उत्तरकाशी: जनपद के बयाणा और लौंथरु गांव (Bayana and Lountharu Village) में लोगों मानसून की दोहरी मार झेलनी पड़ रही है. जहां गांव के सड़क सहित पैदल मार्ग क्षतिग्रस्त हो गए हैं. वहीं उफान पर आए नाले ने नगदी फसल को खासा नुकसान पहुंचाया है. जो बच गई तो उसे भी बाजार तक पहुंचाने के लिए कोई विकल्प नहीं बचा है. ग्रामीणों ने प्रशासन से क्षतिग्रस्त पैदल मार्ग को दुरुस्त करने की मांग की.
मार्ग बाधित होने से बढ़ी लोगों की परेशानियां: भटवाड़ी विकासखंड के लौंथरु गांव के संजय सिंह राणा,रघुवीर सिंह चौहान,महेंद्र कंसवाल सहित मनवीर का कहना है कि मानसून की मूसलाधार बारिश के कारण गांव को जोड़ने वाली सड़क एक सप्ताह से बंद पड़ी है. वहीं लौंथरु और बयाणा को जोड़ने वाला पैदल मार्ग भी ध्वस्त हो गया है. जिससे स्कूली बच्चों सहित ग्रामीणों को सड़क तक पहुंचने के लिए चार किमी की पैदल दूरी जान जोखिम में डालकर नापनी पड़ रही है.
ग्रामीणों ने की मुआवजे की मांग: संजय सिंह राणा ने बताया कि दोनों गांव में शिमला मिर्च, राजमा, चौलाई, मंडवा की खेती होती है. करीब 70 प्रतिशत फसल नाले में बह गई है. जो बचा है, उसे बाजार तक पहुंचाने के लिए अब कोई विकल्प नहीं बचा है. स्थानीय ग्रामीणों ने जिला प्रशासन सड़क और पैदल मार्गों को दुरुस्त करने की मांग की है. जिससे उन्हें आवाजाही में परेशानियों का सामना ना करना पड़े. इसके साथ ही फसल के नुकसान के लिए मुआवजे की मांग की है.