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पौड़ी देवप्रयाग मार्ग क्षतिग्रस्त, श्रीनगर में 5 सड़कें बाधित, चमोली में गौचर से पीपलकोटी तक खुला बदरीनाथ NH - Srinagar Alaknanda River

प्रदेश में बीते दिन से हो रही बारिश लोगों पर कहर बनकर टूटी है. भारी बारिश से कई मार्ग बाधित हो गए हैं, जिससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि कई घंटे तक बाधित रहने के बाद चमोली में गौचर से पीपलकोटी तक का बदरीनाथ हाईवे यातायात के लिए खुल गया है.

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उत्तराखंड में बारिश का कहर
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Published : Oct 19, 2021, 12:57 PM IST

Updated : Oct 19, 2021, 2:54 PM IST

चमोली/श्रीनगर: प्रदेश में भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. भारी बारिश से नदी नाले उफान पर बह रहे हैं. वहीं, मकान जमींदोज होने से लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है. साथ ही कई संपर्क मार्ग बाधित होने से लोग घरों में कैद हो गए हैं. बात श्रीनगर की करें तो ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे चमधार के पास भूस्खलन से बाधित हो गया है. हाईवे बाधित होने से कई लोग फंसे हुए हैं. राहत की बात ये है कि गौचर से पीपलकोटी तक का बदरीनाथ हाईवे खुल गया है. चमोली के जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने ये जानकारी दी है.

पौड़ी में मूसलाधार बारिश के चलते देवप्रयाग और ऋषिकेश को जाने वाली मुख्य सड़क ही सीएमओ और लोक निर्माण विभाग कार्यालय के पास पूरी तरह से ही क्षतिग्रस्त हो गई है. जिसकी वजह से इस सड़क पर भारी वाहनों की आवाजाही को पुलिस प्रशासन द्वारा प्रतिबंधित कर दिया गया है और भारी वाहनों के लिए रूट को डायवर्ट करते हुए अब भारी वाहनों को सर्किट हाउस से कंडोलिया और बुआखाल होते हुए भेजा जा रहा है.

बारिश बनी आफत.

वहीं जिले में सतपुली के पास और श्रीनगर के वैक्लपीक मार्ग में भी भारी भूस्खलन हुआ है. साथ ही 5 अन्य मुख्य मार्गो पर भूस्खलन होने से मार्गो पर यातायात प्रभावित हुआ है. फिलहाल भूस्खलन से बाधित हुए मार्गो को खोलने की मशक्कत की जा रही है. श्रीनगर में बड़ी संख्या में यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर रोका गया है. श्रीनगर के 23 होटलों में इस समय 902 यात्रियों को रोका गया है, जिन्हें बाद में श्रीनगर से नीचे की ओर भेजा जाएगा.

गौर हो कि भारी बारिश से अलकनंदा नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है. वहीं, तोताघाटी, तीनधारा में मार्ग तो खुला हुआ है, लेकिन इन जगहों पर पहाड़ी से रुक-रुककर पत्थर गिर रहे हैं. जो खतरे का सबब बने हुए हैं. पौड़ी जिलाधिकारी डॉ. विजय ने कहा कि किसी भी यात्री से होटल संचालक अधिक किराया न लें, वरना सख्त कार्रवाई की जाएगा. उन्होंने कहा कि आपदा की स्थिति के लिए प्रशासन को अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए हैं.

पढ़ें-अल्मोड़ा में भारी बारिश से दो मकान जमींदोज, 3 बच्चों की मौत

वहीं, दूसरी ओर चमोली में 48 घंटे से अधिक समय बीत जाने के बाद भी तीसरे दिन बारिश और बर्फबारी का सिलसिला जारी है. ऊंचाई वाले इलाकों में हो रही बर्फबारी से जहां जिले में तापमान घटने लगा है. निचले इलाकों में हो रही बारिश से जन-जीवन अस्त-व्यस्त होने के साथ-साथ कड़ाके की ठंड शुरू हो गई है. जनपद में लगातार हो रही बारिश के चलते बदरीनाथ हाईवे 11 स्थानों पर मलबा आने से बाधित है. जबकि, चमोली की 17 ग्रामीण सड़कें भी मलबा और भूस्खलन होने से बाधित पड़ी हुई हैं. वहीं, चमोली में नदियों का जलस्तर भी बढ़ गया है, हालांकि अभी नदियां खतरे के निशान से कुछ मीटर नीचे बह रही है.

