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Uttarkashi Avalanche: अपनों की तलाश में भटक रहे परिजन, नहीं मिल रही सही जानकारी - नेहरू पर्वतारोहण संस्थान

उत्तरकाशी एवलॉन्च में अभीतक 16 शवों को बरामद कर लिया गया है. वहीं 13 लोग लापता बताए जा रहे हैं. अपनों की तलाश में परिजन उत्तरकाशी पहुंच रहे हैं. लेकिन उन्हें कोई सही जानकारी नहीं मिल रही है. परिजनों अपनों के सकुशल होने की दुआ कर रहे हैं.

उत्तरकाशी एवलॉन्च
उत्तरकाशी एवलॉन्च
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Published : Oct 6, 2022, 9:00 PM IST

Updated : Oct 6, 2022, 9:07 PM IST

उत्तरकाशी: जिले के द्रौपदी डांडा-2 एवलॉन्च हादसे के तीसरे दिन भी परिजन अपनों की तलाश में भटकते रहे. वहीं आईटीबीपी मातली के कैंपस में पहुंचे परिजन दिनभर रेस्क्यू में लगे हेलीकॉप्टर को निहारते रहे. लेकिन उन्हें अपनों की कोई खबर ना मिली. दर-दर की ठोकरें खाने के बाद भी देर शाम तक भी परिजनों को पुख्ता जानकारी नहीं मिल पाई.

मातली कैंपस पहुंचे शिमला निवासी संतोष कैंथला ने बताया कि उनका बेटा शिवम कैंथला उम्र 27 वर्ष बीती 22 सितंबर को उत्तरकाशी के नेहरू पर्वतारोहण संस्थान में एडवांस कोर्स के लिए घर से निकला था. लेकिन वह कहां और किस हालत में है, इसकी जानकारी नहीं मिल पायी है. उन्होंने कहा कि द्रौपदी डांडा में हिमस्खलन की घटना की जानकारी उन्हें मंगलवार शाम 4 बजे टीवी में चल रहे समाचार से मिली. जिसके बाद वे बेसुध अवस्था में अन्य साथियों को लेकर रात में ही उत्तरकाशी के लिए चल दिए.
पढ़ें- Uttarkashi Avalanche: अब तक 16 शव बरामद, रेस्क्यू ऑपरेशन में बाधा बना खराब मौसम

उन्होंने कहा कि बुधवार सुबह 8 बजे वह उत्तरकाशी पहुंचे और सबसे पहले एनआईएम गए, जहां निम के कर्मचारियों से मुलाकात की, लेकिन उनको इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई. कहा गया कि मातली हेलीपैड जाओ, वहां से जानकारी मिलेगी. मातली आ गए, लेकिन फिर भी जानकारी नहीं मिल पा रही.

बताया कि पिता इन्द्र कैंथला सहित करीब 8 लोग उनके साथ आए हैं. इसी तरह सहारनपुर, मुंबई, पश्चिम बंगाल और अन्य जगहों से भी लोग अपनों की जानकारी के लिए दिन भर फोन खटखटाते रहे. मौके पर मौजूद गंगोत्री विधायक सुरेश चौहान ने परिजनों को आश्वासन दिया कि जल्द ही लापता लोगों को रेस्क्यू कर उत्तरकाशी लाया जाएगा.
पढ़ें- नेपाल से उत्तराखंड तक एक हफ्ते में एवलॉन्च की 5 घटनाएं, मच सकती है बड़ी तबाही!

वहीं एसपी अर्पण यदुवंशी ने लोगों को समझाकर उन्हें हर संभव मदद दिलाने की बात कही. उन्होंने कहा कि जबतक उनके परिजनों को उनकों खोए हुए लोग नहीं मिल जाते हैं, तब तक वह उनकी खाने रहने की व्यवस्था प्रशासन द्वारा की जाएगी.

