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2013 आपदा के जख्मों से लड़कर बचाई थी सैकड़ों की जान, हौसला देती है ममता की कहानी - महिला सशक्तिकरण

पहाड़ की एक बेटी ऐसी जिसेके जज्बे को सदी ने महानायक ने भी सलाम किया. पहाड़ की इस बेटी ने 2013 आपदा के समय अपने साहस का परिचय देते हुए कैंप में फंसे कई बच्चों को सुरक्षित पहुंचाया था.

ममता ने आपदा में बचाई 40 बच्चों की जान.
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Published : Mar 4, 2019, 8:48 PM IST

उत्तरकाशी: कहते हैं पहाड़ का जीवन पहाड़ से लड़ना सिखा ही देता है. हालातों से जूझती कुछ ऐसी ही कहानी उत्तरकाशी के आपदा प्रभावित गांव भकोली की रहने वाली ममता रावत की भी है. आपदा के दिये जख्मों से लड़कर भी आज ममता जीवन में नई ऊंचाइयां छू रही हैं. मुसीबतों से लड़ने के ममता के इस जज्बे की सदी के महानायक अमिताभ बच्चन भी सराहना कर चुके हैं. हालातों से लड़कर हौसलों की नई उड़ान भरने वाली ममता रावत से ईटीवी भारत संवाददाता विपिन नेगी ने खास बातचीत की.


ममता रावत उत्तरकाशी के आपदा प्रभावित गांव भकोली की रहने वाली हैं. ममता ने 2013 आपदा के समय अपने साहस का परिचय देते हुए कैंप में फंसे कई बच्चों को सुरक्षित पहुंचाया था. साथ ही इस दौरान कई यात्रियों की जान भी बचाई थी. ममता के इस काम के लिए सदी के महानायक अमिताभ बच्चन ने 'आज की रात है जिंदगी' सीरियल में ममता को सम्मानित करते हुए उनके जज्बे को सलाम किया था.

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ममता ने आपदा में बचाई 40 बच्चों की जान.


ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए ममता रावत ने अपनी आपबीती और आपदा के दर्द को बयां किया. ममता ने बताया कि 2012 में आई आपदा के दौरान उनकी मां बीमार थीं. उन्हें अस्पताल ले जाने के लिए उन्हें उस वक्त कोई सहारा नहीं मिला. ये टीस हमेशा से ही उनके मन में थी. जिसके बाद उन्होंने 2013 आपदा का मंजर देखा. इस दौरान उन्होंने देखा कि कई बच्चे और यात्री आपदा के कारण फंसे हुए हैं. जिसके बाद ममता ने 40 बच्चों के साथ कई यात्रियों की मदद कर उन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया. ममता ने कहा कि उन्होंने एनआईएम से बेसिक और रेस्क्यू कोर्स किया था, जिसका इस दौरान उन्हें काफी फायदा मिला.


साल 2015 में ममता को अमिताभ बच्चन के शो 'आज की रात है जिंदगी' में बुलाया गया. जहां बिग बी ने उन्हें सम्मानित किया. ममता ने बताया कि वह हमेशा से गायक बनना चाहती थीं लेकिन छोटी उम्र में ही पिता के चले जाने और गरीबी ने उनका यह सपना भी तोड़ दिया था. ममता ने कहा जब वो अमिताभ बच्चन के सामने थीं तो वे खुद को गाने से नहीं रोक पाई थी. उन्होंने 'बेडू पाको बारामासा' गाना गाकर शो में मौजूद सभी लोगों का दिल जीत लिया था.

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अपने हौसले के दम पर आज युवाओं को नई दिशा देने के साथ ही महिला सशक्तिकरण की मुहिम में जुटी हैं. ममता उत्तरकाशी के रैथल गांव में पर्यटन, कृषि-बागवानी और स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के मेगा प्रोजेक्ट पर काम कर रही हैं. साथ ही ममता स्थानीय युवतियों और महिलाओं के सहयोग से इसे अंजाम तक पहुंचाने की कोशिश कर रही हैं.

उत्तरकाशी: कहते हैं पहाड़ का जीवन पहाड़ से लड़ना सिखा ही देता है. हालातों से जूझती कुछ ऐसी ही कहानी उत्तरकाशी के आपदा प्रभावित गांव भकोली की रहने वाली ममता रावत की भी है. आपदा के दिये जख्मों से लड़कर भी आज ममता जीवन में नई ऊंचाइयां छू रही हैं. मुसीबतों से लड़ने के ममता के इस जज्बे की सदी के महानायक अमिताभ बच्चन भी सराहना कर चुके हैं. हालातों से लड़कर हौसलों की नई उड़ान भरने वाली ममता रावत से ईटीवी भारत संवाददाता विपिन नेगी ने खास बातचीत की.


