उत्तरकाशी: बाड़ाहाटा क्षेत्र के आराध्य कंडार देवता आगामी 6 जून को गंगा दशहरा को गंगोत्री धाम की पदयात्रा पर निकलेंगे. एक सप्ताह की इस पदयात्रा में बाड़ाहाट क्षेत्र के कई गांवों के ग्रामीण भी साथ रहेंगे. कंडार देवता की पदयात्रा 12 जून को पुन: संग्राली गांव वापस लौटने पर संपन्न होगी.
बता दें जिला मुख्यालय से 13 किमी. दूर वरुणावत पर्वत पर बसे संग्राली गांव में कंडार देवता का प्राचीन मंदिर आस्था का केंद्र के साथ एक न्यायालय भी है. इस न्यायालय में फैसले कंडार देवता की डोली सुनाती है. लोग यहां जन्मपत्री, विवाह, मुंडन, धार्मिक अनुष्ठान, जनेऊ, मकान बनाने का दिन सहित अन्य संस्कारों की तिथि तय करने के लिए पंडित की तलाश नहीं करते. कंडार देवता मंदिर के परिसर में ग्रामीण आपनी समस्यओं को लेकर आते हैं. जहां श्रद्धालु डोली को कंधे पर रख कंडार देवता का स्मरण करते हैं. इस दौरान डोली डोलने लगती है, जो ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान करती है.
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कंडार देवता मंदिर समिति के अध्यक्ष विनोद सिंह नेगी व उपाध्यक्ष देवेंद्र चौहान ने बताया कि 6 जून को गंगा दशहरा के पावन अवसर पर संग्राली व बाड़ाहाटा क्षेत्र के ईष्ट कंडार देवता पैदल यात्रा कार्यक्रम के तहत गंगोत्री धाम के लिए रवाना होंगे. जिसके चतहत 6 जून को संग्राली से ठीक नौ बजे पदयात्रा शुरू होगी, जो कि रात्रि विश्राम के लिए मल्ला पहुंचेगी.
वहीं, 7 जून को पदयात्रा सुक्की पहुंचेगी. जिसके बाद यात्रा 8 जून को सुक्की से भैरोंघाटी और 9 जून को गंगोत्री धाम पहुंचेगी. 10 जून को गंगोत्री से प्रस्थान कर झाला गांव में रात्रि प्रवास रहेगा. इसके बाद 11 जून को सुबह झाला से भटवाड़ी और 12 को भटवाड़ी से संग्राली गांव में पैदल यात्रा संपन्न होगी. पदयात्रा में बाड़ाहाट क्षेत्र के संग्राली, पाटा, बग्यालगांव, खांड, लक्षेश्वर, गंगोरी, ज्ञानसू आदि गांवों के ग्रामीण भी शामिल रहेंगे.