उत्तरकाशी: हाल ही में हादसे से सुर्खियों में आई सिलक्यारा सुरंग अभी बनकर तैयार नहीं हुई है. लेकिन इस सुरंग के पोलगांव बड़कोट वाले मुहाने के पास राजमार्ग निर्माण खंड ने दूरी कम होने का बोर्ड पहले ही लगा दिया है. इसमें धरासू बैंड की दूरी 30 किमी दर्शायी गई है. जबकि यह वास्तव में ये दूरी 50 किमी है. इससे पर्यटक भी भ्रमित हो रहे हैं.
सिलक्यारा टनल के निर्माण में होगी देरी: यमुनोत्री हाईवे पर निर्माणाधीन सिलक्यारा पोलगांव सुरंग बनने से 24 किमी दूरी कम होगी. इस सुरंग का निर्माण कार्य मार्च 2024 तक पूरा होना था, लेकिन बीते 12 नवंबर को सुरंग में भूस्खलन के हादसे के बाद अभी तक इसका निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है. ऐसे में इसका निर्माण पूरा होने में पहले से अधिक समय लगना तय है.
टनल बनने से पहले ही लगा दिया कम दूरी का बोर्ड: वहीं राजमार्ग निर्माण खंड ने सुरंग का निर्माण पूरा होने से पहले ही दूरी कम होने का बोर्ड लगा दिया है. पोल गांव के पास लगाए गए इस बोर्ड में धरासू बैंड की दूरी 30, उत्तरकाशी 60, भटवाड़ी 91 और गंगोत्री 163 किमी दर्शाई गई है. जबकि वास्तव में यह धरासू बैंड तक 50, उत्तरकाशी 80, भटवाड़ी 111 और गंगोत्री 183 किमी है. इससे बाहर से आने वाले पर्यटक भ्रमित हो रहे हैं. इधर, एनएच के ईई राजेश पंत ने कहा कि इसे दिखवाया जाएगा.
उत्तरकाशी के सिलक्यारा में हुआ था टनल हादसा: उत्तरकाशी के सिलक्यारा में 12 नवंबर 2023 को टनल हादसा हुआ था. जब रात की शिफ्ट खत्म करके 41 श्रमिक टनल से बाहर आ रहे थे तो अचानक टनल में मलबा गिर गया था. इससे 41 मजदूर टनल के अंदर ही फंस गए थे. ये मामला इतना गंभीर था कि इसमें देश विदेश के टनल और रेस्क्यू एक्सपर्ट ऑपरेशन में लगाए गए थे. 17वें दिन सिलक्यारा टनल से 41 मजदूरों का रेस्क्यू किया जा सका था. सिलक्यारा टनल ऑल वेदर चारधाम रोड परियोजना के अंतर्गत बन रही है. इससे सिलक्यारा से धरासू बैंड की दूरी करीब 24 किलोमीटर कम हो जाएगी.
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