बता दें कि खराब मौसम के कारण द्रौपदी डांडा-टू में रेस्क्यू ऑपरेशन के काम को रोक दिया गया है. द्रौपदी डांडा टू पर हल्की बर्फबारी हो रही है. जिसके कारण जवानों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, राहत बचाव कार्यों में जुटी टीमों ने अब तक 16 शवों को बरामद कर लिया है. बरामद शवों में दो ट्रेनर और 14 ट्रेनिज के शव हैं. वहीं, 13 लोग अभी भी लापता हैं.

उत्तरकाशी: जिले के द्रौपदी डांडा-2 एवलॉन्च हादसे के तीसरे दिन भी परिजन अपनों की तलाश में भटकते रहे. वहीं आईटीबीपी मातली के कैंपस में पहुंचे परिजन दिनभर रेस्क्यू में लगे हेलीकॉप्टर को निहारते रहे. लेकिन उन्हें अपनों की कोई खबर ना मिली. दर-दर की ठोकरें खाने के बाद भी देर शाम तक भी परिजनों को पुख्ता जानकारी नहीं मिल पाई.

मातली कैंपस पहुंचे शिमला निवासी संतोष कैंथला ने बताया कि उनका बेटा शिवम कैंथला उम्र 27 वर्ष बीती 22 सितंबर को उत्तरकाशी के नेहरू पर्वतारोहण संस्थान में एडवांस कोर्स के लिए घर से निकला था. लेकिन वह कहां और किस हालत में है, इसकी जानकारी नहीं मिल पायी है. उन्होंने कहा कि द्रौपदी डांडा में हिमस्खलन की घटना की जानकारी उन्हें मंगलवार शाम 4 बजे टीवी में चल रहे समाचार से मिली. जिसके बाद वे बेसुध अवस्था में अन्य साथियों को लेकर रात में ही उत्तरकाशी के लिए चल दिए.
पढ़ें- Uttarkashi Avalanche: अब तक 16 शव बरामद, रेस्क्यू ऑपरेशन में बाधा बना खराब मौसम

उन्होंने कहा कि बुधवार सुबह 8 बजे वह उत्तरकाशी पहुंचे और सबसे पहले एनआईएम गए, जहां निम के कर्मचारियों से मुलाकात की, लेकिन उनको इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई. कहा गया कि मातली हेलीपैड जाओ, वहां से जानकारी मिलेगी. मातली आ गए, लेकिन फिर भी जानकारी नहीं मिल पा रही.

बताया कि पिता इन्द्र कैंथला सहित करीब 8 लोग उनके साथ आए हैं. इसी तरह सहारनपुर, मुंबई, पश्चिम बंगाल और अन्य जगहों से भी लोग अपनों की जानकारी के लिए दिन भर फोन खटखटाते रहे. मौके पर मौजूद गंगोत्री विधायक सुरेश चौहान ने परिजनों को आश्वासन दिया कि जल्द ही लापता लोगों को रेस्क्यू कर उत्तरकाशी लाया जाएगा.
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वहीं एसपी अर्पण यदुवंशी ने लोगों को समझाकर उन्हें हर संभव मदद दिलाने की बात कही. उन्होंने कहा कि जबतक उनके परिजनों को उनकों खोए हुए लोग नहीं मिल जाते हैं, तब तक वह उनकी खाने रहने की व्यवस्था प्रशासन द्वारा की जाएगी.

बता दें कि खराब मौसम के कारण द्रौपदी डांडा-टू में रेस्क्यू ऑपरेशन के काम को रोक दिया गया है. द्रौपदी डांडा टू पर हल्की बर्फबारी हो रही है. जिसके कारण जवानों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, राहत बचाव कार्यों में जुटी टीमों ने अब तक 16 शवों को बरामद कर लिया है. बरामद शवों में दो ट्रेनर और 14 ट्रेनिज के शव हैं. वहीं, 13 लोग अभी भी लापता हैं.

Last Updated : Oct 6, 2022, 9:07 PM IST
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