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संग्राली पाटा पेयजल योजना: नल बिछाने में बहा दिए ₹2.42 करोड़, नहीं टपका एक भी बूंद पानी

उत्तरकाशी में 11 साल पहले संग्राली पाटा पेयजल योजना (Sangrali-Pata Drinking Water Scheme) के तहत ₹2.42 करोड़ से पाइप लाइन बिछाई गई और नल लगाए गए. लेकिन आज तक नल से एक बूंद पानी की नहीं टपकी. जिसकी वजह से क्षेत्र के 550 परिवार पानी के लिए दर-दर भटकने को मनजबूर हैं. वहीं, मामले में शासन ने कार्रवाई करते हुए तत्कालीन 2 कनिष्ठ अभियंता, एक सहायक अभियंता और 2 अधिशासी अभियंताओं से 70 लाख की वसूली के आदेश जारी किए गए हैं.

Sangrali-Pata Drinking Water Scheme
संग्राली-पाटा पेयजल योजना
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Published : Apr 20, 2022, 5:53 PM IST

उत्तरकाशी: जिला मुख्यालय से 14 किलोमीटर दूर संग्राली, पाटा और बगियाल गांव में 11 साल पहले संग्राली-पाटा पेयजल योजना (Sangrali-Pata Drinking Water Scheme) के तहत पाइप लाइन बिछाई गई थी. पेयजल निगम ने 2 करोड़ 42 लाख रुपये खर्च किए थे. लेकिन किसी भी ग्रामीण के घर में एक बूंद पानी तक नहीं आया. तीन गांवों के करीब 550 परिवारों को पानी के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है.

ग्रामीणों की शिकायत पर पेयजल निगम ने योजना के निर्माण की जांच की. जिसमें 2015 में शासन के उच्च अधिकारियों द्वारा जांच के आदेश दिए गए थे. मामले में अब शासन द्वारा तत्कालीन 2 कनिष्ठ अभियंता, एक सहायक अभियंता और 2 अधिशासी अभियंताओं से 70 लाख की वसूली के आदेश जारी किए गए हैं.

ये भी पढ़ें: गढ़वाल-कुमाऊं को जोड़ने वाली कंडी रोड की फिर जगी आस, विधानसभा अध्यक्ष ने की समीक्षा बैठक

बता दें कि उत्तरकाशी जिला मुख्यालय (Uttarkashi District Headquarters) से 14 किलोमीटर दूर संग्राली पाटा पेयजल योजना (Sangrali-Pata Drinking Water Scheme) पर 2011 में कार्य शुरू हुआ था. जिसकी लगात 2 करोड़ 42 लाख रुपए थी और 8 किलोमीटर लंबी इस पेयजल योजना का कार्य 2014 में पूरा होना था. लेकिन जल निगम के तत्कालीन 2 कनिष्ठ ,1 सहायक और 2 अधिशासी अभियंता द्वारा पेयजल योजना का गलत सर्वे और गलत एलाइनमेंट में पाइप लाइन डालने से आजतक पानी नहीं पहुंच पाया. इसको लेकर 2015 में शासन के उच्च अधिकारियों द्वारा जांच के आदेश दिए गए थे.

वर्तमान पेयजल निगम अधिशासी अभियंता मुकेश जोशी ने बताया कि जांच पूरी हो चुकी है. शासन द्वारा तत्कालीन 2 कनिष्ठ अभियंता, एक सहायक अभियंता और 2 अधिशासी अभियंताओं से 70 लाख की वसूली के आदेश जारी किए गए हैं. विभाग के तकनीकी अधिकारियों की गलती के कारण करोड़ों रुपए खर्च होने के बावजूद भी आज तक पानी नहीं आ पाया है. इस पेयजल योजना पर फिर से डीपीआर बनाई जा रही है. फिर से इस पर कार्य शुरू किया जाएगा.

उत्तरकाशी: जिला मुख्यालय से 14 किलोमीटर दूर संग्राली, पाटा और बगियाल गांव में 11 साल पहले संग्राली-पाटा पेयजल योजना (Sangrali-Pata Drinking Water Scheme) के तहत पाइप लाइन बिछाई गई थी. पेयजल निगम ने 2 करोड़ 42 लाख रुपये खर्च किए थे. लेकिन किसी भी ग्रामीण के घर में एक बूंद पानी तक नहीं आया. तीन गांवों के करीब 550 परिवारों को पानी के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है.

ग्रामीणों की शिकायत पर पेयजल निगम ने योजना के निर्माण की जांच की. जिसमें 2015 में शासन के उच्च अधिकारियों द्वारा जांच के आदेश दिए गए थे. मामले में अब शासन द्वारा तत्कालीन 2 कनिष्ठ अभियंता, एक सहायक अभियंता और 2 अधिशासी अभियंताओं से 70 लाख की वसूली के आदेश जारी किए गए हैं.

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बता दें कि उत्तरकाशी जिला मुख्यालय (Uttarkashi District Headquarters) से 14 किलोमीटर दूर संग्राली पाटा पेयजल योजना (Sangrali-Pata Drinking Water Scheme) पर 2011 में कार्य शुरू हुआ था. जिसकी लगात 2 करोड़ 42 लाख रुपए थी और 8 किलोमीटर लंबी इस पेयजल योजना का कार्य 2014 में पूरा होना था. लेकिन जल निगम के तत्कालीन 2 कनिष्ठ ,1 सहायक और 2 अधिशासी अभियंता द्वारा पेयजल योजना का गलत सर्वे और गलत एलाइनमेंट में पाइप लाइन डालने से आजतक पानी नहीं पहुंच पाया. इसको लेकर 2015 में शासन के उच्च अधिकारियों द्वारा जांच के आदेश दिए गए थे.

वर्तमान पेयजल निगम अधिशासी अभियंता मुकेश जोशी ने बताया कि जांच पूरी हो चुकी है. शासन द्वारा तत्कालीन 2 कनिष्ठ अभियंता, एक सहायक अभियंता और 2 अधिशासी अभियंताओं से 70 लाख की वसूली के आदेश जारी किए गए हैं. विभाग के तकनीकी अधिकारियों की गलती के कारण करोड़ों रुपए खर्च होने के बावजूद भी आज तक पानी नहीं आ पाया है. इस पेयजल योजना पर फिर से डीपीआर बनाई जा रही है. फिर से इस पर कार्य शुरू किया जाएगा.

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