उत्तरकाशी: एक तरफ देश प्रगति की ओर बढ़ रहा है, वहीं दूसरी तरफ अभी भी लिंगभेद की खबरें सामने आती रहती हैं. उत्तरकाशी के 133 गांवों में पिछले तीन महीनों में 216 बच्चों ने जन्म लिया, जिसमें एक भी लड़की नहीं है. इस खबर ने पूरे प्रशासन को हिला कर रख दिया है. डीएम डॉ. आशीष चौहान ने इस मामले में अधिकारियों की एक टीम गठित कर जांच के लिए सभी ब्लॉकों में भेज दिया है, जो एक सप्ताह में रिपोर्ट डीएम को सौंपेंगे.
बता दें कि, उत्तरकाशी जिले के 6 ब्लॉकों के 133 गांवों में पिछले तीन महीनों के आंकड़े चौकाने वाले हैं. जिसके मुताबिक बालिका प्रजनन दर में भारी कमी देखी गई है. जैसे ही ये आंकड़े सामने आए पूरे प्रशासन में अफरा-तफरी मच गई. जिलाधिकारी आशीष चौहान ने रेड जोन आशा नाम से अभियान भी शुरू किया. साथ ही विभागीय अधिकारियों को जांच के आदेश दिए. वहीं, सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी इसके सही तथ्यों की जांच के आदेश दिए.
इस मामले में डीएम आशीष चौहान का कहना है कि एक दूसरी रिपोर्ट भी सामने आई है. जिसमें तीन महीने में 118 गांव में 180 लड़कियों ने जन्म लिया है. लेकिन कुछ स्थानों में पिछले 3 महीने में बालिकाओं के प्रजनन दर में भारी गिरावट देखी गई है. जिसके कारणों की जांच के लिए जिलास्तरीय अधिकारी भेजे गए हैं. जो एक सप्ताह में रिपोर्ट डीएम को सौंपेंगे. इस रिपोर्ट के मीडिया में सार्वजनिक होते ही शासन स्तर पर भी इन हैरान करने वाले आंकड़ो पर विचार विमर्श हुआ.
डीएम डॉ आशीष चौहान का कहना है कि एक रिपोर्ट में 118 गांव में 180 लड़कियों ने जन्म लिया है. जिसको देखते हुए उत्तरकाशी में लिंगानुपात को लेकर ज्यादा गंभीर विषय नहीं है, लेकिन पिछले 3 महीनों में जो रिपोर्ट सामने आई है उसे देखते हुए जल्द से जल्द मामले की जांच की जाएगी. रिपोर्ट आने के बाद ही ये साफ होगा कि लिंगभेद है या ये सब प्राकृतिक है.