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CDS बिपिन रावत के ननिहाल में पसरा मातम, पहाड़ में बसने का किया था वादा

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) बिपिन रावत के निधन की खबर सुनते ही उत्तराखंड में शोक व्याप्त है. उनके ननिताल थाती गांव उत्तरकाशी में मातम पसरा हुआ है. बिपिन रावत दो साल पहले थाती गांव आए थे, तब उन्होंने ग्रामीणों से वादा किया था कि रिटायरमेंट के बाद वे पहाड़ में आकर बसेंगे और अपनी सरकारों के साथ मिलकर पहाड़ की उच्च शिक्षा पर कार्य करेंगे.

Bipin Rawat
CDS बिपिन रावत
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Published : Dec 8, 2021, 7:59 PM IST

Updated : Dec 8, 2021, 8:16 PM IST

उत्तरकाशी: चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) बिपिन रावत का बुधवार को तमिलनाडु के कुन्नूर में हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया. इस हादसे में सीडीएस बिपिन रावत और उनकी पत्नी समेत 14 अधिकारियों और जवानों का निधन हो गया. सीडीएस बिपिन रावत के निधन की खबर सुनते ही उनके ननिहाल में मातम छा गया. सीडीएस बिपिन रावत के ननिहाल में हर किसी आंखें नम हैं.

सीडीएस बिपिन रावत उत्तराखंड के पौड़ी जिले के रहने वाले थे. उनका ननिहाल उत्तरकाशी जिले के थाती गांव में है. थाती गांव के लोगों को जैसे ही उनके हेलीकॉप्टर क्रैश होने की खबर मिली है, वे बेचैन हो गए थे. सीडीएस बिपिन रावत को बचाने की उम्मीद में उनके परिजन और गांव के सभी लोग भगवान के प्रार्थना कर रहे थे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और शाम को उनके निधन की खबर आई.

CDS बिपिन रावत के ननिहाल में पसरा मातम

पढ़ें- CDS बिपिन रावत के गांव में पसरा सन्नाटा, गमगीन हुआ माहौल

सीडीएस बिपिन रावत के ननिहाल थाती गांव में उनके ममेरे भाई रहते हैं. दो साल पहले सीडीएस बिपिन रावत थाती गांव आए थे. यहां उन्होंने अपने ममेरे भाई और उनके परिवार से मुलाकात की थी. सीडीएस बिपिन रावत के ममेरे भाई नरेंद्र परमार ने बताया कि सितंबर 2019 में बिपिन रावत अपनी पत्नी के साथ थाती गांव आए थे. यहां ग्रामीणों ने उनका जोरदार स्वागत किया था.

नरेंद्र परमार ने बताया कि इस दौरान उन्होंने ग्रामीणों के साथ अपने बचपन की बातें शेयर की थी. साथ ही कहा था कि रिटायरमेंट के बाद वे पहाड़ में आकर बसेंगे और अपनी सरकारों के साथ मिलकर पहाड़ की उच्च शिक्षा पर कार्य करेंगे.

पढ़ें- CDS Bipin Rawat: काउंटर इंसर्जेंसी ऑपरेशन के माहिर, ऊंचाई पर जंग लड़ने के एक्सपर्ट

थाती गांव के पूर्व प्रधान और CDS के ममेरे भाई गिरवीर परमार ने कहा कि घटना के बाद से पूरा गांव CDS बिपिन रावत की कुशलता के लिए भगवान से प्रार्थना कर रहा था, लेकिन देर शाम को उनके निधन की खबर आई. CDS के ममेरे भाई नरेंद्र परमार बीमारी के इलाज के चलते देहरादून में हैं.

उत्तरकाशी: चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) बिपिन रावत का बुधवार को तमिलनाडु के कुन्नूर में हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया. इस हादसे में सीडीएस बिपिन रावत और उनकी पत्नी समेत 14 अधिकारियों और जवानों का निधन हो गया. सीडीएस बिपिन रावत के निधन की खबर सुनते ही उनके ननिहाल में मातम छा गया. सीडीएस बिपिन रावत के ननिहाल में हर किसी आंखें नम हैं.

सीडीएस बिपिन रावत उत्तराखंड के पौड़ी जिले के रहने वाले थे. उनका ननिहाल उत्तरकाशी जिले के थाती गांव में है. थाती गांव के लोगों को जैसे ही उनके हेलीकॉप्टर क्रैश होने की खबर मिली है, वे बेचैन हो गए थे. सीडीएस बिपिन रावत को बचाने की उम्मीद में उनके परिजन और गांव के सभी लोग भगवान के प्रार्थना कर रहे थे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और शाम को उनके निधन की खबर आई.

CDS बिपिन रावत के ननिहाल में पसरा मातम

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सीडीएस बिपिन रावत के ननिहाल थाती गांव में उनके ममेरे भाई रहते हैं. दो साल पहले सीडीएस बिपिन रावत थाती गांव आए थे. यहां उन्होंने अपने ममेरे भाई और उनके परिवार से मुलाकात की थी. सीडीएस बिपिन रावत के ममेरे भाई नरेंद्र परमार ने बताया कि सितंबर 2019 में बिपिन रावत अपनी पत्नी के साथ थाती गांव आए थे. यहां ग्रामीणों ने उनका जोरदार स्वागत किया था.

नरेंद्र परमार ने बताया कि इस दौरान उन्होंने ग्रामीणों के साथ अपने बचपन की बातें शेयर की थी. साथ ही कहा था कि रिटायरमेंट के बाद वे पहाड़ में आकर बसेंगे और अपनी सरकारों के साथ मिलकर पहाड़ की उच्च शिक्षा पर कार्य करेंगे.

पढ़ें- CDS Bipin Rawat: काउंटर इंसर्जेंसी ऑपरेशन के माहिर, ऊंचाई पर जंग लड़ने के एक्सपर्ट

थाती गांव के पूर्व प्रधान और CDS के ममेरे भाई गिरवीर परमार ने कहा कि घटना के बाद से पूरा गांव CDS बिपिन रावत की कुशलता के लिए भगवान से प्रार्थना कर रहा था, लेकिन देर शाम को उनके निधन की खबर आई. CDS के ममेरे भाई नरेंद्र परमार बीमारी के इलाज के चलते देहरादून में हैं.

Last Updated : Dec 8, 2021, 8:16 PM IST
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