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केदारकांठा के नैसर्गिक सौन्दर्य से अभिभूत हुए सैलानी, बोले-जन्नत से कम नहीं ये जगह - केदारकांठा ट्रेक रूट पर पर्यटकों का हुजूम

केदारकांठा ट्रेक पर इन दिनों लाखों पर्यटक का हुजूम लगा हुआ है. यहां पर्यटक साहसिक खेलों के लिए देश विदेश से रुख कर रहे हैं.

kedarkantha
केदारकांठा ट्रेक
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Published : Dec 28, 2019, 1:20 PM IST

Updated : Dec 28, 2019, 3:11 PM IST

पुरोला: इन दिनों देवभूमि में बर्फबारी के बाद से पर्वतीय क्षेत्रों का नजारा काफी मनमोहक नजर आ रहा है. जिसका लुत्फ उठाने के लिए सैलानी और साहसिक खेलों के शौकीन लोग उत्तराखंड की वादियों का रुख कर रहे हैं. प्रदेश की पहाड़ियां इन दिनों बर्फ की सफेद चादर से ढकी हुई हैं. वहीं, शीतकालीन पर्यटन के रूप में धीरे-धीरे अपनी पहचान बना रहा केदारकांठा ट्रेक रूट पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनता जा रहा है. वहीं, स्थानीय लोगों ने मूलभूत सुविधाओं की कमी का ठीकरा सरकार पर फोड़ा.

उत्तरकाशी जिले के मोरी विकासखंड के सांकरी से 9 किलोमीटर दूर पैदल ट्रैक से भी केदारकांठा पहुंचा जा सकता है. इस ट्रेक रूट में सुंदर पेड़-पौधे के साथ ही कई बुग्यालआजकल बर्फ से ढके हुए हैं. जुड़ा लेक बर्फ से जम चुका है. वहीं, ट्रेकिंग रूट पर दुर्लभ औषधि भी पाई जाती हैं.

केदारकांठा ट्रेक

सबसे खास बात इस ट्रेक रूट की ये है कि बहुत कम दूरी तय करने पर आपको एक अच्छी खासी ऊंचाई मिल जाती है. उस ऊंचाई से आप हिमालय क्षेत्र की सैकड़ों किलोमीटर की हिम श्रृंखलाएं अपनी आंखों से आसानी से देख सकते हैं. केदार कांठा में मौसम साफ रहने पर सूर्योदय और सूर्यास्त देखने के लिए पर्यटक खिंचे चले आते हैं.

ये भी पढ़ें: उत्तराखंड के वो चर्चित मामले जिन्होंने देश का ध्यान किया आकर्षित

वहीं, इस मार्ग पर सुविधाओं की बात करें तो इस रूट पर संचार व्यवस्था, एटीएम सुविधा, शौचालय की व्यवस्था भी नहीं है. इस कारण पर्यटकों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. वहीं, स्थानीय लोगों का आरोप है कि जिला पंचायत सुविधा के नाम पर टैक्स तो वसूलती है, लेकिन सुविधा नहीं दे रही है.

बिना सरकारी मदद के स्थानीय लोगों ने इस ट्रेक रूट को बहुत कम समय में विकसित कर विश्व पर्यटन पर पहचान दिलाई है. सरकार को चाहिए कि स्थानीय लोगों को और प्रोत्साहित कर क्षेत्र के अन्य ट्रेक रूटों को भी इसी तरह विकसित किया जाए. इससे लोगों के रोजगार के साथ-साथ सरकारी राजस्व की प्राप्ति हो सके.

पुरोला: इन दिनों देवभूमि में बर्फबारी के बाद से पर्वतीय क्षेत्रों का नजारा काफी मनमोहक नजर आ रहा है. जिसका लुत्फ उठाने के लिए सैलानी और साहसिक खेलों के शौकीन लोग उत्तराखंड की वादियों का रुख कर रहे हैं. प्रदेश की पहाड़ियां इन दिनों बर्फ की सफेद चादर से ढकी हुई हैं. वहीं, शीतकालीन पर्यटन के रूप में धीरे-धीरे अपनी पहचान बना रहा केदारकांठा ट्रेक रूट पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनता जा रहा है. वहीं, स्थानीय लोगों ने मूलभूत सुविधाओं की कमी का ठीकरा सरकार पर फोड़ा.

उत्तरकाशी जिले के मोरी विकासखंड के सांकरी से 9 किलोमीटर दूर पैदल ट्रैक से भी केदारकांठा पहुंचा जा सकता है. इस ट्रेक रूट में सुंदर पेड़-पौधे के साथ ही कई बुग्यालआजकल बर्फ से ढके हुए हैं. जुड़ा लेक बर्फ से जम चुका है. वहीं, ट्रेकिंग रूट पर दुर्लभ औषधि भी पाई जाती हैं.

केदारकांठा ट्रेक

सबसे खास बात इस ट्रेक रूट की ये है कि बहुत कम दूरी तय करने पर आपको एक अच्छी खासी ऊंचाई मिल जाती है. उस ऊंचाई से आप हिमालय क्षेत्र की सैकड़ों किलोमीटर की हिम श्रृंखलाएं अपनी आंखों से आसानी से देख सकते हैं. केदार कांठा में मौसम साफ रहने पर सूर्योदय और सूर्यास्त देखने के लिए पर्यटक खिंचे चले आते हैं.

