ETV Bharat / state

विधि-विधान के साथ खुले डोडीताल में मां अन्नपूर्णा मंदिर के कपाट, यहीं हुआ था भगवान गणेश का जन्म

author img

By

Published : Apr 19, 2022, 8:01 PM IST

Updated : May 17, 2022, 1:18 PM IST

डोडीताल स्थिति मां अन्नपूर्णा मंदिर के कपाट (ma annapurna temple doors opened) आज भक्तों के लिए खोल दिए गए हैं. इस स्थान की मान्यता भगवान गणेश से जुड़ी है. इस स्थान को भगवान गणेश की जन्मस्थली भी कहते हैं. यहीं पर भगवान शिव और गणेश जी का युद्ध हुआ था.

birth place of lord ganesh
मां अन्नपूर्णा मंदिर के कपाट

उत्तरकाशी: असी गंगा का उद्गम स्थल और भगवान गणेश की जन्मस्थली (birth place of lord ganesh) डोडीताल स्थिति मां अन्नपूर्णा मंदिर के कपाट आज 19 अप्रैल को विधि-विधान के साथ सुबह 11.15 बजे आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए (ma annapurna temple doors opened) गए हैं. कपाट खुलने के बाद श्रद्धालुओं ने मां अन्नपूर्णा के दर्शन किए. अब अगले 6 महीनों तक भक्त मां अन्नपूर्णा मंदिर के दर्शन कर सकते हैं.

डोडीताल स्थित मां अन्नपूर्णा मंदिर के कपाट हर साल शीतकाल के लिए छह माह तक बंद किए जाते हैं, जिन्हें बैसाख कृष्ण पक्ष चतुर्दशी के अवसर पर दोबारा श्रद्धालुओं के लिए खोला जाता है. इसी क्रम में आज सुबह 11.15 बजे विशेष पूजा अर्चना के साथ मंदिर के कपाट खोले गए. इस अवसर पर असी गंगा घाटी के क्षेत्र की विभिन्न देव डोलियों के साथ पहुंचे ग्रामीणों ने डोडीताल झील में स्नान कर मां अन्नपूर्णा व भगवान गणेश का आशीर्वाद लिया.
पढ़ें- एक बार फिर लोगों तक पहुंचेगी कौसानी की चाय की महक, बंद पड़ी फैक्ट्री को खोलने की कवायद

भगवान गणेश की जन्मस्थली: डोडीताल को गणेश भगवान की जन्मस्थली कहा जाता है. मान्यता के अनुसार मां अन्नपूर्णा डोडीताल में स्नान के लिए आई थीं. यहीं पर उन्होंने भगवान गणेश को जन्म दिया था और स्नान के लिए गणेश को द्वारपाल बनाकर खड़ा किया था. मां अन्नपूर्णा ने गणेश जी आदेश दिया था कि वे किसी को भी अंदर न आने दी. कहा जाता है कि यहीं पर भगवान शिव को गणेश ने रोका था. इससे भगवान शिव क्रोधित हो गए और दोनों के बीच युद्ध शुरू हो गया. क्रोध में आकर भगवान शिव ने गणेश जी का सिर को धड़ से अलग कर दिया था.

खुले डोडीताल में मां अन्नपूर्णा मंदिर के कपाट.

डोडीताल 3,310 मीटर की ऊंचाई पर उच्च पहाड़ों के बीच घिरा हुआ है, यहां पर एक पन्ना झील है. यह ताल अपनी शांत और सुन्दर वातावरण के कारण उत्तर भारत के सबसे खूबसूरत उच्च ऊंचाई झीलों में से एक है. डोडीताल का नाम दुर्लभ हिमालय ब्राउन ट्राउन प्रजाति की मछलियों के नाम से रखा गया है. बताया जाता है कि रियासत काल में कुछ विदेशी पर्यटकों ने झील में ब्राउन ट्राउन मछलियां पन पाई थी. यह झील बहुत कम जल निकायों में से एक हैं, जहां हिमालयी ब्राउन ट्राउट पाए जाते हैं.