ममता रावत उत्तरकाशी के आपदा प्रभावित गांव भकोली की रहने वाली हैं. ममता ने 2013 आपदा के समय अपने साहस का परिचय देते हुए कैंप में फंसे कई बच्चों को सुरक्षित पहुंचाया था. साथ ही इस दौरान कई यात्रियों की जान भी बचाई थी. ममता के इस काम के लिए सदी के महानायक अमिताभ बच्चन ने 'आज की रात है जिंदगी' सीरियल में ममता को सम्मानित करते हुए उनके जज्बे को सलाम किया था.

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ममता ने आपदा में बचाई 40 बच्चों की जान.


ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए ममता रावत ने अपनी आपबीती और आपदा के दर्द को बयां किया. ममता ने बताया कि 2012 में आई आपदा के दौरान उनकी मां बीमार थीं. उन्हें अस्पताल ले जाने के लिए उन्हें उस वक्त कोई सहारा नहीं मिला. ये टीस हमेशा से ही उनके मन में थी. जिसके बाद उन्होंने 2013 आपदा का मंजर देखा. इस दौरान उन्होंने देखा कि कई बच्चे और यात्री आपदा के कारण फंसे हुए हैं. जिसके बाद ममता ने 40 बच्चों के साथ कई यात्रियों की मदद कर उन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया. ममता ने कहा कि उन्होंने एनआईएम से बेसिक और रेस्क्यू कोर्स किया था, जिसका इस दौरान उन्हें काफी फायदा मिला.


साल 2015 में ममता को अमिताभ बच्चन के शो 'आज की रात है जिंदगी' में बुलाया गया. जहां बिग बी ने उन्हें सम्मानित किया. ममता ने बताया कि वह हमेशा से गायक बनना चाहती थीं लेकिन छोटी उम्र में ही पिता के चले जाने और गरीबी ने उनका यह सपना भी तोड़ दिया था. ममता ने कहा जब वो अमिताभ बच्चन के सामने थीं तो वे खुद को गाने से नहीं रोक पाई थी. उन्होंने 'बेडू पाको बारामासा' गाना गाकर शो में मौजूद सभी लोगों का दिल जीत लिया था.

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अपने हौसले के दम पर आज युवाओं को नई दिशा देने के साथ ही महिला सशक्तिकरण की मुहिम में जुटी हैं. ममता उत्तरकाशी के रैथल गांव में पर्यटन, कृषि-बागवानी और स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के मेगा प्रोजेक्ट पर काम कर रही हैं. साथ ही ममता स्थानीय युवतियों और महिलाओं के सहयोग से इसे अंजाम तक पहुंचाने की कोशिश कर रही हैं.

Intro:uki_mamta rawat interview_04 march 2019. उत्तरकाशी। कहते हैं कि पहाड़ का जीवन पहाड़ से लड़ना सीखा देता है। ऐसी ही कहानी है उत्तरकाशी के आपदा प्रभावित गांव भंकोली की ममता रावत की। जिन्हें आपदा ने इतने जख्म दिए कि उसी आपदा से लड़ कर आज वह सीधा साधा जीवन जी कर नई ऊंचाइयों को छू रहीं है। ममता के साहस को सदी के अभिनायक अमिताभ बच्चन ने भी सराहा और आज की रात है जिंदगी सीरियल में सम्मानित किया था। ममता ने 2013 की आपदा को दौरान कैम्प में फंसे बच्चों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया था साथ ही कई अन्य यात्रियों को भी सुरक्षित बचाया था। ममता के गांव भंकोली में अभी भी सड़क की सुविधा नहीं हैं।


Body:वीओ- 1 ममता रावत ने etv bharat से बातचीत में बताया कि वर्ष 2012 की आपदा के दौरान उन्हें अपनी माँ को अस्पताल पहुंचाने के लिए कोई मदद नहीं मिली थी। यही टीस मन मे थी कि 2013 की भयावह आपदा में ममता ने 40 बच्चों के साथ अन्य कई यात्रियों को सुरक्षित बचाया। ममता ने कहा कि उन्होंने एनआईएम से बेसिक और रेस्क्यू कोर्स किया था। वह भी बहुत काम आया। साथ ही यह भी मन मे था कि में भी एक दिन आपदा में फंसे लोगों की तरह लाचार थी। इसलिए मन मे यह था कि टूटते पहाड़ो के बीच एक वीरांगना की तरह बस आपदा में फंसे लोगों को बचाना है।


Conclusion:वीओ- 2, ममता रावत ने बताया कि वर्ष 2015 में उन्हें अमिताभ बच्चन के शो आज की रात है जिंदगी में बुलाकर बिग बी ने सम्मानित किया। ममता ने बताया कि वह हमेशा से गायक बनना चाहती थी। लेकिन पिता का साया न होने की गरीबी ने उनका यह सपना भी तोड़ दिया था। उसके बाद जब अमिताभ बच्चन के सामने गाने का मौका मिला । तो ममता अपने आप को रोक नहीं पाई। और गढ़वाल का फेडो पाको बारामासा गाना गाकर बिग बी का दिल जीत लिया है। अब ममता जनपद के सामाजिक कार्यों से जुड़ी हैं। वहीं ग्रामीण महिलाओं को सशक्त करने का कार्य कर रही हैं। 1 टू 1 ममता रावत।
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