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उत्तरकाशी में आसमान से बरसी आफत, लोगों को याद आया 2013 का वो भयावह मंजर

उत्तरकाशी में रविवार रात आई जलप्रलय के बाद ग्रामीण डरे हुए हैं. उन्हें 2013 की आपदा के पल एक बार फिर से याद आ रहे हैं.

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जलप्रलय ने ताजा की 2013 आपदा की यादें
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Published : Jul 19, 2021, 8:13 PM IST

उत्तरकाशी: बीते रविवार से शुरू हुई मूसलाधार बारिश के बाद उत्तरकाशी जनपद में हर तरफ जलप्रलय जैसे हालात ही नजर आ रहे हैं. मांडो सहित निराकोट और कंकराड़ी और सिरोर गांव में सोमवार को लगातार हो रही बारिश के बाद उफान पर बह रहे गदेरों को देखकर लोग सहमे हुए हैं. कहीं सड़कें बंद है तो कही पर नदी नाले उफान पर हैं. ऐसे में कारण लोगों की परेशानियां बढ़ गई हैं.

इसी कड़ी में मांडो गांव से सामने आई तस्वीरें डरा रही हैं. कंकराड़ी में बहे भवन, मलबे के बीच फंसे लोग एक बार फिर से 2013 की आपदा की याद दिला रहे हैं. रविवार देर रात तबाही की जीती जागती तस्वीरों सामने आई. इस बार भी पानी के सैलाब और मलबे के कारण कई जिंदगियां सांसत में आ गई. जगह-जगह पर उफान पर बह रहे नाले और टूटते पहाड़ भी लोगों को डरा रहे हैं.

जलप्रलय ने ताजा की 2013 आपदा की यादें

पढ़ें-तीन जिलों में रेड अलर्ट, उत्तरकाशी के लिए सड़क मार्ग से रेस्क्यू टीम रवाना, कैसे वक्त से पहुंचेगी राहत?

रविवार रात बाड़ागड्डी की पहाड़ी से जहां एक और प्रकृति का रौद्र रूप निराकोट और मांडो पर टूटा तो पहाड़ी के दूसरी और बसे कंकराड़ी और कुरोली गांव में भी गदेरे के उफान पर आने से जल प्रलय आ गई. यहां एक भवन पूरी तरह बह गया. खेतों में काम कर रहा सुमन गुसाईं भी उसके बाद से लापता चल रहे हैं.

पढ़ें- Ground Report: उत्तरकाशी में बादल फटने से तीन की मौत, मलबे में कई लोगों के दबे होने की आशंका

ग्राम प्रहरी बच्चन सिंह चौहान ने बताया कि पानी की आवाज इतनी भयावह थी कि एक समय ऐसा लगा कि कोई नहीं बचा होगा, लेकिन उसके बाद जानकारियां जुटाई गई तो एक व्यक्ति के लापता होने की खबर मिली. साथ ही जल प्रलय के कारण कई घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो चुके हैं.

पढ़ें- भारी बारिश से अलकनंदा-मंदाकिनी उफान पर, बेलणी में शिवमूर्ति डूबी

बच्चन सिंह चौहान ने बताया रविवार दिन में ही एक व्यक्ति ने अपने नए घर का कार्य पूरा करवाया था, लेकिन उसे क्या पता था कि भवन पर लगी जीवन भर की कमाई कुछ ही सेकंड में बह जाएगी. वहीं, दूसरी और सिरोर गांव में भी गदेरा उफान पर आने के कारण कई रास्ते और खेती भूमि तबाह हो गई है. कंकराड़ी गांव के ग्रामीणों का कहना है कि रात से न क्षेत्र में लाइट है और न ही दूरसंचार की कोई सेवा सही से काम कर रही है. साथ ही गंगोत्री और यमुनोत्री हाईवे भी अभी तक नहीं खुल पाया है.

उत्तरकाशी: बीते रविवार से शुरू हुई मूसलाधार बारिश के बाद उत्तरकाशी जनपद में हर तरफ जलप्रलय जैसे हालात ही नजर आ रहे हैं. मांडो सहित निराकोट और कंकराड़ी और सिरोर गांव में सोमवार को लगातार हो रही बारिश के बाद उफान पर बह रहे गदेरों को देखकर लोग सहमे हुए हैं. कहीं सड़कें बंद है तो कही पर नदी नाले उफान पर हैं. ऐसे में कारण लोगों की परेशानियां बढ़ गई हैं.

इसी कड़ी में मांडो गांव से सामने आई तस्वीरें डरा रही हैं. कंकराड़ी में बहे भवन, मलबे के बीच फंसे लोग एक बार फिर से 2013 की आपदा की याद दिला रहे हैं. रविवार देर रात तबाही की जीती जागती तस्वीरों सामने आई. इस बार भी पानी के सैलाब और मलबे के कारण कई जिंदगियां सांसत में आ गई. जगह-जगह पर उफान पर बह रहे नाले और टूटते पहाड़ भी लोगों को डरा रहे हैं.

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रविवार रात बाड़ागड्डी की पहाड़ी से जहां एक और प्रकृति का रौद्र रूप निराकोट और मांडो पर टूटा तो पहाड़ी के दूसरी और बसे कंकराड़ी और कुरोली गांव में भी गदेरे के उफान पर आने से जल प्रलय आ गई. यहां एक भवन पूरी तरह बह गया. खेतों में काम कर रहा सुमन गुसाईं भी उसके बाद से लापता चल रहे हैं.

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ग्राम प्रहरी बच्चन सिंह चौहान ने बताया कि पानी की आवाज इतनी भयावह थी कि एक समय ऐसा लगा कि कोई नहीं बचा होगा, लेकिन उसके बाद जानकारियां जुटाई गई तो एक व्यक्ति के लापता होने की खबर मिली. साथ ही जल प्रलय के कारण कई घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो चुके हैं.

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बच्चन सिंह चौहान ने बताया रविवार दिन में ही एक व्यक्ति ने अपने नए घर का कार्य पूरा करवाया था, लेकिन उसे क्या पता था कि भवन पर लगी जीवन भर की कमाई कुछ ही सेकंड में बह जाएगी. वहीं, दूसरी और सिरोर गांव में भी गदेरा उफान पर आने के कारण कई रास्ते और खेती भूमि तबाह हो गई है. कंकराड़ी गांव के ग्रामीणों का कहना है कि रात से न क्षेत्र में लाइट है और न ही दूरसंचार की कोई सेवा सही से काम कर रही है. साथ ही गंगोत्री और यमुनोत्री हाईवे भी अभी तक नहीं खुल पाया है.

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