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उत्तरकाशी: 4 महीने से हॉस्पिटल में तैनात नहीं डॉक्टर, मरीजों को हो रही परेशानी

उत्तराकाशी जिले के राजकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बनचौरा में पिछले चार महीने से डॉक्टर तैनात नहीं है. जिस कारण यहां आने वाले मरीजों को प्राथमिक उपचार भी नहीं मिल पा रहा है.

4 महीने से हॉस्पिटल में तैनात नहीं डॉक्टर,
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Published : Apr 1, 2019, 9:48 AM IST

Updated : Apr 1, 2019, 12:36 PM IST

उत्तरकाशी: उत्तराखंड में सरकार हर साल स्वास्थ्य सेवाओं के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च करती है, ताकि सूबे की जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिल सकें, लेकिन सच्चाई कुछ और ही बयां कर रही है. उत्तराकाशी जिले के राजकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बनचौरा में पिछले चार महीने से डॉक्टर तैनात नहीं है. जिस कारण यहां आने वाले मरीजों को प्राथमिक उपचार भी नहीं मिल पा रहा है.

4 महीने से हॉस्पिटल में तैनात नहीं डॉक्टर,

पढ़ें-गंगोत्री हाई-वे समेत कई मार्गों पर बढ़ा हिमस्खलन का खतरा, नेलांग रोड पर एवलांच ने बढ़ाई मुसीबत

दरअसल, रविवार दोपहर को दिवारीखोल निवासी महेश बाइक से बाजार जा रहा था, तभी बीच रास्ते में उसकी बाइक 50 मीटर गहरी खाई में गिर जाती है. इस हादसे में बाइक सवार घायल हो जाता है. जिसे स्थानीय लोगों की मदद से राजकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बनचौरा ने ले जाया गया, लेकिन यहां घायल को यह कहकर हायर सेंटर के लिए रेफर कर दिया जाता है कि उसके किसी प्रकार की खुली चोट नहीं है.

पढ़ें-बीजेपी प्रत्याशियों का नहीं कोई आपराधिक रिकॉर्ड, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पर लंबित कई मामले

स्थानीय लोगों की मानें तो यहां पिछले चार महीने से डॉक्टर नहीं है. यदि इमरजेंसी में यहां किसी मरीज को लाया जाता है तो यहां का स्टाफ उसे हायर सेंटर रेफर कर देता है. ऐसा ही रविवार को भी हुआ. जब सड़क दुर्घटना में घायल हुए युवक को प्राथमिक उपचार के लिए यहां लाया गया तो स्टाफ ने बिना प्राथमिक उपचार दिए उसे हायर सेंटर रेफर कर दिया. हालांकि स्वास्थ्य केंद्र में मौजूद वार्ड बाय ने बताया कि घायल युवक को किसी तरह की खुली चोट नहीं लगी थी. इसलिए उसे हायर सेंटर रेफर कर दिया गया है. यदि उसको खुली चोट लगी होती तो उसे प्राथमिक उपचार दिया जाता.

उत्तरकाशी: उत्तराखंड में सरकार हर साल स्वास्थ्य सेवाओं के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च करती है, ताकि सूबे की जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिल सकें, लेकिन सच्चाई कुछ और ही बयां कर रही है. उत्तराकाशी जिले के राजकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बनचौरा में पिछले चार महीने से डॉक्टर तैनात नहीं है. जिस कारण यहां आने वाले मरीजों को प्राथमिक उपचार भी नहीं मिल पा रहा है.

4 महीने से हॉस्पिटल में तैनात नहीं डॉक्टर,

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दरअसल, रविवार दोपहर को दिवारीखोल निवासी महेश बाइक से बाजार जा रहा था, तभी बीच रास्ते में उसकी बाइक 50 मीटर गहरी खाई में गिर जाती है. इस हादसे में बाइक सवार घायल हो जाता है. जिसे स्थानीय लोगों की मदद से राजकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बनचौरा ने ले जाया गया, लेकिन यहां घायल को यह कहकर हायर सेंटर के लिए रेफर कर दिया जाता है कि उसके किसी प्रकार की खुली चोट नहीं है.

