उत्तरकाशी: देश में पहली बार गंगोत्री घाटी के रक्तवन ग्लेशियर में नेहरू पर्वतारोहण संस्थान और पतंजलि योगपीठ एक संयुक्त अभियान चलाएगा. 14 सितंबर से शुरू होने वाले इस दस दिवसीय अभियान में 14 सदस्यीय टीम रक्तवन ग्लेशियर में दुर्लभ प्रजाति की औषधि की खोज करेंगे. इसके साथ ही इस ग्लेशियर की अनाम चोटियों का आरोहण किया जाएगा.
बताया जा रहा है कि अभियान को गंगोत्री धाम से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और बाबा रामदेव हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे. बताया जाता है कि 1981 में एक इंडो-फ्रेंच पर्वतारोहियों की एक टीम ने इस ग्लेशियर में अन्वेषण का कार्य शुरू किया था, लेकिन उन्हें इसमें सफलता नहीं मिल पाई थी.
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इस इलाके में स्वतन्त्रता के पश्चात 1981 में अन्वेषण का कार्य Joint Indo-French Exploration Team द्वारा किया गया था. इस अन्वेषण दल को अथक प्रयासों के बाबजूद भी आधा इलाके का भ्रमण करने में ही कामयाबी मिल पाई. इसके पश्चात इस इलाके में आजतक कोई भी दल आरोहण एवं वनस्पति की खोज में नहीं गया है.
इस संयुक्त अभियान को संस्थान के प्रधानाचार्य कर्नल अमित बिष्ट, सेना मेडल के अतिरिक्त संस्थान के दो पर्वतारोहण प्रशिक्षक दीप शाही, विनोद गुसांई तथा बिहारी सिंह राणा करेंगे. इसके साथ पतंजलि योगपीठ हरिद्वार से आचार्य बालकृष्ण के नेतृत्व में 10 सदस्यीय टीम इस संयुक्त अभियान में प्रतिभाग करेगी. इस संयुक्त अभियान का प्रमुख उद्देश्य इस क्षेत्र में पाये जाने वाले औषधीय पौधों से संबंधित जानकारियों को एकत्रित किया जायेगा.
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ह संयुक्त अभियान अपने आप में एक अत्यन्त विशेष अभियान है. जिसमें हिमालय में स्थित दुगर्म तथा विषम भौगोलिक क्षेत्र में औषधीय पौधों तथा पर्वतारोहण का संयुक्त सर्वेक्षण करेंगे. 14 सितम्बर 2022 को इस विशेष अभियान दल को गंगोत्री से उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और बाबा रामदेव हरी झंडी दिखाएंगे.