनल पार्क में ट्रैक रूटों की स्थिति सुधरने तक पार्क के सभी ट्रैक बंद रखने के निर्देश दिए हैं. साथ ही जिले के मोरी, हर्षिल, भटवाड़ी क्षेत्रों में एक सीमित ऊंचाई (लगभग 12 हजार फीट) तक ही पूरी मेडिकल जांच, रजिस्टर्ड ट्रैकिंग एजेंसी के सभी मानकों और इक्विपमेंट की जांच के बाद ट्रेकर्स को आगे जाने की अनुमति दी जाए.
प्रदेश में लागू होगी नई एसओपीः उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन की ओर से भी ट्रैकिंग नियमों की डिटेल रिपोर्ट तैयार की जा रही है. साथ ही जल्द प्रदेश सरकार की ओर से भी एसओपी तैयार की जा रही है, जो कि पूरे प्रदेश पर लागू होगी.
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इसलिए जरूरी है नियमः दरअसल बीती 17 और 18 अक्टूबर को प्रदेश के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हुई भारी बर्फबारी में उत्तरकाशी जिले से सटे भारत-चीन अंतरराष्ट्रीय सीमा पर ITBP के तीन पोर्टरों और हर्षिल-छितकुल ट्रैक पर 7 ट्रेकर्स ने जान गंवा दी थी. इस बर्फबारी के कारण गंगोत्री नेशनल पार्क के तहत ट्रैक रुट क्षतिग्रस्त हो गए थे. इसके तहत शासन और प्रशासन की ओर से आवाजाही पर रोक लगाई गई है.
इसी क्रम में डीएम मयूर दीक्षित ने जिले के सभी डिवीजनों और नेशनल पार्क के डीएफओ और उपनिदेशकों की बैठक ली. डीएम मयूर दीक्षित ने बताया कि गंगोत्री नेशनल पार्क के तहत जब तक सभी ट्रैक रूट की मरम्मत नहीं होती. तब तक पार्क के अंतर्गत ट्रैकिंग संबंधित गतिविधियों को बंद रखा जाएगा.