पढ़ें-हल्द्वानी: रामगढ़ ब्लॉक में नदी में समाए कई मकान, 10-12 लोग लापता

वहीं, जोशीमठ में बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर हेंलग के पास दुकानों में अचानक मलबा घुस गया. पहाड़ों से भारी मात्रा में मलबा व पत्थर दुकानों के अंदर घुसने से व्यापारियों को खासा नुकसान हुआ है. जिसकी वजह से दुकानें क्षतिग्रस्त हो गई. वहीं, सड़क पर खड़ी गाड़ियों में पहाड़ी के ऊपर से बड़े-बड़े पत्थर गिरने से बीआरओ का ट्रक क्षतिग्रस्त हो गया है.

चमोली/श्रीनगर: प्रदेश में भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. भारी बारिश से नदी नाले उफान पर बह रहे हैं. वहीं, मकान जमींदोज होने से लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है. साथ ही कई संपर्क मार्ग बाधित होने से लोग घरों में कैद हो गए हैं. बात श्रीनगर की करें तो ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे चमधार के पास भूस्खलन से बाधित हो गया है. हाईवे बाधित होने से कई लोग फंसे हुए हैं. राहत की बात ये है कि गौचर से पीपलकोटी तक का बदरीनाथ हाईवे खुल गया है. चमोली के जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने ये जानकारी दी है.

पौड़ी में मूसलाधार बारिश के चलते देवप्रयाग और ऋषिकेश को जाने वाली मुख्य सड़क ही सीएमओ और लोक निर्माण विभाग कार्यालय के पास पूरी तरह से ही क्षतिग्रस्त हो गई है. जिसकी वजह से इस सड़क पर भारी वाहनों की आवाजाही को पुलिस प्रशासन द्वारा प्रतिबंधित कर दिया गया है और भारी वाहनों के लिए रूट को डायवर्ट करते हुए अब भारी वाहनों को सर्किट हाउस से कंडोलिया और बुआखाल होते हुए भेजा जा रहा है.

बारिश बनी आफत.

वहीं जिले में सतपुली के पास और श्रीनगर के वैक्लपीक मार्ग में भी भारी भूस्खलन हुआ है. साथ ही 5 अन्य मुख्य मार्गो पर भूस्खलन होने से मार्गो पर यातायात प्रभावित हुआ है. फिलहाल भूस्खलन से बाधित हुए मार्गो को खोलने की मशक्कत की जा रही है. श्रीनगर में बड़ी संख्या में यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर रोका गया है. श्रीनगर के 23 होटलों में इस समय 902 यात्रियों को रोका गया है, जिन्हें बाद में श्रीनगर से नीचे की ओर भेजा जाएगा.

गौर हो कि भारी बारिश से अलकनंदा नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है. वहीं, तोताघाटी, तीनधारा में मार्ग तो खुला हुआ है, लेकिन इन जगहों पर पहाड़ी से रुक-रुककर पत्थर गिर रहे हैं. जो खतरे का सबब बने हुए हैं. पौड़ी जिलाधिकारी डॉ. विजय ने कहा कि किसी भी यात्री से होटल संचालक अधिक किराया न लें, वरना सख्त कार्रवाई की जाएगा. उन्होंने कहा कि आपदा की स्थिति के लिए प्रशासन को अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए हैं.

पढ़ें-अल्मोड़ा में भारी बारिश से दो मकान जमींदोज, 3 बच्चों की मौत

वहीं, दूसरी ओर चमोली में 48 घंटे से अधिक समय बीत जाने के बाद भी तीसरे दिन बारिश और बर्फबारी का सिलसिला जारी है. ऊंचाई वाले इलाकों में हो रही बर्फबारी से जहां जिले में तापमान घटने लगा है. निचले इलाकों में हो रही बारिश से जन-जीवन अस्त-व्यस्त होने के साथ-साथ कड़ाके की ठंड शुरू हो गई है. जनपद में लगातार हो रही बारिश के चलते बदरीनाथ हाईवे 11 स्थानों पर मलबा आने से बाधित है. जबकि, चमोली की 17 ग्रामीण सड़कें भी मलबा और भूस्खलन होने से बाधित पड़ी हुई हैं. वहीं, चमोली में नदियों का जलस्तर भी बढ़ गया है, हालांकि अभी नदियां खतरे के निशान से कुछ मीटर नीचे बह रही है.

पढ़ें-हल्द्वानी: रामगढ़ ब्लॉक में नदी में समाए कई मकान, 10-12 लोग लापता

वहीं, जोशीमठ में बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर हेंलग के पास दुकानों में अचानक मलबा घुस गया. पहाड़ों से भारी मात्रा में मलबा व पत्थर दुकानों के अंदर घुसने से व्यापारियों को खासा नुकसान हुआ है. जिसकी वजह से दुकानें क्षतिग्रस्त हो गई. वहीं, सड़क पर खड़ी गाड़ियों में पहाड़ी के ऊपर से बड़े-बड़े पत्थर गिरने से बीआरओ का ट्रक क्षतिग्रस्त हो गया है.

Last Updated : Oct 19, 2021, 2:54 PM IST
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