पुरोला: इन दिनों देवभूमि में बर्फबारी के बाद से पर्वतीय क्षेत्रों का नजारा काफी मनमोहक नजर आ रहा है. जिसका लुत्फ उठाने के लिए सैलानी और साहसिक खेलों के शौकीन लोग उत्तराखंड की वादियों का रुख कर रहे हैं. प्रदेश की पहाड़ियां इन दिनों बर्फ की सफेद चादर से ढकी हुई हैं. वहीं, शीतकालीन पर्यटन के रूप में धीरे-धीरे अपनी पहचान बना रहा केदारकांठा ट्रेक रूट पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनता जा रहा है. वहीं, स्थानीय लोगों ने मूलभूत सुविधाओं की कमी का ठीकरा सरकार पर फोड़ा.
उत्तरकाशी जिले के मोरी विकासखंड के सांकरी से 9 किलोमीटर दूर पैदल ट्रैक से भी केदारकांठा पहुंचा जा सकता है. इस ट्रेक रूट में सुंदर पेड़-पौधे के साथ ही कई बुग्यालआजकल बर्फ से ढके हुए हैं. जुड़ा लेक बर्फ से जम चुका है. वहीं, ट्रेकिंग रूट पर दुर्लभ औषधि भी पाई जाती हैं.
सबसे खास बात इस ट्रेक रूट की ये है कि बहुत कम दूरी तय करने पर आपको एक अच्छी खासी ऊंचाई मिल जाती है. उस ऊंचाई से आप हिमालय क्षेत्र की सैकड़ों किलोमीटर की हिम श्रृंखलाएं अपनी आंखों से आसानी से देख सकते हैं. केदार कांठा में मौसम साफ रहने पर सूर्योदय और सूर्यास्त देखने के लिए पर्यटक खिंचे चले आते हैं.
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वहीं, इस मार्ग पर सुविधाओं की बात करें तो इस रूट पर संचार व्यवस्था, एटीएम सुविधा, शौचालय की व्यवस्था भी नहीं है. इस कारण पर्यटकों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. वहीं, स्थानीय लोगों का आरोप है कि जिला पंचायत सुविधा के नाम पर टैक्स तो वसूलती है, लेकिन सुविधा नहीं दे रही है.
बिना सरकारी मदद के स्थानीय लोगों ने इस ट्रेक रूट को बहुत कम समय में विकसित कर विश्व पर्यटन पर पहचान दिलाई है. सरकार को चाहिए कि स्थानीय लोगों को और प्रोत्साहित कर क्षेत्र के अन्य ट्रेक रूटों को भी इसी तरह विकसित किया जाए. इससे लोगों के रोजगार के साथ-साथ सरकारी राजस्व की प्राप्ति हो सके.