उत्तरकाशी: भारत-चीन अंतरराष्ट्रीय सीमा पर चल रहे गतिरोध के बीच नेहरू पर्वतारोहण संस्थान और भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस बल ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है. उत्तरकाशी जनपद से सटे LAC क्षेत्र में विषम परिस्थितियां होने के कारण आज तक कोई भी इन चोटियों और LAC के अंतिम छोर तक नहीं पहुंच पाया है. इसी क्रम में पहली बार आईटीबीपी और निम की संयुक्त 21 सदस्यीय टीम ने LAC पर 5 अनाम सहित 6 चोटियों का सफल आरोहण किया है. इतना ही नहीं इस टीम ने LAC के वॉटर शेड पर पेट्रोलिंग कम पर्वतारोहण भी किया.
नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के प्रधानाचार्य कर्नल अमित बिष्ट ने मीडिया को दी जानकारी ने बताया कि 19 सितम्बर को आईटीबीपी और निम की संयुक्त टीम ने LAC पर स्थित अनाम चोटियों के आरोहण का अभियान शुरू किया था. जिसे वॉटर शेड नाम दिया गया था. वॉटर शेड वह क्षेत्र होता है, जहां पर दोनों देशों की चोटियों का अंतिम छोर होता है. यहां LAC की लाइन मौजूद होती है. इस संयुक्त टीन मे ने 75 किमी के LAC के क्षेत्र का निरीक्षण किया. यह टीम माणा पास होते हुए बदरीनाथ पहुंची.
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कर्नल अमित बिष्ट ने बताया कि रास्ता मालूम न होने के बावजूद भी निम और आईटीबीपी की संयुक्त टीम ने LAC पर 6100 मीटर ऊंची स्वरूप चोटी सहित 5 अनाम चोटियों, जिनकी ऊंचाई 6129 मीटर, 6007 मीटर, 6075, 6030 और 6025 मीटर है, फतह की हैं. यह पहली बार हुआ है कि उत्तरकाशी और चमोली से सटी LAC पर किसी संयुक्त टीम ने पर्वतारोहण के साथ पेट्रोलिंग की है.
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उन्होंने बताया कि ये क्षेत्र सामरिक दृष्टिकोण से भारत के लिए महत्वपूर्ण है. अब किसी भी परिस्थिति में सेना और आईटीबीपी के लिए LAC पर पहुंचने के लिए रूट पहली बार खोले गए हैं. हालांकि, अभी आईटीबीपी की ओर से इस पर किसी भी प्रकार का अधिकारिक बयान नहीं आया है.
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आईटीबीपी और निम की इस संयुक्त टीम में आईटीबीपी के 18 अधिकारी और जवान सहित निम के प्रधानाचार्य सहित एक सूबेदार और हवलदार ने कर्नल अमित बिष्ट और आईटीबीपी की उत्तरी फ्रंट की डीआईजी आईपीएस अपर्णा कुमार के नेतृत्व में ये कारनामा किया.