उत्तरकाशीः कोरोना की जंग में डॉक्टर, नर्स, पुलिस, सफाई कर्मचारी समेत कई लोग पूरी तत्परता से जुटे हुए हैं. ये लोग इस महामारी से निपटने के लिए अपनी जान की परवाह किए बगैर ही रियल हीरो के रूप में डटे हुए हैं. वहीं, ऐसे कोरोना वॉरियर्स भी हैं, जो हमेशा से पर्दे के पीछे से काम करते आ रहे हैं, लेकिन लाइम लाइट में नहीं आ पाते हैं. सरकार के स्तर पर ये मात्र एक सैनिक के रूप में गिने जाते हैं. ये कोरोना वॉरियर हैं होमगार्ड के जवान. ये लोग इस संकट की घड़ी में पुलिस प्रशासन और राजस्व विभाग के साथ हर मोर्चे पर खड़े हैं.
कोविड-19 से जंग के खिलाफ थाना क्षेत्र में पुलिस तो राजस्व क्षेत्र में हमेशा से ही राजस्व विभाग का नाम रहा है. लेकिन कोरोना वॉरियर्स के रूप में होमगार्ड के जवानों का नाम सामने नहीं आया है. ईटीवी भारत इन कोरोना वॉरियर्स के योगदान को सामने ला रहा है, जो जिले के दूरस्थ क्षेत्रों में अपनी लड़ाई कोरोना के खिलाफ लड़ रहे हैं. इतना ही नहीं ये जवान हर ऐसे क्षेत्र में अपनी ड्यूटी दे रहे हैं, जहां पुलिस और राजस्व विभाग नहीं पहुंच पा रहे हैं.
उत्तरकाशी जिले की बात करें तो इस समय उत्तराखंड होमगार्ड के 230 जवान विभिन्न थाना और राजस्व क्षेत्र में अपनी ड्यूटी दे रहे हैं. राजस्व क्षेत्रों में कोरोना से लड़ने की ड्यूटी इनके हाथों में हैं. ये वो सिपाही हैं, जो उत्तराखंड पुलिस से परे राजस्व क्षेत्रों अपनी 12 से 18 घंटे की ड्यूटी दे रहे हैं.
साथ ही जिले के कई ऐसे राजस्व क्षेत्र हैं, जो कि जिले की सीमाओं को दूसरे जिलों से जोड़ते हैं. वहां पर भी ये जवान 24 घंटे तैनात हैं. वहीं, इन जवानों का कहना है कि वो हर विभाग से ऊपर ड्यूटी कर रहे हैं, लेकिन आज तक सरकार उनके काम के साथ न्याय नहीं कर पाई है.