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लट्ठों के सहारे जिंदगी, मौत से रोजाना जंग लड़ते हैं यहां के ग्रामीण

उत्तरकाशी जिले के मोरी तहसील की खेड़ा घाटी की रूपिन नदी पर बना एक मात्र पुल लिवाड़ी, फिताड़ी, राला, कास्ला, रेक्चा जैसे गांव को जोड़ता है. इस पुल के क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण गांव का जिला मुख्यालय से संपर्क टूट गया है.

डंडे के सहारे नदी पार कर रहे लोग.
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Published : Aug 3, 2019, 11:50 AM IST

पुरोला: मोरी तहसील के खेड़ा घाटी के रूपिन नदी में बना पैदल पुल क्षतिग्रस्त हो गया, जिस कारण जिला मुख्यालय से 5 गांवों का सम्पर्क कट गया. गांव का संपर्क कट जाने के कारण लोग अपने निजी कामों के लिए नदी को डंडे के सहारे पार कर रहे हैं. वहीं, इस उफनाती रूपिन नदी के बहाव में एक महिला बहने से बाल बाल बच गई.

डंडे के सहारे नदी पार कर रहे लोग.

रूपिन नदी पर बना एक मात्र पुल लिवाड़ी, फिताड़ी, राला, कास्ला, रेक्चा जैसे गांव को जोड़ता है. इस पुल के क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण गांव का जिला मुख्यालय से संपर्क टूट गया. वहीं, लोगों को रोजमर्रा की जिंदगी का गुजर करने के लिए इस नदी को पार करना पड़ता है. जिसके लिए ग्रामीण एक डंडे का सहारा लेते है.

ये भी पढ़ें: सागौन की लकड़ी के साथ तस्कर गिरफ्तार, वन अधिनियम के तहत होगी कार्रवाई

बता दें कि गांवों को सड़क से जोड़ने के लिये पीएमजीएसवाई ने वर्ष 2012 में सड़क निर्माण शुरू कर दिया था. लेकिन, गांवों को सड़क से जोड़ने वाले 3 पुल अभी तक नहीं बनाए गए. जिस कारण इन गांवों के लोग अपने जीवन को खतरे में डाल कर रूपिन नदी पार करने को मजबूर हैं.

पुरोला: मोरी तहसील के खेड़ा घाटी के रूपिन नदी में बना पैदल पुल क्षतिग्रस्त हो गया, जिस कारण जिला मुख्यालय से 5 गांवों का सम्पर्क कट गया. गांव का संपर्क कट जाने के कारण लोग अपने निजी कामों के लिए नदी को डंडे के सहारे पार कर रहे हैं. वहीं, इस उफनाती रूपिन नदी के बहाव में एक महिला बहने से बाल बाल बच गई.

डंडे के सहारे नदी पार कर रहे लोग.

रूपिन नदी पर बना एक मात्र पुल लिवाड़ी, फिताड़ी, राला, कास्ला, रेक्चा जैसे गांव को जोड़ता है. इस पुल के क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण गांव का जिला मुख्यालय से संपर्क टूट गया. वहीं, लोगों को रोजमर्रा की जिंदगी का गुजर करने के लिए इस नदी को पार करना पड़ता है. जिसके लिए ग्रामीण एक डंडे का सहारा लेते है.

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बता दें कि गांवों को सड़क से जोड़ने के लिये पीएमजीएसवाई ने वर्ष 2012 में सड़क निर्माण शुरू कर दिया था. लेकिन, गांवों को सड़क से जोड़ने वाले 3 पुल अभी तक नहीं बनाए गए. जिस कारण इन गांवों के लोग अपने जीवन को खतरे में डाल कर रूपिन नदी पार करने को मजबूर हैं.

Intro:अनिल असवाल, पुरोला
एंकर - जिले के मोरी तहसील के खेडा घाटी में पैदल पुल का पुस्पांत ढहने से पांच गांवों का समपर्क कट गया है लोगों को आवस्वायक काम निपटानें के लिये जान जोखिम में डालकर उफनती नदी को डंडों के सहारे पार करना पड रहा है ।गनिमत ये रही की नदी पार करते समय एक महिला नदी के तेज बहाव में बाल बाल बच गई।Body:विओ१- मोरी प्रखंड के लिवाडी,फिताडी,राला,कास्ला,रेक्चा को जोडनें वाला रुपिन नदी पर बना एक मात्र पैदल पुलिया की दिवारें ढहनें से गांवों से मुख्यालय तक जानें के लिये जान जोखिम में डालकर नदी को पार करना पड रहा है ।
विडम्बना तो देखिये इन गावों को सडक से जोडनें के लिये पीएमजीएसवाई नें वर्ष २०१२ में सडक निर्माण का शुरु कर दिया लेकिन गांवों को सडक से जोडनें वाले तीन पुल अभी तक नहीं बनाये जिस कारण इन गांवों के वासिंदें अपनें ही गांव में गुलामों वाला जिवन यापन करनें को मजबुर हैं Conclusion:विओ-
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