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दिवंगत विधायक गोपाल रावत का वादा हुआ पूरा, दूरस्थ पिलंग गांव को मिली सड़क

सीमान्त भटवाड़ी विकासखण्ड के सबसे दूरस्थ पिलंग गांव अब सड़क से जुड़ने जा रहा है. यहां सड़क बनने के बाद ग्रामीणों को शहर के जाने के 18 किमी की पैदल दूर नहीं नापनी पडे़गी.

Pilang village news
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Published : Oct 16, 2021, 9:48 PM IST

उत्तरकाशी: सीमान्त भटवाड़ी विकासखण्ड के सबसे दूरस्थ पिलंग गांव के ग्रामीणों का सड़क से जुड़ने का सपना पूरा होने जा रहा है. पिलंग गांव की सड़क के लिए प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना विभाग और ग्राम प्रधान की ओर से विधिवत भूमि पूजन कर सड़क कटिंग का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है.

पिलंग प्रधान अत्तर सिंह राणा ने ईटीवी भारत को बताया कि आज भी पिलंग गांव के ग्रामीणों को करीब 18 किमी की पैदल दूरी नापनी पड़ती है. सड़क मार्ग न होने के कारण शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं से ग्रामीण वंचित हैं. साथ ही कई बुजुर्ग वर्षों से सड़क का सपना देखते-देखते बूढ़े हो गए थे.

पढ़ें- पर्यटकों से उत्तराखंड गुलजार, पटरी पर लौट रहा कारोबार, कोविड गाइडलाइन तार-तार

प्रधान अत्तर सिंह राणा ने बताया कि आज सड़क से जुड़ने का सपना ग्रामीणों का दिवंगत विधायक गोपाल रावत के अथक प्रयास से पूरा हो गया है. राणा ने बताया कि वर्ष 2018 में दिवंगत विधायक गोपाल रावत पैदल पिलंग पहुंचे और उन्होंने ग्रामीणों से वादा किया कि इस गांव को सड़क से जोड़ेंगे. आज भले ही वह जीवित नहीं हैं, लेकिन वह जाते-जाते अपना वादा निभा गए और पिलंग गांव कभी उन्हें नहीं भूल सकता.

PMGSY के सहायक अभियंता शुभाशीष राणा ने बताया कि पिलंग गांव के लिए मल्ला-सिल्ला मोटर मार्ग से लिंक कर 5.9 करोड़ की लागत से 8.5 किमी लम्बी सड़क का प्रथम चरण का कार्य शुरू कर दिया गया है. साथ ही दूसरे चरण के लिए भी 5.4 करोड़ की लागत से स्वीकृति मिल चुकी है. इसके साथ ही सड़क पर करीब ढाई करोड़ की लागत से 48 मीटर लम्बे स्टील गर्डर पुल का निर्माण भी किया जाएगा. एई राणा ने बताया कि यह एक बड़ी उपलब्धि है कि क्षेत्र का सबसे दूरस्थ गांव अब सड़क मार्ग से जुड़ रहा है.

उत्तरकाशी: सीमान्त भटवाड़ी विकासखण्ड के सबसे दूरस्थ पिलंग गांव के ग्रामीणों का सड़क से जुड़ने का सपना पूरा होने जा रहा है. पिलंग गांव की सड़क के लिए प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना विभाग और ग्राम प्रधान की ओर से विधिवत भूमि पूजन कर सड़क कटिंग का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है.

पिलंग प्रधान अत्तर सिंह राणा ने ईटीवी भारत को बताया कि आज भी पिलंग गांव के ग्रामीणों को करीब 18 किमी की पैदल दूरी नापनी पड़ती है. सड़क मार्ग न होने के कारण शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं से ग्रामीण वंचित हैं. साथ ही कई बुजुर्ग वर्षों से सड़क का सपना देखते-देखते बूढ़े हो गए थे.

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प्रधान अत्तर सिंह राणा ने बताया कि आज सड़क से जुड़ने का सपना ग्रामीणों का दिवंगत विधायक गोपाल रावत के अथक प्रयास से पूरा हो गया है. राणा ने बताया कि वर्ष 2018 में दिवंगत विधायक गोपाल रावत पैदल पिलंग पहुंचे और उन्होंने ग्रामीणों से वादा किया कि इस गांव को सड़क से जोड़ेंगे. आज भले ही वह जीवित नहीं हैं, लेकिन वह जाते-जाते अपना वादा निभा गए और पिलंग गांव कभी उन्हें नहीं भूल सकता.

PMGSY के सहायक अभियंता शुभाशीष राणा ने बताया कि पिलंग गांव के लिए मल्ला-सिल्ला मोटर मार्ग से लिंक कर 5.9 करोड़ की लागत से 8.5 किमी लम्बी सड़क का प्रथम चरण का कार्य शुरू कर दिया गया है. साथ ही दूसरे चरण के लिए भी 5.4 करोड़ की लागत से स्वीकृति मिल चुकी है. इसके साथ ही सड़क पर करीब ढाई करोड़ की लागत से 48 मीटर लम्बे स्टील गर्डर पुल का निर्माण भी किया जाएगा. एई राणा ने बताया कि यह एक बड़ी उपलब्धि है कि क्षेत्र का सबसे दूरस्थ गांव अब सड़क मार्ग से जुड़ रहा है.

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