पढ़ें-बीजेपी प्रत्याशियों का नहीं कोई आपराधिक रिकॉर्ड, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पर लंबित कई मामले

स्थानीय लोगों की मानें तो यहां पिछले चार महीने से डॉक्टर नहीं है. यदि इमरजेंसी में यहां किसी मरीज को लाया जाता है तो यहां का स्टाफ उसे हायर सेंटर रेफर कर देता है. ऐसा ही रविवार को भी हुआ. जब सड़क दुर्घटना में घायल हुए युवक को प्राथमिक उपचार के लिए यहां लाया गया तो स्टाफ ने बिना प्राथमिक उपचार दिए उसे हायर सेंटर रेफर कर दिया. हालांकि स्वास्थ्य केंद्र में मौजूद वार्ड बाय ने बताया कि घायल युवक को किसी तरह की खुली चोट नहीं लगी थी. इसलिए उसे हायर सेंटर रेफर कर दिया गया है. यदि उसको खुली चोट लगी होती तो उसे प्राथमिक उपचार दिया जाता.

Intro:हेडलाइन- अस्पताल में नहीं मिलता उपचार। Uk_uttarkashi_vipin negi_no treatment in hospital(exclusive)_31march 2019. Note- दूरस्थ क्षेत्र की खबर होने के कारण खबर के विसुअल और बाईट मेल से भेजे गए हैं।। उत्तरकाशी। शासन प्रशासन लाख दावे कर ले कि पहाड़ में स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर हो रही है। लेकिन इन हकीकतों की सच्चाई बयां कर रहा है राजकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बनचौरा, जहाँ पर रविवार को बाइक दुर्घटना में घायल को प्राथमिक उपचार नहीं मिल पाया। ग्रामीणों ने बताया कि 4 माह से अस्पताल में डॉक्टर नहीं है। तो वहीं स्वास्थ कर्मियों ने रविवार के चलते अस्पताल का ताला खोलने की जहमत भी नहीं उठाई और घायल को यह कहकर हायर सेंटर रेफर कर दिया कि घायल को किसी प्रकार की खुली चोट नहीं है। उसके बाद ग्रामीण घायल को यूटिलिटी वाहन पर इलाज के लिए सीएचसी चिन्यालीसौड़ ले गए।


Body:वीओ-1, गडथ शम्भू प्रसाद जोशी ने बताया कि रविवार दोपहर में बनचोरा बाजार के समीप बाइक सवार महेश निवासी दिवारीखोल अनियंत्रित होकर करीब 50 मीटर खाई में जा गिरा। आसपास मौजूद लोग घायल महेश को लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बनचौरा ले गए। जहां पर अस्पताल में ताला टँगा हुआ था। अस्पताल कर्मी वार्ड बॉय और अन्य कर्मचारी आये भी,तो उन्होंने यूटिलिटी वाहन में ही घायल को देखा और कहा कि घायल के किसी प्रकार की खुली चोट नहीं है। ऐसे में उसे प्राथमिक उपचार नहीं दे सकते। जिसके बाद ग्रामीण घायल को यूटिलिटी वाहन से उपचार के लिए सीएचसी चिन्यालीसौड़ ले गए।


Conclusion:वीओ-2, ग्रामीणों का कहना है कि अगर ऐसी स्थिति में घायल को रास्ते में कुछ हो जाये। तो उसका जिम्मेदार कौन होगा। ग्रामीणों ने बताया कि चार माह से अस्पताल में एक भी डॉक्टर तैनात ह। इसलिए आपातकाल स्थिति या किसी व्यक्ति के बीमार होने पर ग्रामीणों को नजदीकी कोई स्वास्थ सुविधा उपलब्ध नहीं है। ग्रामीणों को 15 से 20 किमी दूर चिन्यालीसौड़ का रुख करना पड़ता है। ऐसी स्थिति में अगर कोई मरीज ज्यादा बीमार हो जाये या दम तोड़ दे,तो उसका जिम्मेदार कौन होगा। बाईट- शम्भू जोशी,प्रधान गडथ। बाईट- रणवीर चौहान,ग्रामीण। बाईट- वार्ड बॉय,पीएचसी बनचौरा।
Last Updated : Apr 1, 2019, 12:36 PM IST
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