उत्तरकाशी: जिला एवं विशेष सत्र न्यायाधीश कौशल किशोर शुक्ला की अदालत ने बेटी से द़ुष्कर्म का प्रयास करने के आरोपी पिता को ढ़ाई साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. अभियुक्त पर पांच हजार का अर्थ दंड भी लगाया गया है. अर्थ दंड न भुगतने पर एक माह का सश्रम कारावास अतिरिक्त भुगतना होगा.
वन स्टॉप सेंटर उत्तरकाशी में 21 मार्च 2020 को नाबालिग पीड़िता व उसकी मां ने शिकायत दर्ज कराई थी. शिकायत में नाबालिग ने बताया था कि 19 मार्च 2009 को रात्रि के समय वह अपने कमरे में पढ़ाई कर रही थी. इसी दौरान उसके पिता शराब के नशे में उसके कमरे में आये. कमरे की कुंडी बंद कर उसके साथ जबरदस्ती करने लगे. कमरे में मौजूद उसके दो छोटे भाई यह देखकर चिल्लाने लगे. जिसके बाद पिता ने दोनों भाईयों को दूसरे कमरें में बंद कर दिया. बच्चों की चिल्लाने की आवाज सुनकर रसोई में खाना बना रही उसकी मां बाहर आई. किसी तरह कमरे का दरवाजा खोला.
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पीड़िता ने बताया मां के बीच बचाव करने पर पिता ने मां के साथ भी मारपीट की. जिस पर मां व नाबालिग पीड़िता घर से भागकर जंगल में चले गए. जिसके बाद वे रात भर जंगल में रहे. वन स्टाप सेंटर के सहयोग से कोतवाली उत्तरकाशी में नाबालिग पीड़िता के पिता के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई. पुलिस ने आरोपी पिता के खिलाफ पॉक्सो के तहत मुकदमा दर्ज किया.
28 मार्च को पुलिस ने आरोपी पिता को गिरफ्तार किया. सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता पूनम सिंह ने बताया कि पुलिस ने 16 मई 2020 को न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया. बचाव व अभियोजन पक्ष की बहस सुनने के बाद शुक्रवार को विशेष सत्र न्यायाधीश कौशल किशोर शुक्ला ने फैसला सुनाया. अभियुक्त पिता को ढ़ाई वर्ष के सश्रम कारावास सजा सुनाई है.