कैसे पहुंचे डोडीताल: आपको सबसे पहले बस और टैक्सी के जरिए दिल्ली या देहरादून से सीधे जिला मुख्यालय उत्तरकाशी पहुंचाना होगा. यहां से आप सड़क मार्ग से 20 दूर अगोड़ा गांव पहुंचे. इसके बाद 18 किमी का पैदल ट्रैक को पार कर डोडीताल पहुंचा जा सकता है. अगोड़ा गांव में रुकने की व्यवस्था है. यहां पर कई होम स्टे बने हुए है, जहां आप पहाड़ की जीवनशैली से रूबरू हो सकते हैं.

उत्तरकाशी: असी गंगा का उद्गम स्थल और भगवान गणेश की जन्मस्थली (birth place of lord ganesh) डोडीताल स्थिति मां अन्नपूर्णा मंदिर के कपाट आज 19 अप्रैल को विधि-विधान के साथ सुबह 11.15 बजे आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए (ma annapurna temple doors opened) गए हैं. कपाट खुलने के बाद श्रद्धालुओं ने मां अन्नपूर्णा के दर्शन किए. अब अगले 6 महीनों तक भक्त मां अन्नपूर्णा मंदिर के दर्शन कर सकते हैं.

डोडीताल स्थित मां अन्नपूर्णा मंदिर के कपाट हर साल शीतकाल के लिए छह माह तक बंद किए जाते हैं, जिन्हें बैसाख कृष्ण पक्ष चतुर्दशी के अवसर पर दोबारा श्रद्धालुओं के लिए खोला जाता है. इसी क्रम में आज सुबह 11.15 बजे विशेष पूजा अर्चना के साथ मंदिर के कपाट खोले गए. इस अवसर पर असी गंगा घाटी के क्षेत्र की विभिन्न देव डोलियों के साथ पहुंचे ग्रामीणों ने डोडीताल झील में स्नान कर मां अन्नपूर्णा व भगवान गणेश का आशीर्वाद लिया.
पढ़ें- एक बार फिर लोगों तक पहुंचेगी कौसानी की चाय की महक, बंद पड़ी फैक्ट्री को खोलने की कवायद

भगवान गणेश की जन्मस्थली: डोडीताल को गणेश भगवान की जन्मस्थली कहा जाता है. मान्यता के अनुसार मां अन्नपूर्णा डोडीताल में स्नान के लिए आई थीं. यहीं पर उन्होंने भगवान गणेश को जन्म दिया था और स्नान के लिए गणेश को द्वारपाल बनाकर खड़ा किया था. मां अन्नपूर्णा ने गणेश जी आदेश दिया था कि वे किसी को भी अंदर न आने दी. कहा जाता है कि यहीं पर भगवान शिव को गणेश ने रोका था. इससे भगवान शिव क्रोधित हो गए और दोनों के बीच युद्ध शुरू हो गया. क्रोध में आकर भगवान शिव ने गणेश जी का सिर को धड़ से अलग कर दिया था.

खुले डोडीताल में मां अन्नपूर्णा मंदिर के कपाट.

डोडीताल 3,310 मीटर की ऊंचाई पर उच्च पहाड़ों के बीच घिरा हुआ है, यहां पर एक पन्ना झील है. यह ताल अपनी शांत और सुन्दर वातावरण के कारण उत्तर भारत के सबसे खूबसूरत उच्च ऊंचाई झीलों में से एक है. डोडीताल का नाम दुर्लभ हिमालय ब्राउन ट्राउन प्रजाति की मछलियों के नाम से रखा गया है. बताया जाता है कि रियासत काल में कुछ विदेशी पर्यटकों ने झील में ब्राउन ट्राउन मछलियां पन पाई थी. यह झील बहुत कम जल निकायों में से एक हैं, जहां हिमालयी ब्राउन ट्राउट पाए जाते हैं.

कैसे पहुंचे डोडीताल: आपको सबसे पहले बस और टैक्सी के जरिए दिल्ली या देहरादून से सीधे जिला मुख्यालय उत्तरकाशी पहुंचाना होगा. यहां से आप सड़क मार्ग से 20 दूर अगोड़ा गांव पहुंचे. इसके बाद 18 किमी का पैदल ट्रैक को पार कर डोडीताल पहुंचा जा सकता है. अगोड़ा गांव में रुकने की व्यवस्था है. यहां पर कई होम स्टे बने हुए है, जहां आप पहाड़ की जीवनशैली से रूबरू हो सकते हैं.

Last Updated : May 17, 2022, 1:18 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.