उत्तरकाशी: देवस्थानम प्रबधन विधेयक के विरोध में गंगोत्री धाम में पुरोहितों का धरना जारी है. जिसे देखते हुए रविवार को जिला प्रशासन, देवस्थानम बोर्ड की टीम के सदस्यों और गंगोत्री धाम मन्दिर समिति के पदाधिकारियों, पुरोहित समाज की एक बैठक आयोजित की गई. जिसमें गंगोत्री विधायक गोपाल रावत भी मौजूद रहे. बैठक में गंगोत्री धाम के पुरोहितों ने कहा कि जब तक उनके हक हकूकों के साथ न्याय नहीं होगा, तब तक वह देवस्थानम बोर्ड की टीम को गंगोत्री में प्रवेश नहीं करने देंगे. जिस पर उत्तरकाशी डीएम ने गंगोत्री धाम के पुरोहितों को एक सप्ताह के भीतर अपनी सभी समस्याओं को उन्हें लिखित रूप में देने को कहा.
बता दें बीती 16 दिसम्बर को देवस्थानम बोर्ड की एक टीम उत्तरकाशी जनपद पहुंची थी. जिसके बाद लगातार चर्चाएं होने लगी कि देवस्थानम बोर्ड की टीम गंगोत्री धाम के दान पात्रों को अपने कब्जे में ले लेगी. इन सब खबरों को लेकर गंगोत्री धाम के पुरोहितों के बीच काफी रोष था.
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जिसके बाद पुरोहित समाज किसी भी हद तक लड़ाई लड़ने को तैयार था. इस स्थिति को भांपते हुए पुरोहितों के गांव पहुंचे गंगोत्री विधायक गोपाल रावत ने जिला प्रशासन से बात कर देवस्थानम बोर्ड की टीम को जनपद मुख्यालय में रोकने की बात कही.
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जिसके बाद रविवार को जिला सभागार में एक बैठक का आयोजन किया गया. जिसमें डीएम मयूर दीक्षित के निवेदन पर गंगोत्री धाम मन्दिर समिति और प्रशासन के बीच गंगोत्री धाम में चल रहे धरने को सोमवार से स्थगित करने पर सहमति बनी. साथ ही बैठक में गंगोत्री धाम मन्दिर समिति और पुरोहितों ने कहा कि अगर जबरन उनके हक हकूकों और अधिकार छीनने का प्रयास किया जाएगा, तो वे इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे. जिस पर डीएम ने पुरोहितों समाज से एक हफ्ते में अपनी समस्याओं को लिखित रूप में देने को कहा.