उत्तरकाशी: सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पुरोला उच्चीकरण के बाद उप जिला चिकित्सालय बन गया है. लेकिन यहां सुविधाओं में सुधार नहीं हो रहा है. स्थिति ये है कि पिछले चार माह से यहां एक्सरे मशीन खराब पड़ी हुई है. इस कारण दूर दराज के क्षेत्रों से मरीज जांच के लिए विकासनगर व देहरादून तक यानी 130 से 160 किमी तक की दूरी नापने के लिए मजबूर हैं. इसके बावजूद भी व्यवस्थाओं में सुधार होता नजर नहीं आ रहा है.
रवांई घाटी के 43 ग्राम पंचायतों की लभगग 48 हजार से अधिक आबादी स्वास्थ्य सुविधा के लिए उप जिला चिकित्सालय पुरोला पर निर्भर है. लेकिन यहां सुविधाओं में सुधार होता नजर नहीं आ रहा है. पिछले चार माह से यहां एक्सरे मशीन खराब होने के कारण दूर दराज से स्वास्थ्य जांच के लिए पहुंचने वाले ग्रामीण देहरादून व विकासनगर जैसे बड़े शहरों का रूख करने को मजबूर हैं. इसके लिए उन्हें विकासनगर तक 130 और देहरादून तक 160 किमी दूरी नापनी पड़ रही है. बावजूद इसके मशीन की मरम्मत कराने के लिए कोई सकारात्मक प्रयास नहीं हो रहे हैं.
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ग्रामीण राजपाल पंवार, अरविंद, गोविंद पंवार बताते हैं कि एक्सरे मशीन ना होने से दूरदराज से आने वाले ग्रामीणों को खासी परेशानी उठानी पड़ रही है. उन्होंने हाल ही के घटना का जिक्र करते हुए कहा कि कुछ दिन पूर्व गांव की एक महिला खेतों में काम करते हुए गिर गई थी. जिसे लेकर अस्पताल पहुंचे तो महिला के हाथ में लगी चोट का एक्सरे नहीं हो पाया. मजबूरन महिला को विकासनगर ले जाकर एक्सरे करवाना पड़ा. ऐसे में आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को सबसे ज्यादा परेशानी उठानी पड़ रही है, जो कि बाहर अधिक फीस पर जांच करवा रहे हैं. इससे समय के साथ आर्थिक नुकसान भी हो रहा है.
कंपनी को नहीं किया बकाया भुगतान: थर्ड पार्टी कंपनी पर मशीन के रख रखाव का जिम्मा है. कंपनी के लोगों का कहना है कि पिछला बकाया भुगतान नहीं होने के कारण वह मशीन ठीक करने में असमर्थ हैं. प्रभारी चिकित्साधिकारी उप जिला चिकित्सालय पुरोला के डॉ. कपिल तोमर ने बताया कि एक्सरे मशीन पिछले चार माह से खराब है. इसके रख रखाव का जिम्मा थर्ड पार्टी कंपनी पर है. मामले को लेकर सीएमओ व सीडीओ को भी पत्र लिखकर अवगत कराया गया है.