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तीन महीने से बिना SDM के चल रही पुरोला तहसील, आपदा की दृष्टि से है संवेदनशील इलाका - पुरोला तहसील

उत्तरकाशी जिले के पुरोला तहसील के ग्रामीणों को अपने प्रमाण पत्रों के लिए परेशान होना पड़ रहा है. पिछले तीन महीनों से तहसील में एसडीएम की नियुक्ति नहीं हुई है.

अबतक नहीं हुई SDM की नियुक्ति
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Published : Aug 2, 2019, 5:41 PM IST

उत्तरकाशी: पुरोला तहसील मुख्यालय तीन माह से बिना एसडीएम के चल रहा है. जिसकी वजह से स्थानीय लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. लोग चरित्र व मूल निवास प्रमाण पत्र के लिये एसडीएम की राह ताक रहे हैं. जून में यहां के तत्कालीन एसडीएम का तबादल कर दिया गया था. जिसके बाद यहां शासन की तरफ से किसी को भी तैनात नहीं किया गया.

आपदा की नजर से जोन 4 में शामिल पुरोला और मोरी तहसील बरसात के महीनों में बिना मुखिया के संचालित हो रही है. जिला प्रशासन ने भले ही कागजों में बडकोट एसडीएम को अतिरिक्त प्रभार सौंपा हो, लेकिन वे भी यमुनोत्री और गंगोत्री यात्रा सीजन के दौरान बडकोट में डटे हुए हैं. 60 से 100 किमी सफर करने के बाद भी लोगों को मायूस लौटना पड़ रहा है.

अबतक नहीं हुई SDM की नियुक्ति

पढे़ं-सहकारी समिति में नहीं मिल रही खाद, महंगे दामों पर बाजार से खरीदने को मजबूर किसान

स्थानीय लोगों ने कहा कि वे काफी समय से तहसील में एसडीएम के न होने से परेशान हैं. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर जल्द ही तहसील में एसडीएम की तैनाती नहीं की गई तो वो उग्र आंदोलन करेंगे.

उत्तरकाशी: पुरोला तहसील मुख्यालय तीन माह से बिना एसडीएम के चल रहा है. जिसकी वजह से स्थानीय लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. लोग चरित्र व मूल निवास प्रमाण पत्र के लिये एसडीएम की राह ताक रहे हैं. जून में यहां के तत्कालीन एसडीएम का तबादल कर दिया गया था. जिसके बाद यहां शासन की तरफ से किसी को भी तैनात नहीं किया गया.

आपदा की नजर से जोन 4 में शामिल पुरोला और मोरी तहसील बरसात के महीनों में बिना मुखिया के संचालित हो रही है. जिला प्रशासन ने भले ही कागजों में बडकोट एसडीएम को अतिरिक्त प्रभार सौंपा हो, लेकिन वे भी यमुनोत्री और गंगोत्री यात्रा सीजन के दौरान बडकोट में डटे हुए हैं. 60 से 100 किमी सफर करने के बाद भी लोगों को मायूस लौटना पड़ रहा है.

अबतक नहीं हुई SDM की नियुक्ति

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स्थानीय लोगों ने कहा कि वे काफी समय से तहसील में एसडीएम के न होने से परेशान हैं. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर जल्द ही तहसील में एसडीएम की तैनाती नहीं की गई तो वो उग्र आंदोलन करेंगे.

Intro:रिपोर्ट- अनिल असवाल,पुरोला (उत्तरकाशी)
एंकर- दौविय आपदा के जोन 4 में होनें के बावजूद भी तीन माह से पुरोला व मोरी तहसील बीना एसडीएम के संचालित हो रही है। सिविल कोर्ट में लम्बित मामलों के साथ ही छात्रों के मुल,स्थाई, व चरित्र प्रमाण पत्र भी नहीं बन पा रहे हैं जिससे बेरोजगार युवाओं के रोजगार की ओर बढते कदम भी रुक से गये हैं। पेश है एक खास रिपोर्ट,,,,,,,,Body:विओ१--ये है पुरोला तहसील मुख्याल्य जो तीन माह से बीना एसडीएम के चल रहा है । यहां के नौजवान स्थाई निवास,चिरीत्र प्रमाण पत्र,मुल निवास के लिये एसडीएम की राह ताक रहे हैं ,जून माह में तत्कालिन एसडीएम के तबादले से खाली हुई तहसील में आज तक एसडीएम नहीं पहुंचा पाया जब्की आपदा की दृष्टी से जोन 4 में शामिल पुरोला व मोरी तहसील बरसात के महिनों में बिना मुखिया के संचालित हो रही ,खुदा न खास्ता यदी कोई बडी आपदा बरस जाये तो बिना मुखिया के प्रशासन कैसे लोगों तक जल्दी राहत कार्य पहुंचायेगा ये सवालिया निशान सभी की जेहन में तैर रहा है।
बाईट-मातवर सिंह चौहान
बाईट- सोबेन्द्र कुमार
विओ२-जिला प्रशासन नें भले ही कागजों में बडकोट एसडीएम को अतिरिक्त प्रभार सौंपा हो लेकिन हकिकत तो यह है की वो भी यमुनोत्री व गंगोत्री यात्रा काल के चक्कर में बडकोट में ही डटे हैं ,और लोगों का काम सफर हो रहा है।मोरी तहसिल से आनें वाले लोग ८० से १०० किमी सफर करनें के बाद मायुस हो कर लौट रहे हैं
बाईट- मोरी के स्थानिय निवासी Conclusion:विओ३-वक्त रहते यदि शासन प्रशासन नहीं चेता तो आनें वाले दिनों में लोगों को सडकों पर उतरनें को मजबुर होना पडेगा साथ ही आपदा में शासन प्रशासन की किरकिरी होना लाज्मी है।
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