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उत्तरकाशी में आंधी-तूफान से उड़ी छतें, ओलों से फसलें तबाह

उत्तरकाशी में बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि और आंधी तूफान ने जमकर कहर बरपाया है. फसलों और आवासीय भवनों को नुकसान पहुंचा है.

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Published : May 1, 2020, 8:52 AM IST

Updated : May 25, 2020, 7:26 PM IST

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बारिश

उत्तरकाशीः गंगा और यमुना घाटी में बीते रोज जमकर बारिश और ओलावृष्टि हुई. ओलावृष्टि से जहां किसानों के खेतों में खड़ी फसलें बर्बाद हो गईं तो आंधी ने कई घरों की छतें उड़ा दीं. ग्रिड फेल हो जाने से बिजली गुल हो गई. इसके बाद नैनबाग सब स्टेशन से बिजली आपूर्ति करनी पड़ी.

जिले में गुरुवार शाम को कुछ देर बादल जमकर बरसे तो वहीं, आंधी तूफान ने भी कहर बरपाया. जिला मुख्यालय के बड़ेथी गांव में पोखू देवता मंदिर के पास एक मकान पर पेड़ गिर गया. घर में मौजूद लोग बाल-बाल बचे. बड़कोट के पालर गांव में पेड़ टूटने से दो मंजिला भवन क्षतिग्रस्त हो गया. इन परिवारों को अन्य ग्रामीणों के घरों में शरण लेनी पड़ी. ज्ञानशू में तीन घरों की छतें उड़ गईं.

ये भी पढ़ेंः इनदिनों ठहरा सा-खामोश हूं...मैं देहरादून हूं

बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि ने गंगा और युमना घाटी के काश्तकारों के चेहरे मायूस कर दिए हैं. ओलावृष्टि के कारण किसानों के खेतों में खड़ी गेहूं की फसल खराब हो गई है तो वहीं, कई नगदी फसलों को भी नुकसान पहुंचा है. काश्तकारों का कहना है कि एक ओर कोरोना की मार पड़ रही है तो अब अप्रैल महीने में हुई इस ओलावृष्टि की दोहरी मार ने सब कुछ बर्बाद कर दिया है.

उत्तरकाशीः गंगा और यमुना घाटी में बीते रोज जमकर बारिश और ओलावृष्टि हुई. ओलावृष्टि से जहां किसानों के खेतों में खड़ी फसलें बर्बाद हो गईं तो आंधी ने कई घरों की छतें उड़ा दीं. ग्रिड फेल हो जाने से बिजली गुल हो गई. इसके बाद नैनबाग सब स्टेशन से बिजली आपूर्ति करनी पड़ी.

जिले में गुरुवार शाम को कुछ देर बादल जमकर बरसे तो वहीं, आंधी तूफान ने भी कहर बरपाया. जिला मुख्यालय के बड़ेथी गांव में पोखू देवता मंदिर के पास एक मकान पर पेड़ गिर गया. घर में मौजूद लोग बाल-बाल बचे. बड़कोट के पालर गांव में पेड़ टूटने से दो मंजिला भवन क्षतिग्रस्त हो गया. इन परिवारों को अन्य ग्रामीणों के घरों में शरण लेनी पड़ी. ज्ञानशू में तीन घरों की छतें उड़ गईं.

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बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि ने गंगा और युमना घाटी के काश्तकारों के चेहरे मायूस कर दिए हैं. ओलावृष्टि के कारण किसानों के खेतों में खड़ी गेहूं की फसल खराब हो गई है तो वहीं, कई नगदी फसलों को भी नुकसान पहुंचा है. काश्तकारों का कहना है कि एक ओर कोरोना की मार पड़ रही है तो अब अप्रैल महीने में हुई इस ओलावृष्टि की दोहरी मार ने सब कुछ बर्बाद कर दिया है.

Last Updated : May 25, 2020, 7:26 PM IST
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