उत्तरकाशी: देवभूमि उत्तराखंड अपनी खूबसूरती और धार्मिक स्थलों (Uttarakhand Tourism) के लिए देश-विदेश में विख्यात है. हर साल उत्तराखंड की हसीन वादियों का दीदार करने देश-विदेश से सैलानी यहां पहुंचते हैं. वहीं उत्तरकाशी जनपद में शासन-प्रशासन सहित स्थानीय ग्रामीण अपने संसाधनों से शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा दे रहे हैं. दयारा बुग्याल का बेस कैंप बारसू गांव (Uttarkashi Barsu Village) में नए साल के लिए सभी होटल, होम स्टे और GMVN के गेस्ट हाउस की बुकिंग लगभग फुल हो गई है.
नए साल के स्वागत के लिए पर्यटक काफी तादाद में बारसू गांव का रुख कर रहे हैं. बारसू के पर्यटन व्यवसायियों का कहना है कि कोरोनाकाल के बाद इस साल बारसू गांव में पर्यटकों की अच्छी आवाजाही हो रही है. वहीं शीतकाल में बर्फ गिरने के साथ ही पर्यटकों की संख्या में इजाफा हो सकता है.
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पर्यटन ग्राम बारसू में दयारा रिसोर्ट के ऑनर होटल व्यवसायी जगमोहन सिंह रावत का कहना है कि क्रिसमस से लेकर नव वर्ष तक उनके होटल और होम स्टे की बुकिंग फुल हो चुकी है. उन्होंने कहा कि अगर बर्फबारी होती है तो पर्यटकों की संख्या में इजाफा होगा.जगमोहन रावत बताते हैं कि जिस प्रकार से शीतकाल में पर्यटक बारसू गांव पहुंच रहे हैं. उससे स्थानीय लोगों को भी रोजगार मिल रहा है. बारसू गांव में अधिकांश लोगों का रोजगार पर्यटन से जुड़ा हुआ है.
पर्यटन ग्राम बारसू विश्व प्रसिद्ध दयारा बुग्याल का बेस कैंप है. यहां से दयारा बुग्याल की दूरी करीब 8 किमी ट्रैकिंग से पहुंचा जा सकता है. साथ ही बारसू गांव से 3 किमी की दूरी पर बरनाला टॉप स्थित हैं . जहां पर्यटन विभाग और NIM बर्फबारी के बाद स्नो स्कीइंग का आयोजन कराते हैं. उन्होंने आगे बताया कि गांव के समीप एक झरना है, जिसके सौंदर्यीकरण के लिए ग्रामीण लंबे समय से मांग कर रहे हैं. लेकिन अभी तक शासन प्रशासन की ओर से इसके सौंदर्यीकरण के लिए कोई कदम नहीं उठाए गए हैं.
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बारसू गांव उत्तरकाशी जनपद मुख्यालय से 40 किमी की दूरी पर स्थित है. बारसू गांव पहुंचने के लिए दिल्ली से देहरादून तक हवाई जहाज या बस से पहुंचा जा सकता है. इसके बाद देहरादून से उत्तरकाशी करीब 175 किमी बस या टैक्सी से पहुंचा जा सकता है. ऋषिकेश से उत्तरकाशी करीब 200 किमी दूरी पर है. रात्री विश्राम उत्तरकाशी में करने के बाद अगले दिन टैक्सी से 40 किमी दूर बारसू गांव पहुंचा जा सकता है.