उत्तरकाशी: पंचकोसी वारुणी यात्रा पड़ाव पर स्थित विभिन्न मंदिर श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए सज गए हैं. आज एक दिवसीय पंचकोसी यात्रा में हजारों श्रद्धालुओं के उमड़ने की उम्मीद है. यात्रा पड़ावों पर पड़ने वाले गांव में ग्रामीणों एवं मंदिर के पुजारियों ने यात्रा से जुड़ी सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं. पंचकोसी वारुणी यात्रा एक दिन की होती है, जो वरुणा एवं भागीरथी के संगम बड़ेथी से शुरू होती है.
यहां से सुबह गंगा स्नान करने के बाद भक्त पद यात्रा के लिए निकल पड़ते हैं. करीब 15 किमी लंबी इस पद यात्रा के पथ पर श्रद्धालु बड़ेथी संगम स्थित वरुणेश्वर, बसूंगा में अखंडेश्वर, साल्ड में जगरनाथ एवं अष्टभुजा दुर्गा, ज्ञाणजा में ज्ञानेश्वर एवं व्यास कुंड, वरुणावत शीर्ष पर शिखेरश्वर, विमलेश्वर महादेव, संग्राली में कंडार देवता, पाटा में नरर्वेदश्वर मंदिर के दर्शन के बाद गंगोरी पहुंचते हैं. असी गंगा और भागीरथी में स्नान के बाद विश्वनाथ मंदिर में जलाभिषेक करते हैं और जलाभिषेक के साथ यात्रा का समापन होता है. संग्राली गांव की महिला मंगल दल अध्यक्ष सरवेश्वरी नौटियाल ने बताया कि श्रद्धालुओं के लिए चौलाई के लड्डू का भोग तैयार किया जा रहा है. जिसमें गांव की महिलाएं सहयोग कर रही हैं.
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पंचकोसी वारुणी यात्रा का बड़ा धार्मिक महत्व: संग्राली गांव निवासी पंडित दिवाकर नैथानी बताते हैं कि अनादि काल से चली आ रही इस धार्मिक यात्रा का उल्लेख पद्म पुराण में मिलता है. वरुणावत पर्वत को भगवान का निवास स्थान माना जाता है. पुराणों में यहां भगवान परशुराम एवं महर्षि वेदव्यास द्वारा तपस्या किए जाने का उल्लेख है. उपवास रखकर नंगे पैर पैदल पंचकोसी वारुणी यात्रा करने से मनोकामनाएं पूरी होने के साथ ही सौ यज्ञों का पुण्य फल प्राप्त होता है.
जिलाधिकारी अभिषेक रुहेला ने पंचकोसी वारुणी यात्रा को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग को साल्ड एवं संग्राली गांव में स्वास्थ्य कैंप लगाने के निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही विभाग से उक्त दोनों स्थानों पर एंबुलेंस सेवा भी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं. इधर, ग्रामीणों ने डीएम के माध्यम से पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज को ज्ञापन भेजकर वारुणी यात्रा मार्ग की मरम्मत करने की मांग की है. जिला पंचायत सदस्य सरिता चौहान, ग्राम प्रधान संग्राली संदीप सेमवाल, ग्राम प्रधान पाटा नरेश चौहान, प्रथम सिंह, पुजा डंगवाल, हंसराज चौहान, भागेश्वरी आदि ने कहा कि उक्त यात्रा मार्ग कई वर्षों से क्षतिग्रस्त होने से यात्रियों को असुविधा होती है और उन्होंने उक्त मार्गों पर टाइल्स बिछाने के साथ स्ट्रीट लाइटें लगाने एवं रेन शेड बनवाने की मांग की.