ETV Bharat / state

बाबा काशी विश्वनाथ की नगरी में महाशिवरात्रि की तैयारी शुरू

बाबा काशी विश्वनाथ मंदिर उत्तरकाशी के महंत अजय पुरी ने कहा कि 11 मार्च को होने वाली महाशिवरात्रि की तैयारी चरणबद्ध तरीके से जारी है. महाशिवरात्रि के अवसर पर चार पहर की विशेष पूजा अर्चना के साथ जलाभिषेक किया जाएगा.

महाशिवरात्रि की तैयारी शुरू
महाशिवरात्रि की तैयारी शुरू
author img

By

Published : Mar 6, 2021, 3:38 PM IST

उत्तरकाशी: बाबा काशी विश्वनाथ की नगरी उत्तरकाशी में आगामी 11 मार्च को महाशिवरात्रि की तैयारी शुरू हो चुकी है. उत्तरकाशी जनपद में महाशिवरात्रि का अपना विशेष महत्व है. क्योंकि कहा जाता है कि कलयुग में भगवान शिव उत्तर की काशी में निवास कर रहे हैं. इसलिए यहां पर जो भी श्रद्धालु बाबा काशी विश्वनाथ की महाशिवरात्रि के चारों पहर का जलाभिषेक और भस्म लगाकर पूजा और ध्यान करता है, उसकी हर मनोकामना पूर्ण हो जाती है.

महाशिवरात्रि की तैयारी शुरू
महाशिवरात्रि की तैयारी शुरू

पुराणों के अनुसार भगवान शिव ने स्वयं कहा था कि जब कलयुग में पाप बढ़ेगा, तो वह अपना स्थान अस्सी-वरुणा नदी के मध्य वरुणावत पर्वत की तलहटी में उत्तरकाशी की काशी में निवास करेंगे. बाबा काशी विश्वनाथ मंदिर उत्तरकाशी के महंत अजय पुरी ने कहा कि 11 मार्च को होने वाली महाशिवरात्रि की तैयारी चरणबद्ध तरीके से जारी है. महाशिवरात्रि के अवसर पर चार पहर की विशेष पूजा अर्चना के साथ जलाभिषेक किया जाएगा. साथ ही इस दिन जो भी नवविवाहित जोड़ा भगवान काशी विश्वनाथ का जलाभिषेक और रात्रि जप करता है. उसकी हर मनोकामना पूर्ण होती है.

बाबा काशी विश्वनाथ की नगरी में महाशिवरात्रि की तैयारी शुरू

ये भी पढ़ें: बागेश्वर में एक सप्ताह बाद आया कोरोना का नया केस, अब तक 17 की मौत

इसके साथ ही कोरोनाकाल के कारण एक वर्ष के अंतराल के बाद इस बार शिवरात्रि धूमधाम से मनाई जाएगी. जिसमें ग्रामीण अंचल से महिला पुरुष शिवबारात में स्थानीय लोकवेशभुषा में पहुंचते हैं. साथ ही शिव बारात में झाकियां निकालकर बाबा काशी विश्वनाथ का आशिर्वाद लेते हैं. महंत अजय पुरी ने बताया कि फाल्गुन माह की शिवरात्रि के दिन भगवान शिव ने विष ग्रहण किया था. इसलिए इस दिन भगवान शिव पर जितना अधिक जलाभिषेक किया जाता है, उससे भोले प्रसन्न होते हैं.

पुरी ने कहा कि महाशिवरात्रि के अवसर पर चमोली जनपद की ऋषिगंगा आपदा में मारे गए लोगों की आत्मा की शांति के लिए चार पहर के ब्रह्म मुहूर्त में होने वाला जलाभिषेक और उसके साथ हवन भी किया जाएगा. जिससे आपदा मृतकों की आत्मा को बाबा काशी विश्वनाथ के चरणों मे स्थान मिल सके. साथ ही बाबा से प्रार्थना की जाएगी कि भविष्य में हिमालय में आपदाओं का कहर ना बरसे.

उत्तरकाशी: बाबा काशी विश्वनाथ की नगरी उत्तरकाशी में आगामी 11 मार्च को महाशिवरात्रि की तैयारी शुरू हो चुकी है. उत्तरकाशी जनपद में महाशिवरात्रि का अपना विशेष महत्व है. क्योंकि कहा जाता है कि कलयुग में भगवान शिव उत्तर की काशी में निवास कर रहे हैं. इसलिए यहां पर जो भी श्रद्धालु बाबा काशी विश्वनाथ की महाशिवरात्रि के चारों पहर का जलाभिषेक और भस्म लगाकर पूजा और ध्यान करता है, उसकी हर मनोकामना पूर्ण हो जाती है.

महाशिवरात्रि की तैयारी शुरू
महाशिवरात्रि की तैयारी शुरू

पुराणों के अनुसार भगवान शिव ने स्वयं कहा था कि जब कलयुग में पाप बढ़ेगा, तो वह अपना स्थान अस्सी-वरुणा नदी के मध्य वरुणावत पर्वत की तलहटी में उत्तरकाशी की काशी में निवास करेंगे. बाबा काशी विश्वनाथ मंदिर उत्तरकाशी के महंत अजय पुरी ने कहा कि 11 मार्च को होने वाली महाशिवरात्रि की तैयारी चरणबद्ध तरीके से जारी है. महाशिवरात्रि के अवसर पर चार पहर की विशेष पूजा अर्चना के साथ जलाभिषेक किया जाएगा. साथ ही इस दिन जो भी नवविवाहित जोड़ा भगवान काशी विश्वनाथ का जलाभिषेक और रात्रि जप करता है. उसकी हर मनोकामना पूर्ण होती है.

बाबा काशी विश्वनाथ की नगरी में महाशिवरात्रि की तैयारी शुरू

ये भी पढ़ें: बागेश्वर में एक सप्ताह बाद आया कोरोना का नया केस, अब तक 17 की मौत

इसके साथ ही कोरोनाकाल के कारण एक वर्ष के अंतराल के बाद इस बार शिवरात्रि धूमधाम से मनाई जाएगी. जिसमें ग्रामीण अंचल से महिला पुरुष शिवबारात में स्थानीय लोकवेशभुषा में पहुंचते हैं. साथ ही शिव बारात में झाकियां निकालकर बाबा काशी विश्वनाथ का आशिर्वाद लेते हैं. महंत अजय पुरी ने बताया कि फाल्गुन माह की शिवरात्रि के दिन भगवान शिव ने विष ग्रहण किया था. इसलिए इस दिन भगवान शिव पर जितना अधिक जलाभिषेक किया जाता है, उससे भोले प्रसन्न होते हैं.

पुरी ने कहा कि महाशिवरात्रि के अवसर पर चमोली जनपद की ऋषिगंगा आपदा में मारे गए लोगों की आत्मा की शांति के लिए चार पहर के ब्रह्म मुहूर्त में होने वाला जलाभिषेक और उसके साथ हवन भी किया जाएगा. जिससे आपदा मृतकों की आत्मा को बाबा काशी विश्वनाथ के चरणों मे स्थान मिल सके. साथ ही बाबा से प्रार्थना की जाएगी कि भविष्य में हिमालय में आपदाओं का कहर ना बरसे.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.