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पुरानी पेंशन बहाली को लेकर सड़क पर उतरे कर्मचारी, उग्र आंदोलन की चेतावनी - पुरोला हिंदी समाचार

पुरानी पेंशन बहाली को लेकर विभिन्न विभागों के कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया है. 1 अक्टूबर साल 2005 के बाद से नियुक्त कर्मचारियों को पेंशन का लाभ नहीं मिल रहा है, जिसको लेकर कर्मचारियों में खासा रोष है.

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पुरानी पेंशन बहाली को लेकर कर्मचारियों का प्रदर्शन
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Published : Feb 8, 2021, 1:07 PM IST

पुरोला: विभिन्न विभागों के कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन बहाली को लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. कर्मचारियों ने तहसील प्रांगण में ढोल-नगाड़ों के साथ एक दिवसीय समागम का आयोजन किया. कर्मचारियों ने इस समागम में आगे की रणनीतियों पर चर्चा की. वहीं, प्रदर्शनकारियों ने मांगें नहीं मानने पर उग्र आंदोलन की भी चेतावनी दी.

पुरानी पेंशन बहाली को लेकर कर्मचारियों का प्रदर्शन

1 अक्टूबर साल 2005 के बाद से नियुक्त कर्मचारियों को पेंशन का लाभ नहीं मिल रहा है, जिसको लेकर कर्मचारियों में खासा रोष है. पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय संगठन के बैनर तले बड़ी संख्या में कर्मचारियों ने समागम में भाग लिया. कर्मचारियों का कहना है कि सरकार ने पेंशन की जगह एनपीएस (नेशनल पेंशन सिस्टम) लागू किया है, जो कि पूरी तरह शेयर बाजार पर निर्भर है. ये 30 से 35 सालों तक सरकारी नौकरी करने वाले कर्मचारियों के भविष्य के साथ भद्दा मजाक है. वहीं पांच वर्ष के लिए चुने जाने वाले जनप्रतिनिधियों, विधायकों और सांसदों को आजीवन पेंशन दी जाती है, जो कि सोचनीय है.

ये भी पढ़ें: उत्तराखंड त्रासदी: जानिए क्यों टूटते हैं ग्लेशियर, कैसे आती है तबाही

ऐसे में देखना ये है कि प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने से पहले प्रदेश सरकार अक्टूबर साल 2005 के बाद से नियुक्त लगभग 80 हजार कर्मचारियों को पेंशन का लाभ देती है, या विधानसभा चुनावों में इनके गुस्से को कम करने के लिए कोई और तरीका निकालती है.

पुरोला: विभिन्न विभागों के कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन बहाली को लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. कर्मचारियों ने तहसील प्रांगण में ढोल-नगाड़ों के साथ एक दिवसीय समागम का आयोजन किया. कर्मचारियों ने इस समागम में आगे की रणनीतियों पर चर्चा की. वहीं, प्रदर्शनकारियों ने मांगें नहीं मानने पर उग्र आंदोलन की भी चेतावनी दी.

पुरानी पेंशन बहाली को लेकर कर्मचारियों का प्रदर्शन

1 अक्टूबर साल 2005 के बाद से नियुक्त कर्मचारियों को पेंशन का लाभ नहीं मिल रहा है, जिसको लेकर कर्मचारियों में खासा रोष है. पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय संगठन के बैनर तले बड़ी संख्या में कर्मचारियों ने समागम में भाग लिया. कर्मचारियों का कहना है कि सरकार ने पेंशन की जगह एनपीएस (नेशनल पेंशन सिस्टम) लागू किया है, जो कि पूरी तरह शेयर बाजार पर निर्भर है. ये 30 से 35 सालों तक सरकारी नौकरी करने वाले कर्मचारियों के भविष्य के साथ भद्दा मजाक है. वहीं पांच वर्ष के लिए चुने जाने वाले जनप्रतिनिधियों, विधायकों और सांसदों को आजीवन पेंशन दी जाती है, जो कि सोचनीय है.

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ऐसे में देखना ये है कि प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने से पहले प्रदेश सरकार अक्टूबर साल 2005 के बाद से नियुक्त लगभग 80 हजार कर्मचारियों को पेंशन का लाभ देती है, या विधानसभा चुनावों में इनके गुस्से को कम करने के लिए कोई और तरीका निकालती है.

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