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गंगोत्री हाईवे का निरीक्षण करने पहुंची NGT की टीम, भागीरथी नदी में मलबा गिराने पर होगी कार्रवाई - ऑल वेदर रोड

एनजीटी की टीम हर तीन माह में एनएचआईडीसीएल के कार्यों का निरीक्षण करेंगी. साथ ही इसकी मोनिटरिंग भी की जाएगी कि सड़क चौड़ीकरण के दौरान मलबा भागीरथी नदी में तो नहीं गिराया जा रहा.

निरीक्षण करते हुए एनजीटी के अधिकारी
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Published : May 10, 2019, 2:18 PM IST

उत्तरकाशी: नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की चार सदस्यीय टीम गुरुवार को उत्तरकाशी पहुंची. टीम ने एनएचआईडीसीएल के गंगोत्री हाई-वे पर चुंगी बड़ेथी व धरासू में सड़क चौड़ीकरण और पहाड़ी ट्रीटमेंट के कार्यों का निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान टीम में देखा की सड़क चौड़ीकरण के कार्यों से पर्यावरण और भागीरथी को कितना नुकसान हो रहा है.

टीम ने एनएचआईडीसीएल को निर्देश दिए है कि वो पर्यावरण के साथ किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ न करें. टीम निरीक्षण की रिपोर्ट तैयार कर वन एंव पर्यावरण मंत्रालय भारत सरकार को सौंपेगी. चार सदस्यीय टीम में वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के दो एडिशनल डायरेक्टर और प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड भारत सरकार के अधिकारी शामिल थे.

जानकारी के मुताबिक एनजीटी को शिकायत मिली थी कि सड़क चौड़ीकरण और पहाड़ी ट्रीटमेंट का मलबा भागीरथी नदी में गिराया जा रहा है. इसी वजह से एनजीटी की चार सदस्यीय टीम गुरुवार को एनएचआईडीसीएल को कार्यों का बारिकी से निरीक्षण करने उत्तरकाशी आई थी. टीम ने एनएचआईडीसीएल को ट्रीटमेंट से साथ वृक्षारोपण करने के निर्देश भी दिए.

जानकारी के अनुसार एनजीटी की टीम हर तीन माह में एनएचआईडीसीएल के कार्यों का निरीक्षण करेगी. साथ ही इसकी मॉनिटरिंग भी की जाएगी कि सड़क चौड़ीकरण के दौरान मलबा भागीरथी नदी में तो नहीं गिराया जा रहा.

उत्तरकाशी: नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की चार सदस्यीय टीम गुरुवार को उत्तरकाशी पहुंची. टीम ने एनएचआईडीसीएल के गंगोत्री हाई-वे पर चुंगी बड़ेथी व धरासू में सड़क चौड़ीकरण और पहाड़ी ट्रीटमेंट के कार्यों का निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान टीम में देखा की सड़क चौड़ीकरण के कार्यों से पर्यावरण और भागीरथी को कितना नुकसान हो रहा है.

टीम ने एनएचआईडीसीएल को निर्देश दिए है कि वो पर्यावरण के साथ किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ न करें. टीम निरीक्षण की रिपोर्ट तैयार कर वन एंव पर्यावरण मंत्रालय भारत सरकार को सौंपेगी. चार सदस्यीय टीम में वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के दो एडिशनल डायरेक्टर और प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड भारत सरकार के अधिकारी शामिल थे.

जानकारी के मुताबिक एनजीटी को शिकायत मिली थी कि सड़क चौड़ीकरण और पहाड़ी ट्रीटमेंट का मलबा भागीरथी नदी में गिराया जा रहा है. इसी वजह से एनजीटी की चार सदस्यीय टीम गुरुवार को एनएचआईडीसीएल को कार्यों का बारिकी से निरीक्षण करने उत्तरकाशी आई थी. टीम ने एनएचआईडीसीएल को ट्रीटमेंट से साथ वृक्षारोपण करने के निर्देश भी दिए.

जानकारी के अनुसार एनजीटी की टीम हर तीन माह में एनएचआईडीसीएल के कार्यों का निरीक्षण करेगी. साथ ही इसकी मॉनिटरिंग भी की जाएगी कि सड़क चौड़ीकरण के दौरान मलबा भागीरथी नदी में तो नहीं गिराया जा रहा.

Intro:हेडलाइन- एनजीटी की टीम का निरीक्षण। नोट- इस खबर की वीडियो मेल से भेजी गई है। उत्तरकाशी। गुरुवार को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की चार सदस्यीय टीम ने उत्तरकाशी में चल रहे एनएचएआईडीसीएल के गंगोत्री हाईवे पर चुंगी बड़ेथी और धरासू में चौड़ीकरण और पहाड़ी ट्रीटमेंट के कार्यों का निरीक्षण किया। टीम में मीडिया से दूरी बनाए रखी। वहीं जानकारी के अनुसार टीम ने एनएचआईडीसीएल के कार्यों का निरीक्षण किया कि सड़क चौड़ीकरण के कार्यों से पर्यावरण और भागीरथी को कितना नुकसान हो रहा है। टीम ने एनएचएआईडीसीएल के अधिकारियों को निर्देशित किया कि अगर पर्यावरण के साथ किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ न की जाए। साथ ही वह निरीक्षण की रिपोर्ट तैयार कर वन एवं पर्यावरण मंत्रालय भारत सरकार को सौपेंगे।


Body:वीओ-1, गुरुवार को एनजीटी की चार सदस्यीय टीम में वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के दो एडिशनल डायरेक्टर सहित प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड भारत सरकार ने उत्तरकाशी में धरासू सहित चुंगी बड़ेथी में चल रहे एनएचआईडीसीएल के कार्यों का निरीक्षण किया। जानकारी के अनुसार एनजीटी के पास कई बार शिकायत गई थी। कि विभाग सड़क चौड़ीकरण और पहाड़ी ट्रीटमेंट के बाद मलबा भागीरथी नदी में गिराया जा रहा है। जिसको लेकर एनजीटी के सदस्यों की टीम ने एनएचआईडीसीएल के कार्यों का बारीकी से निरीक्षण किया और साथ ही ट्रीटमेंट कार्यों के साथ वृक्षारोपण करने के निर्देश भी दिए।


Conclusion:वीओ-2, सूत्रों की माने तो एनजीटी की टीम हर तीन माह में एनएचआईडीसीएल के कार्यों का निरीक्षण करेगी। साथ ही इसकी भी मोनिटरिंग की जाएगी कि सड़क चौड़ीकरण के दौरान भागीरथी में मलबा न गिराया जाए। साथ ही निरीक्षण के बाद टीम रिपोर्ट तैयार कर वन एवं पर्यावरण मंत्रालय भारत सरकार को सौपेंगी।
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