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वहीं, इस मार्ग पर सुविधाओं की बात करें तो इस रूट पर संचार व्यवस्था, एटीएम सुविधा, शौचालय की व्यवस्था भी नहीं है. इस कारण पर्यटकों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. वहीं, स्थानीय लोगों का आरोप है कि जिला पंचायत सुविधा के नाम पर टैक्स तो वसूलती है, लेकिन सुविधा नहीं दे रही है.

बिना सरकारी मदद के स्थानीय लोगों ने इस ट्रेक रूट को बहुत कम समय में विकसित कर विश्व पर्यटन पर पहचान दिलाई है. सरकार को चाहिए कि स्थानीय लोगों को और प्रोत्साहित कर क्षेत्र के अन्य ट्रेक रूटों को भी इसी तरह विकसित किया जाए. इससे लोगों के रोजगार के साथ-साथ सरकारी राजस्व की प्राप्ति हो सके.

Intro:स्थान पुरोला , स्पेशल /एक्सक्लूसिव स्टोरी
एंकर- प्रकृति प्रेमी और साहसिक खेलों के शौकीन आजकल उत्तराखंड का रुख कर रहे हैं उत्तराखंड की पहाड़ियां आजकल बर्फ की सफेद चादर से ढके हैं बाहर से आए हुए पर्यटक इन सफ़ेद चांदी की पहाड़ियों की चमक देखकर ऊंचे से ऊंचे पहाड़ों पर चढ़ने को तैयार है शीतकालीन पर्यटन के रूप में विश्व पर्यटन मानचित्र पर बिना सरकारी मदद के बहुत कम समय में अपना स्थान बना लिया है केदार कांठा ट्रक रूट देश में शीतकालीन पर्यटन के शौकीनों के लिए सबसे पहला और सबसे आसान ट्रैक रूट बन चुका है आइए आपको ले चलते है केदार कांठा।


Body:वीओ- उत्तरकाशी जनपद के मोरी विकासखंड के सांकरी से 9 किलोमीटर दूर पैदल ट्रैक से आप लोग केदार कांठा पहुंच सकते हैं इस ट्रक रूट में सुंदर पेड़ पौधे छोटी-छोटी घास के बुग्याल जो आजकल बर्फ से ढके हुए हैं, बर्फ से जमा सुंदर तालाब (जुड़ा लेक कहते हैं,) के अलावा कीमती औषधियां इस रूट पर आपको देखने को आसानी से मिल सकती है ।और सबसे खास बात इस ट्रेकरूट कि यह है कि बहुत कम दूरी तय करने पर आपको एक अच्छी खासी ऊंचाई मिल जाती है(3800 मीटर) ।और उस ऊंचाई से आप हिमालय क्षेत्र की सैकड़ों किलोमीटर की हिम श्रृंखलाएं अपनी नंगी आंखों से आसानी से देख सकते हैं इतना ही नहीं केदार कांठा पहुंचकर आपको लगेगा कि हिमालय की पहाड़ियां आप के नीचे हैं और आप उनसे ऊपर हैं केदार कांठा से 360 डिग्री का वीवो आप आसानी से देख सकते हैं मौसम साफ रहने पर तो यहाँ से सूर्योदय और सूर्यास्त देखने लायक ही बनता है जिससे पर्यटक यहां खींचे चले आते हैं
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वीओ-यहाँ आनेवाले देशी-विदेशी पर्यटकों के लिए स्थानीय लोगों ने बहुत बढ़िया सुविधाएं ट्रक रूट पर जुटा रखी है जिससे पर्यटक भी बहुत खुश नजर आते हैं जरूरत है तो इस रूट पर संचार व्यवस्था एटीएम सुविधा की जो यहां आने वाली टूरिस्ट की पहली जरूरत होती है साथ ही इस ट्रक रूट पर प्रशासन ने शौचालय की व्यवस्था भी नहीं है ,जिससे बाहर से आए हुए पर्यटकों को अच्छी खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है स्थानीय लोगों का कहना है कि जिला पंचायत सुविधा के नाम पर टेक्स तो वसूल देती है लेकिन सुविधा नहीं दे रही है।
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Conclusion:वीओ- बिना सरकारी मदद के स्थानीय लोगों ने इस ट्रक रूट को बहुत कम समय में विकसित कर विश्व पर्यटन पर पहचान दिलाई है सरकार को चाहिए कि स्थानीय लोगों को और प्रोत्साहित कर क्षेत्र के अन्य ट्रक रूटों को भी इसी की तरह विकसित किया जाए जिससे लोगों के रोजगार के साथ साथ सरकारी खजाना भी भरता रहे ।और लोगों को अपने घर पर ही आसानी से रोजगार मिल जाए जिसे सरकार की पर्यटन को बढ़ावा देने वाली नीति धरातल पर सुचारू रूप से पटरी पर लौट सकें।


नोट--- केदार कांठा सबमिट के शॉट्स बैटरी लो होने की वजह से मोजो किट से नहीं ली गई ,तो कृपया करके ग्रुप से शॉट्स उठा ले
Last Updated : Dec 28, 2019, 3:11 PM IST
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