उत्तरकाशीः गंगोत्री, यमुनोत्री और हर्षिल घाटी में एक बार फिर से बर्फबारी शुरू हो गई. देर शाम तक हर्षिल घाटी समेत बड़कोट और मोरी तहसील के ऊंचाई वाले इलाकों के गांवों ने बर्फ की सफेद चादर ओढ़ ली है. जबकि, निचले इलाकों में बारिश से तामपान में भारी गिरावट दर्ज की गई है. ऐसे में हाड कंपा देने वाली ठंड के बीच अलाव ही एक मात्र सहारा बना हुआ है.
बता दें कि हर्षिल घाटी में मंगलवार दोपहर बाद से ही जमकर बर्फबारी हो रही है. जिससे घाटी के करीब 8 गांवों में जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. इसके साथ ही गंगोत्री औए यमुनोत्री धाम में बर्फबारी के बाद पूरे इलाके में बर्फ की सफेद चादर बिछ गई है. पर्यटकों भी बर्फबारी का जमकर लुत्फ उठा रहे हैं. जबकि, काश्तकारों के चेहरों पर रौनक लौटी है.
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वहीं, हर्षिल घाटी में बर्फबारी के बाद होटल व्यवसायियों के चेहरे खिले हुए हैं. होटल व्यवसायी संजय पंवार ने बताया कि बर्फबारी से ज्यादा पर्यटकों के हर्षिल घाटी में पहुंचने की उम्मीद बढ़ गई है. उधर, ज्यादा बर्फबारी होती है तो ग्रामीणों इलाकों में मुश्किलें बढ़ सकती है. बर्फबारी के दौरान गांवों में आवश्यक सामग्री की सप्लाई बाधित हो जाती है. साथ ही विद्युत, पेयजल, ईंधन आदि की समस्याओं से भी ग्रामीणों को जूझना पड़ता है.