उत्तरकाशी: मां गंगा अपने शीतकालीन प्रवास मुखबा स्थित गंगा मंदिर में विराजमान हो चुकी हैं. मां गंगा की भोगमूर्ति उत्सव डोली के पहुंचने पर ग्रामीण बेटी की तरह मां गंगा का स्वागत कर रहे हैं और पूजा-अर्चना कर रहे हैं. अब 6 महीने तक मां गंगा के दर्शन यहीं पर होंगे. गंगोत्री धाम के तीर्थ पुरोहितों ने श्रद्धालुओं से शीतकाल में मां गंगा के दर्शन के मुखबा गांव में आने की अपील की है.
5 नवंबर शुक्रवार को गंगोत्री धाम के कपाट बंद होने के बाद मां गंगा की भोगमूर्ति उत्सव डोली रात्री विश्राम के लिए मार्कण्डेय स्थित भगवती के मंदिर पहुंची, जहां से मां गंगा की उत्सव डोली शनिवार दोपहर में अपने शीतकालीन प्रवास मुखबा गांव के लिए रवाना हो गई. मां गंगा के स्वागत के लिए सभी ग्रामीण गांव के मुख्य गेट पर एकत्रित हुए, जहां पर महिलाओं और ग्रामीणों ने धूप-अगरबत्ती और फूलों से मां गंगा की पूजा-अर्चना की.
मां गंगा की भोगमूर्ति अपने शीतकालीन प्रवास मुखबा स्थित गंगा मंदिर में विराजमान हो चुकी हैं, जहां पर ग्रामीण बेटी की तरह मां गंगा का स्वागत करते हैं और 3 दिन तक मां की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं. इस दौरान ग्रामीणों में खासा उत्साह देखने को मिलता है, क्योंकि 6 महीने मां गंगा तीर्थ पुरोहित और ग्रामीणों के साथ मुखबा गांव में प्रवास करती हैं.
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बता दें, 5 नवंबर को अन्नूकूट पर्व पर गंगोत्री धाम के कपाट 11 बजकर 45 मिनट पर 6 माह के लिए बंद हो गए थे. साथ ही आज भैयादूज के अवसर पर मां यमुना जी के यमुनोत्री धाम के कपाट अभिजीत मुहूर्त में 12 बजकर 15 मिनट पर शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं. आज शाम को मां यमुना जी की भोगमूर्ति उत्सव डोली खरसाली गांव पहुंचेगी.